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एक साल तक ट्रेनिंग देकर मर चुके व्यक्ति का तैयार किया डुप्लीकेट, फिर किया करोड़ों का खेल, जानिए असली फिल्म के नकली किरदार - BAREILLY NEWS

यूपी के बरेली एक ऐसा मामले का खुलासा हुआ है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. अब इस असली फिल्म के डायरेक्टर और विलेन हुए गिरफ्तार

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तीन आरोपी गिरफ्तार. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 6, 2024, 6:55 PM IST

बरेलीः अभी तक आपने फिल्मों में देखा होगा कि किसी के मरने के बाद भी हूबहू उसी की तरह दिखने वाला सख्स खुद को असली बताकर दौलत पर कब्जा कर लेता है. ठीक इसी तरह का एक मामला बरेली में आया है. 2003 में मर चुके संतोष टंडन की जगह एक नटवरलाल ने ले ली. इसके बाद करोड़ों की जमीन को पवार अटॉनी करा दी. इतना ही नहीं हर जगह खुद को संतोष टंडन बना कर पेश करता रहा. अब पुलिस ने शातिर नटवरलाल सहित उसके दो और साथियों को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, बरेली के रहने वाले संतोष टंडन की करोड़ों की जमीन इज्जतर नगर थाना क्षेत्र में थी. संतोष टंडन बरेली छोड़ कर लखनऊ चले गए थे, जहां 2003 में उनकी मृत्यु हो गयी थी. इज्जत नगर थाना क्षेत्र के नैनीताल हाइवे पर करोड़ों की जमीन खतौनी में संतोष टंडन के नाम चल रही थी.

पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक. (Video Credit; ETV Bharat)

कुछ महीने पहले संतोष टंडन की बेटी प्रियंका टंडन को पता चला कि उनके पिता के नाम की करोड़ों की जमीन का किसी ने फर्जी संतोष टंडन को पेश करके सौदा कर एग्रीमेंट कर दिया है. इसके साथ ही बैंक में एक खाता खोल कर लाखों रुपए का लेनदेन भी किया है. इसके बाद प्रियंका टंडन ने की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक से की. पुलिस अधीक्षक के आदेश पर इज्जत नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस की जांच की तो जो सच्चाई सामने आई उसे सुनकर लोग हैरान रह गए.

2 लाख रुपये में तैयार किया डुप्लीकेटः पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस ने जांच करते हुए संतोष टंडन बताने वाले व्यक्ति को बुलाकर पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि असली संतोष टंडन की मृत्यु 2003 में लखनऊ में हो गई थी. संतोष के करीबी प्रॉपर्टी डीलर बबलू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन को उनकी जमीन की जानकारी थी. इसी जमीन को हड़पने के लिए बबलू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन ने एक ऐसे व्यक्ति को तलाश किया, जिसका पहले से आधार कार्ड नहीं बना था.

एक साल तक डुप्लीकेट को दी ट्रेनिंगः इसके बाद उन्होंने भुता के रहने वाले राजू उर्फ राजदीप को 2 लाख रुपये का लालच देकर अपने प्लान में शामिल किया. प्लान के तहत सबसे पहले उसका संतोष टंडन के नाम से आधार कार्ड बनवाया. इसके बाद एक साल तक संतोष टंडन के हर गतिविधि की ट्रेनिंग दी गई. यहां तक कि उसको अंग्रेजी बोलना सिखाया गया और संतोष टंडन के बारे में बारीकी से जानकारी राजू उर्फ राजदीप को बताई गई. जिस तरह से संतोष टंडन खुद रहते थे उसी तरह की ट्रेनिंग देकर राजदीप उर्फ राजू को संतोष टंडन बनाया गया. इसके बाद संतोष टंडन की जमीन पीलीभीत के रहने वाले एक राइस मिलर से 50 लाख रुपए लेकर एग्रीमेंट कराया गया.

तीन आरोपी गिरफ्तारः बरेली पुलिस ने मृतक संतोष टंडन की जगह संतोष टंडन बनाकर उनके करोड़ों की जमीन का एग्रीमेंट करने वाले फर्जी संतोष टंडन उर्फ राजू उर्फ राजदीप और उसके साथी प्रॉपर्टी डीलर राजू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों ने मिलकर पहले प्लान तैयार किया और उसके बाद करोड़ों की जमीन का सौदा किया था.

इसे भी पढ़ें-यूपी की लग्जरी कारों को चुराकर नेपाल में बेचने वाले गैंग का पर्दाफाश, 2 आरोपी गिरफ्तार

बरेलीः अभी तक आपने फिल्मों में देखा होगा कि किसी के मरने के बाद भी हूबहू उसी की तरह दिखने वाला सख्स खुद को असली बताकर दौलत पर कब्जा कर लेता है. ठीक इसी तरह का एक मामला बरेली में आया है. 2003 में मर चुके संतोष टंडन की जगह एक नटवरलाल ने ले ली. इसके बाद करोड़ों की जमीन को पवार अटॉनी करा दी. इतना ही नहीं हर जगह खुद को संतोष टंडन बना कर पेश करता रहा. अब पुलिस ने शातिर नटवरलाल सहित उसके दो और साथियों को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, बरेली के रहने वाले संतोष टंडन की करोड़ों की जमीन इज्जतर नगर थाना क्षेत्र में थी. संतोष टंडन बरेली छोड़ कर लखनऊ चले गए थे, जहां 2003 में उनकी मृत्यु हो गयी थी. इज्जत नगर थाना क्षेत्र के नैनीताल हाइवे पर करोड़ों की जमीन खतौनी में संतोष टंडन के नाम चल रही थी.

पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक. (Video Credit; ETV Bharat)

कुछ महीने पहले संतोष टंडन की बेटी प्रियंका टंडन को पता चला कि उनके पिता के नाम की करोड़ों की जमीन का किसी ने फर्जी संतोष टंडन को पेश करके सौदा कर एग्रीमेंट कर दिया है. इसके साथ ही बैंक में एक खाता खोल कर लाखों रुपए का लेनदेन भी किया है. इसके बाद प्रियंका टंडन ने की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक से की. पुलिस अधीक्षक के आदेश पर इज्जत नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस की जांच की तो जो सच्चाई सामने आई उसे सुनकर लोग हैरान रह गए.

2 लाख रुपये में तैयार किया डुप्लीकेटः पुलिस अधीक्षक नगर मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस ने जांच करते हुए संतोष टंडन बताने वाले व्यक्ति को बुलाकर पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि असली संतोष टंडन की मृत्यु 2003 में लखनऊ में हो गई थी. संतोष के करीबी प्रॉपर्टी डीलर बबलू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन को उनकी जमीन की जानकारी थी. इसी जमीन को हड़पने के लिए बबलू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन ने एक ऐसे व्यक्ति को तलाश किया, जिसका पहले से आधार कार्ड नहीं बना था.

एक साल तक डुप्लीकेट को दी ट्रेनिंगः इसके बाद उन्होंने भुता के रहने वाले राजू उर्फ राजदीप को 2 लाख रुपये का लालच देकर अपने प्लान में शामिल किया. प्लान के तहत सबसे पहले उसका संतोष टंडन के नाम से आधार कार्ड बनवाया. इसके बाद एक साल तक संतोष टंडन के हर गतिविधि की ट्रेनिंग दी गई. यहां तक कि उसको अंग्रेजी बोलना सिखाया गया और संतोष टंडन के बारे में बारीकी से जानकारी राजू उर्फ राजदीप को बताई गई. जिस तरह से संतोष टंडन खुद रहते थे उसी तरह की ट्रेनिंग देकर राजदीप उर्फ राजू को संतोष टंडन बनाया गया. इसके बाद संतोष टंडन की जमीन पीलीभीत के रहने वाले एक राइस मिलर से 50 लाख रुपए लेकर एग्रीमेंट कराया गया.

तीन आरोपी गिरफ्तारः बरेली पुलिस ने मृतक संतोष टंडन की जगह संतोष टंडन बनाकर उनके करोड़ों की जमीन का एग्रीमेंट करने वाले फर्जी संतोष टंडन उर्फ राजू उर्फ राजदीप और उसके साथी प्रॉपर्टी डीलर राजू कश्यप और ख्वाजाउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है. तीनों ने मिलकर पहले प्लान तैयार किया और उसके बाद करोड़ों की जमीन का सौदा किया था.

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