सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में रानोली के निकट प्रसिद्ध शक्तिपीठ जीण माता मंदिर का शारदीय लक्खी मेला आज से शुरू हो गया. अरावली की पहाड़ियों में स्थित जीण माता मंदिर में लक्खी मेला शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन से शुरू होकर अश्वनी शुक्ला नवमी 12 अक्टूबर तक चलेगा.
श्री जीण माता मंदिर में प्रतिवर्ष दो बार मिलेगा आयोजन होता है. चैत्र नवरात्र के बाद अब शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन से शुरू होने वाले मेले में हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंचते हैं. जिला प्रशासनिक ने मेला समय अवधि में देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के आवागमन के मध्य नजर सुरक्षा एवं सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. 100 सीसीटीवी कैमरा से मेले की निगरानी की जाएगी. मेला परिसर में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. एक कंट्रोल रूम पुलिस थाना और दूसरा कंट्रोल रूम मेला मजिस्ट्रेट कार्यालय में बनाया गया है.
जिला प्रशासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त संख्या में दवाइयां की व्यवस्था करने, स्नेक बाइट के उपचार के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता रखना तथा 5 फायर ब्रिगेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. उपवन संरक्षण को जीण माता में अतिक्रमण नहीं हो इसकी पालना सुनिश्चित करने को कहा गया है. रसद विभाग को निर्देशित किया गया है कि मेले के दौरान घरेलू सिलेंडर का उपयोग नहीं हो इस पर कार्रवाई करने व पशुपालन विभाग को आवारा पशुओं की धर पकड़ करने के निर्देश दिए हैं. चिकित्सा व रसद विभाग को भंडारों में बनने वाले भोजन के सैंपल लेने, भोजन बनाने वाले स्थान पर सफाई रखना व ग्राम पंचायत को जीण माता क्षेत्र की सफाई की व्यवस्था के लिए सफाई कर्मियों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. पलसाना डेयरी के मार्केटिंग सुपरवाइजर को श्रद्धालुओं के लिए पांच डेयरी बूथ स्थापित करने को कहा है.
आबकारी विभाग को मेला क्षेत्र की 3 किलोमीटर की परिधि में शराब की बिक्री नहीं हो इसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. ग्राम पंचायत को बैरीकेटिंग के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. मेले के दौरान डीजे व पशु बलि पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा. मेला क्षेत्र की 3 किलोमीटर की प्रतिमा में शराब बिक्री नहीं होगी. इसके अलावा मंदिर कमेटी श्रद्धालुओं के सुझाव पर प्रशासन इस बात पर कड़ी नजर रखेगा की पशु बलि व मदिरा का चढ़ावा नहीं हो सके. प्रवेश व निकास द्वार के साइन बोर्ड लगाए जाएंगे. मंदिर के एंट्री गेट से 500 मीटर दूर पार्किंग की व्यवस्था की गई है. मंदिर कमेटी की तरफ से दिव्यांगजनों के लिए व्हीलचेयर की भी व्यवस्था की गई है.