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1984 सिख विरोधी दंगा: जगदीश टाइटलर के खिलाफ लखविंदर कौर का किया गया क्रॉस-एग्जामिनेशन - 1984 ANTI SIKH RIOTS CASE

-लखविंदर कौर का क्रॉस-एग्जामिनेशन -1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के आरोपी जगदीश टाइटलर

जगदीश टाइटलर
जगदीश टाइटलर (File Photo)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 12, 2024, 9:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई की सुनवाई के दौरान इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को करने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से अनिल कुमार शर्मा ने इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया. क्रास-एग्जामिनेशन पूरा होने के बाद अभियोजन पक्ष ने सुनवाई की अगली तिथि को इस मामले में गवाह मनमोहन कौर के बयान दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने गवाह मनमोहन कौर को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 23 नवंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया. बता दें कि 3 अक्टूबर के इस मामले में शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने अपना बयान दर्ज कराया था. लखविंदर कौर ने कहा था कि ग्रंथी सुरेंदर सिंह ने उन्हें बताया कि उनके पति बादल सिंह को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने हत्या कर दी. जगदीश टाइटलर उस भीड़ को उकसा रहे थे और कह रहे थे कि सिखों को मार दो, उजाड़ दो, गुरुद्वारा को आग लगा दो.

आरोप तय करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती: टाइटलर ने राऊज एवेन्यू की ओर से आरोप तय करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है. हाईकोर्ट ने 11 नवंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रायल की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा. जगदीश टाइटलर ने 13 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया था. टाइटलर ने कोर्ट से कहा था कि वे ट्रायल का सामना करेंगे. कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत: सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है. 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.

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  2. 2007 में CBI ने जगदीश टाइटलर को दी थी क्लीनचिट, अब उसी मामले में हो सकती है फांसी तक की सजा
  3. केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को भेजा नोटिस, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुलबंगश गुरुद्वारा हिंसा के आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई की सुनवाई के दौरान इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया गया. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को करने का आदेश दिया.

सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से अनिल कुमार शर्मा ने इस मामले की शिकायतकर्ता लखविंदर कौर का क्रॉस-एग्जामिनेशन किया. क्रास-एग्जामिनेशन पूरा होने के बाद अभियोजन पक्ष ने सुनवाई की अगली तिथि को इस मामले में गवाह मनमोहन कौर के बयान दर्ज करने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने गवाह मनमोहन कौर को अपना बयान दर्ज कराने के लिए 23 नवंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया. बता दें कि 3 अक्टूबर के इस मामले में शिकायतकर्ता लखविंदर कौर ने अपना बयान दर्ज कराया था. लखविंदर कौर ने कहा था कि ग्रंथी सुरेंदर सिंह ने उन्हें बताया कि उनके पति बादल सिंह को गुरुद्वारा पुलबंगश के पास भीड़ ने हत्या कर दी. जगदीश टाइटलर उस भीड़ को उकसा रहे थे और कह रहे थे कि सिखों को मार दो, उजाड़ दो, गुरुद्वारा को आग लगा दो.

आरोप तय करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती: टाइटलर ने राऊज एवेन्यू की ओर से आरोप तय करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है जो अभी लंबित है. हाईकोर्ट ने 11 नवंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रायल की कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा चलेगा. जगदीश टाइटलर ने 13 सितंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार कर दिया था. टाइटलर ने कोर्ट से कहा था कि वे ट्रायल का सामना करेंगे. कोर्ट ने 30 अगस्त को टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 149,153A,188, 109, 295,, 380, 302 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.

जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत: सुनवाई के दौरान जगदीश टाइटलर की ओर से पेश वकील मनु शर्मा ने कहा था कि सीबीआई ने इस मामले में दो क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. उन्होंने कहा कि 2009 में सह-आरोपी सुरेश कुमार पानेवाला के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया था जिसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया. मनु शर्मा ने कहा कि 1984 से 2022-23 तक इस मामले में कोई गवाह नहीं था. इतने लंबे समय बाद बनाए गए गवाहों पर भरोसा कैसे किया जा सकता है. 4 अगस्त 2023 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत दी थी. कोर्ट ने 26 जुलाई 2023 को जगदीश टाइटलर के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. सीबीआई ने इस मामले में टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 109 और 302 के तहत लगाया है. सीबीआई के मुताबिक टाइटलर ने भीड़ को उकसाया था. जिसके बाद भीड़ ने पुलबंगश के गुरुद्वारे में आग लगा दिया था.

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