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झील के अस्तित्व पर खतरा! वीड हार्वेस्टर मशीन बना हाथी दांत, पानी पर लगा जलकुंभी का अंबार - Water hyacinth

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 31, 2024, 9:32 AM IST

हजारीबाग जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर के झील का अस्तित्व खतरे में है. आलम ऐसा है कि झील की सुंदरता पर जलकुंभी ने ग्रहण लगा दिया है. वहीं इसकी सफाई के लिए खरीदी गयी मशीन विभाग के लिए हाथी दांत बना हुआ है.

lakes in danger due to water hyacinth in Hazaribag
हजारीबाग के झील में जलकुंभी (ETV Bharat)

हजारीबागः शहर के झील के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. रखरखाव और साफ सफाई के अभाव में इसकी सुंदरता अब समाप्त होती जा रही है. हजारीबाग पूरे झारखंड में एक ऐसा जिला है जहां एक ही परिसर में पांच झील है. झील आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है. प्रशासनिक उदासीनता और असामाजिक तत्वों के कारण इसकी सुंदरता पर ग्रहण लग गया है.

हजारीबाग प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर के झील का अस्तित्व खतरे में (ETV Bharat)

बरसात के दिनों में झील पानी से लबालब भर जाती थी लेकिन इस बार भरी भी नहीं. क्योंकि शहर का पानी जिस नाले के जरिए आता था उसे बंद कर दिया गया. इस कारण वाटर रिचार्ज भी झील में नहीं हो पाया है. आलम यह है कि जलकुंभी से झील का पानी ढक चुका है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. इसकी सफाई के लिए लाखों रुपए की जो मशीन खरीदी गयी है, वो आज हाथी दांत साबित हो रहा है. यह बातें हजारीबाग के वरिष्ठ भाजपा नेता भैया अभिमन्यु प्रसाद ने कही हैं. उनका कहना है कि ये बातें वो हजारीबाग के नागरिक होने के नाते कर रहे हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट-काटकर और विरोध दर्ज करने के बाद भी झील की स्थिति सुधरी नहीं है. इस कारण अब अपनी बातों को मीडिया में रखने के लिए बेबस हूं.

भैया अभिमन्यु प्रसाद का कहना कि झील लोग स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं. अब लोगों की आने की संख्या भी घट रही है. क्योंकि पानी सड़ चुका है और उसमें दुर्गंध है. जलकुंभी के कारण पानी अब दिखता तक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि झील परिसर में लोग कुड़ा डालने आ रहे हैं. यही नहीं झील के एक भाग में सेप्टिक टंकी का पानी भी गिरा दिया जा रहा है.

नगर निगम ने लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से आत्धुनिक वीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी की थी लेकिन वह मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है. उसके रखरखाव ड्राइवर और डीजल के नाम पर पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है. उन्होंने यह भी झील परिसर के रखरखाव और सुंदरता के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हो रहा है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि झील परिसर को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाए. उन्होंने यहां एक बड़ी बात कहा कि जितने भी बड़े अधिकारी हैं वह झील परिसर में कोई ना कोई टेंडर अपने भाई भतीजा के नाम पर करवा देते हैं. जिस कारण इसकी प्राकृतिक सुंदरता के साथ खिलवाड़ हो जाता है.

इसको लेकर स्वच्छता स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार वर्मा का कहना है कि झील परिसर में एक और समस्या आ रही है लोग वृक्ष के पत्ते, टहनी, छाल काट कर ले जा रहे हैं. जिस कारण वृक्षों की उम्र भी घट रही है. इस पर भी रोक होनी चाहिए. संस्था के सचिव शैलेश ने कहा प्रत्येक दिन समिति के सदस्य आपस में पैसा जमा कर यहां सफाई करवा रहे हैं. जिला प्रशासन, नगर निगम, मत्स्य विभाग को झील पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. क्योंकि शहर के बीच में ऐसी प्राकृतिक जगह शायद ही कहीं मिल पाए.

बता दें कि यह झील हजारीबाग का हार्ट माना जाता है. लोग झील को बेहद पसंद करते हैं. इस कारण भैया अभिमन्यु प्रसाद ने हजारीबागवासियों के सामने प्रस्ताव भी रखा है कि एक कमेटी का निर्माण किया जाए. जिसमें यहां के सभी वर्गों को जोड़ा जाए. उनके ही परामर्श से झील में काम हो. साफ सफाई के लिए यहां स्थाई व्यवस्था हो. शिफ्ट बनाकर काम किया जाए तभी झील के अस्तित्व को बचाया जा सकता है. भैया अभिमन्यु प्रसाद ने हजारीबागवासियों की ओर से जिला प्रशासन से मांग की है जल्द से जल्द झील और उसके आसपास साफ सफाई अभियान चलाएं और कैसे झील परिसर को दुरुस्त रखना है उसे लेकर आम जनता के सहयोग से रूपरेखा तय करें.

वीड हार्वेस्टर मशीन का इस्तेमाल

जलकुम्भी के कारण बदरंग दिखने वाले हजारीबाग झील की सफाई के लिए करोड़ों रुपए की लागत से वीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी की गई थी. वर्तमान नगर आयुक्त सह उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने हाई लेवल मानिटरिंग कमेटी के निर्णय के बाद 15वें वित्त आयोग अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से क्लिंटेक कंपनी की मशीन की खरीदी करने का आदेश दिया था. फ्लोटिंग वीड हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग जम्मू कश्मीर के सुप्रसिद्ध डल झील, हैदराबाद के हुसैन बांध, गोरखपुर के रामगढ़ झील की सफाई के लिए होता रही है. इस मशीन से दिन के साथ-साथ रात में भी झील की सफाई हो सकती है. वीड हार्वेस्टर एक पर्यावरण के अनुकूल जलीय पौधों की कटाई करने वाली मशीन है और अपनी तरह का एकमात्र हार्वेस्टर है जो अन्य सभी जलीय खरपतवार हार्वेस्टर की तरह खरपतवारों को काटने के बजाय उनकी जड़ों से खींचती है. यह मिलफॉयल, हाइड्रिला, सेलेरी या एलीगेटर ग्रास, स्टाररी स्टोनवॉर्ट, वॉटर चेस्टनट, और तालाबों, झीलों, नदियों, चैनलों, नहरों और वाटर फ्रंट प्रॉपर्टी में प्रचलित अधिकांश अन्य जलीय पौधों सहित सभी प्रकार की जलमग्न वनस्पतियों को जड़ से उखाड़ने में प्रभावी है.

इसे भी पढे़ं- शहर को सुंदर बनाने के लिए लाखों रुपये किए गए खर्च लेकिन हालात बदतर! जानें, कारण - Bad condition of Hazaribag lake

इसे भी पढे़ं- कोडरमा के झील रेस्टोरेंट का होगा कायाकल्प, डेस्टिनेशन वेडिंग के रूप में होगा इस्तेमाल, डीसी ने डीपीआर बनाने के दिए निर्देश - Jheel Restaurant Of Koderma

इसे भी पढ़ें- नक्सलियों का सफाया करने वाले CRPF जवानों ने उठाई सामाजिक जिम्मेदारी, बदलेंगे हजारीबाग झील की तस्वीर

हजारीबागः शहर के झील के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. रखरखाव और साफ सफाई के अभाव में इसकी सुंदरता अब समाप्त होती जा रही है. हजारीबाग पूरे झारखंड में एक ऐसा जिला है जहां एक ही परिसर में पांच झील है. झील आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है. प्रशासनिक उदासीनता और असामाजिक तत्वों के कारण इसकी सुंदरता पर ग्रहण लग गया है.

हजारीबाग प्रशासन की उदासीनता के कारण शहर के झील का अस्तित्व खतरे में (ETV Bharat)

बरसात के दिनों में झील पानी से लबालब भर जाती थी लेकिन इस बार भरी भी नहीं. क्योंकि शहर का पानी जिस नाले के जरिए आता था उसे बंद कर दिया गया. इस कारण वाटर रिचार्ज भी झील में नहीं हो पाया है. आलम यह है कि जलकुंभी से झील का पानी ढक चुका है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. इसकी सफाई के लिए लाखों रुपए की जो मशीन खरीदी गयी है, वो आज हाथी दांत साबित हो रहा है. यह बातें हजारीबाग के वरिष्ठ भाजपा नेता भैया अभिमन्यु प्रसाद ने कही हैं. उनका कहना है कि ये बातें वो हजारीबाग के नागरिक होने के नाते कर रहे हैं. प्रशासनिक पदाधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट-काटकर और विरोध दर्ज करने के बाद भी झील की स्थिति सुधरी नहीं है. इस कारण अब अपनी बातों को मीडिया में रखने के लिए बेबस हूं.

भैया अभिमन्यु प्रसाद का कहना कि झील लोग स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में पहुंचते हैं. अब लोगों की आने की संख्या भी घट रही है. क्योंकि पानी सड़ चुका है और उसमें दुर्गंध है. जलकुंभी के कारण पानी अब दिखता तक नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि झील परिसर में लोग कुड़ा डालने आ रहे हैं. यही नहीं झील के एक भाग में सेप्टिक टंकी का पानी भी गिरा दिया जा रहा है.

नगर निगम ने लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से आत्धुनिक वीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी की थी लेकिन वह मशीन का उपयोग नहीं हो रहा है. उसके रखरखाव ड्राइवर और डीजल के नाम पर पैसों का बंदरबांट किया जा रहा है. उन्होंने यह भी झील परिसर के रखरखाव और सुंदरता के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला हो रहा है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि झील परिसर को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाए. उन्होंने यहां एक बड़ी बात कहा कि जितने भी बड़े अधिकारी हैं वह झील परिसर में कोई ना कोई टेंडर अपने भाई भतीजा के नाम पर करवा देते हैं. जिस कारण इसकी प्राकृतिक सुंदरता के साथ खिलवाड़ हो जाता है.

इसको लेकर स्वच्छता स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार वर्मा का कहना है कि झील परिसर में एक और समस्या आ रही है लोग वृक्ष के पत्ते, टहनी, छाल काट कर ले जा रहे हैं. जिस कारण वृक्षों की उम्र भी घट रही है. इस पर भी रोक होनी चाहिए. संस्था के सचिव शैलेश ने कहा प्रत्येक दिन समिति के सदस्य आपस में पैसा जमा कर यहां सफाई करवा रहे हैं. जिला प्रशासन, नगर निगम, मत्स्य विभाग को झील पर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. क्योंकि शहर के बीच में ऐसी प्राकृतिक जगह शायद ही कहीं मिल पाए.

बता दें कि यह झील हजारीबाग का हार्ट माना जाता है. लोग झील को बेहद पसंद करते हैं. इस कारण भैया अभिमन्यु प्रसाद ने हजारीबागवासियों के सामने प्रस्ताव भी रखा है कि एक कमेटी का निर्माण किया जाए. जिसमें यहां के सभी वर्गों को जोड़ा जाए. उनके ही परामर्श से झील में काम हो. साफ सफाई के लिए यहां स्थाई व्यवस्था हो. शिफ्ट बनाकर काम किया जाए तभी झील के अस्तित्व को बचाया जा सकता है. भैया अभिमन्यु प्रसाद ने हजारीबागवासियों की ओर से जिला प्रशासन से मांग की है जल्द से जल्द झील और उसके आसपास साफ सफाई अभियान चलाएं और कैसे झील परिसर को दुरुस्त रखना है उसे लेकर आम जनता के सहयोग से रूपरेखा तय करें.

वीड हार्वेस्टर मशीन का इस्तेमाल

जलकुम्भी के कारण बदरंग दिखने वाले हजारीबाग झील की सफाई के लिए करोड़ों रुपए की लागत से वीड हार्वेस्टर मशीन की खरीदारी की गई थी. वर्तमान नगर आयुक्त सह उप विकास आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने हाई लेवल मानिटरिंग कमेटी के निर्णय के बाद 15वें वित्त आयोग अंतर्गत जेम पोर्टल के माध्यम से क्लिंटेक कंपनी की मशीन की खरीदी करने का आदेश दिया था. फ्लोटिंग वीड हार्वेस्टर मशीन का प्रयोग जम्मू कश्मीर के सुप्रसिद्ध डल झील, हैदराबाद के हुसैन बांध, गोरखपुर के रामगढ़ झील की सफाई के लिए होता रही है. इस मशीन से दिन के साथ-साथ रात में भी झील की सफाई हो सकती है. वीड हार्वेस्टर एक पर्यावरण के अनुकूल जलीय पौधों की कटाई करने वाली मशीन है और अपनी तरह का एकमात्र हार्वेस्टर है जो अन्य सभी जलीय खरपतवार हार्वेस्टर की तरह खरपतवारों को काटने के बजाय उनकी जड़ों से खींचती है. यह मिलफॉयल, हाइड्रिला, सेलेरी या एलीगेटर ग्रास, स्टाररी स्टोनवॉर्ट, वॉटर चेस्टनट, और तालाबों, झीलों, नदियों, चैनलों, नहरों और वाटर फ्रंट प्रॉपर्टी में प्रचलित अधिकांश अन्य जलीय पौधों सहित सभी प्रकार की जलमग्न वनस्पतियों को जड़ से उखाड़ने में प्रभावी है.

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