श्रीनगर: बरसात के दौरान ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सक्रिय भूस्खलन जोन कहर बनकर टूट सकते हैं. मानसून दस्तक दे चुका है, लेकिन अभी तक ट्रीटमेंट न होने से राजमार्ग पर पहाड़ियों से मलबा व बोल्डर गिरने की आशंका बनी हुई है. एनएच पर ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक कुल 44 सक्रिय लैंडस्लाइड जोन की डीपीआर तैयार की गई है. इनमें से दो से तीन भूस्खलन क्षेत्र एनएच विभाग के लिए भी परेशानी का सबब बने हुए हैं.
लैंडस्लाइड जोन बन सकते हैं नासूर: एनएच लोक निर्माण विभाग मानसून को लेकर भले ही पूरी तैयारियों के दावे कर रहा हो, लेकिन बरसात के दौरान राजमार्ग पर सक्रिय भूस्खलन जोन विभाग के लिए चुनौती बन सकते हैं. यहां ऋषिकेश ब्रह्मपुरी से लेकर रुद्रप्रयाग तक कुल 44 छोटे-बड़े लैंडस्लाइड जोन हैं. इनमें चमधार, बछेलीखाल व अटाली गंगा के समीप सक्रिय भूस्खलन जोन प्रशासन के साथ-साथ यात्रियों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकते हैं. हालांकि राजमार्ग बाधित होने की स्थिति में बिना समय गंवाए यातायात के लिए मार्ग सुचारू किया जा सके, इसके लिए 14 जेसीबी मशीनें तैनात की गई हैं. इनमें 11 मशीनें टेंडर द्वारा एनएच विभाग ने अनुबंधित की हैं.
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी? देवप्रयाग से कौड़ियाला के बीच पड़ने वाले 10 भूस्खलन क्षेत्रों में स्लोप प्रोटेक्शन का कार्य गतिमान है. ब्रहमपुरी-कौड़ियाला के बीच के 12 जोनों का टेंडर हो चुका है, जल्द कार्य शुरू हो जाएगा. इसके अलावा कुल एनएच पर 44 भूस्खलन क्षेत्रों की डीपीआर तैयार की गई है. इसमें सबसे अधिक खर्चा चमधार भूस्खलन क्षेत्र में आयेगा. यहां 150 मीटर ट्रीटमेंट के लिए करीब 34 करोड़ खर्च किए जायेंगे.
यहां इतने भूस्खलन जोन हैं सक्रिय: ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 44 भूस्खलन जोनों की डीपीआर एनएच लोनिवि ने तैयार की है. इनमें ब्रह्मपुरी से कौड़ियाला तक 12 जोन, कौड़ियाला से देवप्रयाग तक 10, देवप्रयाग से श्रीनगर तक 7, श्रीनगर से रुद्रप्रयाग तक 5 जोन सक्रिय हैं. इसके अलावा अन्य 10 छोटे-बड़े जोन बछेलीखाल, सिंगटाली समेत एनएच पर सक्रिय हैं.
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