अजमेर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन के मौके पर विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में बुधवार को लंगर का आयोजन हुआ. दरगाह में मौजूद दुनिया की सबसे बड़े ऐतिहासिक देग (कड़ाहा) में मीठा चावल पकाया गया, जिसे जायरीन और गरीब बस्तियों में वितरित किया गया.
खादिम सैयद अफसान चिश्ती ने बताया कि इंडियन माइनॉरिटी फाउंडेशन और चिश्ती फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर साढ़े चार हजार किलो मीठे चावल बड़ी देग में पकवाकर वितरित किए गए हैं. चावल को दुनिया के सबसे बड़ी देग (कड़ाहा) में पकाया गया. मंगलवार रात को 11 बजे बाद परंपरागत तरीके से बड़ी देग के नीचे चूल्हे को लकड़ियों से जलाया गया. इसके बाद बड़ी देग में पानी भरा गया. पानी गर्म होने के बाद उसमें चावल, देशी घी, केसर, मेवा और शक्कर मिला कर उसे पकने दिया गया. करीब 4 से 5 घंटे पकने के बाद मीठे चावल बुधवार सुबह आम जायरीन और गरीब बस्तियों में वितरित कर दिए गए.
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सबसे बड़ी देग में पके चावल : चिश्ती फाउंडेशन के चेयरमैन सैयद सलमान चिश्ती ने बताया कि दरगाह में सदियों से सेवा के भाव से लंगर का आयोजन किया जाता रहा है. 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के साथ ही पूरे देश में सेवा पखवाड़ा शुरू हुआ है. इसके तहत कोई स्वच्छता अभियान, तो कोई पेड़ लगा रहे हैं. इसी कड़ी में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में मौजूद दुनिया की सबसे बड़ी कड़ाही में मीठे चावल पकाए गए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दरगाह शरीफ से जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गई और देश के 140 करोड़ भारतीयों के लिए भी दुआ की गई वह देश की तरक्की का हिस्सा बनें. उन्होंने बताया कि 4 हजार किलो मीठे चावल वितरित किए गए.