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प्रहलाद गुंजल के क्रेशर की नपाई में छूटे संयुक्त टीम के 'पसीने', लौटी बैरंग, अब होगा डीजीपीएस सर्वे - land measurement of illegal crusher - LAND MEASUREMENT OF ILLEGAL CRUSHER

पूर्व विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के क्रेशर की नपाई करने मौके पर पहुंची टीम कई घंटों की मेहनत के बाद भी नपाई नहीं कर पाई. अब नपाई के लिए डीजीपीएस सर्वे के लिए लिखा गया है.

Land Measurement of Prahlad Gunjal's crusher
प्रहलाद गुंजल के क्रेशर की नपाई (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 4:54 PM IST

कोटा. कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के खिलाफ अवैध माइनिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा उनके क्रेशर बाल बालाजी को लेकर किया गया है. इस मामले में प्रहलाद गुंजल ने अधिकारियों को चुनौती दी थी कि उनका क्रेशर वैध है और उसके दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे. इसके बाद बुधवार को उनकी जमीन की नपाई के लिए संयुक्त टीम बावड़ीखेड़ा पहुंची, लेकिन 8 घंटे तक चली इस नपाई के बाद भी कोई टीम कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई. अब टीम ने इस जगह की नपाई के लिए डीजीपीएस सर्वे के लिए लिखा है. हालांकि फिलहाल जॉइंट टीम बैरंग ही वापस लौट गई है.

नगर विकास न्यास के तहसीलदार हेमराज मीणा का कहना है कि जमीन को नापने के लिए सुबह 6 बजे पहुंचे गए थे. इस ज्वाइंट टीम में उनके साथ तहसील लाल लाडपुरा हरिनारायण सोनी, माइनिंग इंजीनियर रामनिवास मंगल, थाना अधिकारी रानपुर भंवर सिंह और लाडपुरा रेंजर संजय नागर थे. यह कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक चली, जिसमें 50 से 60 लोग इन संयुक्त टीमों को मिलाकर थे.

पढ़ें: अवैध माइनिंग के आरोप पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल और उनके भतीजे के खिलाफ मुकदमा दर्ज, ये है मामला - Case Against Prahlad Gunjal

यूआईटी के तहसीलदार हेमराज मीणा का कहना है कि फिलहाल कोई निष्कर्ष इस मामले में नहीं निकला है. हमने कई जगह से नापने की कोशिश की, लेकिन दो गांव के खसरे यहां पर आ रहे हैं. एक तरफ इसमें फॉरेस्ट है. जिसके कारण कोई पॉइंट भी नहीं मिला. वहीं दूसरी तरफ अन्य खातेदारों की जमीन आ रही है. इस कारण यह तय नहीं हो पाया है कि यह जमीन कौनसे खसरे में आ रही है. ऐसे में अब इसमें भू-प्रबंधन विभाग की मदद ली जाएगी. उनके जरिए डीजीपीएस/ईटीएस सर्वे के लिए लिखा गया है. जिससे ही यह जमीन किसकी है, यह तय हो पाएगा.

कोटा. कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल के खिलाफ अवैध माइनिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा उनके क्रेशर बाल बालाजी को लेकर किया गया है. इस मामले में प्रहलाद गुंजल ने अधिकारियों को चुनौती दी थी कि उनका क्रेशर वैध है और उसके दस्तावेज भी प्रस्तुत किए थे. इसके बाद बुधवार को उनकी जमीन की नपाई के लिए संयुक्त टीम बावड़ीखेड़ा पहुंची, लेकिन 8 घंटे तक चली इस नपाई के बाद भी कोई टीम कोई निष्कर्ष नहीं निकाल पाई. अब टीम ने इस जगह की नपाई के लिए डीजीपीएस सर्वे के लिए लिखा है. हालांकि फिलहाल जॉइंट टीम बैरंग ही वापस लौट गई है.

नगर विकास न्यास के तहसीलदार हेमराज मीणा का कहना है कि जमीन को नापने के लिए सुबह 6 बजे पहुंचे गए थे. इस ज्वाइंट टीम में उनके साथ तहसील लाल लाडपुरा हरिनारायण सोनी, माइनिंग इंजीनियर रामनिवास मंगल, थाना अधिकारी रानपुर भंवर सिंह और लाडपुरा रेंजर संजय नागर थे. यह कार्रवाई दोपहर 2 बजे तक चली, जिसमें 50 से 60 लोग इन संयुक्त टीमों को मिलाकर थे.

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यूआईटी के तहसीलदार हेमराज मीणा का कहना है कि फिलहाल कोई निष्कर्ष इस मामले में नहीं निकला है. हमने कई जगह से नापने की कोशिश की, लेकिन दो गांव के खसरे यहां पर आ रहे हैं. एक तरफ इसमें फॉरेस्ट है. जिसके कारण कोई पॉइंट भी नहीं मिला. वहीं दूसरी तरफ अन्य खातेदारों की जमीन आ रही है. इस कारण यह तय नहीं हो पाया है कि यह जमीन कौनसे खसरे में आ रही है. ऐसे में अब इसमें भू-प्रबंधन विभाग की मदद ली जाएगी. उनके जरिए डीजीपीएस/ईटीएस सर्वे के लिए लिखा गया है. जिससे ही यह जमीन किसकी है, यह तय हो पाएगा.

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