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स्वास्थ्य मंत्री के गढ़ में सड़कों का टोटा, बीमार पड़ने पर खाट सहारा - LACK OF ROADS IN CHIRMIRI

एमसीबी के ग्रामीण इलाकों में आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नहीं बनी है. लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

LACK OF ROADS IN CHIRMIRI
चिरमिरी के दूर दराज इलाकों का हाल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 18, 2024, 10:11 PM IST

Updated : Dec 18, 2024, 11:00 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: आजादी के सात दशक से भी ज्यादा समय बीत गए. कुल 77 साल बीत गए उसके बाद भी छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का आभाव है. बुधवार को एमसीबी के सरभोका गांव से विकास को मुंह चिढ़ाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां के पंडो बस्ती में सड़क नहीं हो पाने की वजह से एंबुलेंस पहुंच नहीं पाती है. जिसकी वजह से लोगों को बीमारी में खाट ही एक सहारा होता है. बुधवार को एक गंभीर मरीज को परिजनों ने चारपाई पर लादकर 4 किलोमीटर पैदल चलकर सडक़ तक पहुंचाया. यह घटना स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा क्षेत्र का है.

मरीज को खाट पर ढोया: सरभोका के पंडो बस्ती में रहने वाले बुधराम पंडो पैर और पीठ की सूजन की बीमारी से पीड़ित हैं. बुधवार को उनकी तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस बुलाया. इस इलाके में सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस चार किलोमीटर दूर खड़ा रहा. उसके बाद लोगों और परिजनों ने बुधराम पंडो को खाट पर बिठाकर चार किलोमीटर का सफर तय किया. चार किलोमीटर दूर में नवाडीह स्कूल के पास एंबुलेंस खड़ी थी. उसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया.

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल (ETV BHARAT)

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के गांव का हाल बेहाल: आजादी के सात दशक बाद भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पंडो जनजाति का बुरा हाल है. सरभोका गांव में पंडो जनजाति के लोग रहते हैं. यहां लगातार बुनियादी सुविधाओं का टोटा दिखता रहा है. पंडो जनजाति के 500 से अधिक लोग यहां निवास करते हैं. वन ग्राम होने के कारण आज तक यहां पक्की सडक़ नहीं बन सकी है.

Lack of roads
कब सुधरेंगे हालात (ETV BHARAT)

पंडो और गोंड समाज के कुछ लोग भी यहां रहते हैं. आजादी के बाद से अब तक कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से आवागमन की सुविधा की मांग की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है- ग्रामीण

बुधराम का ब्लड सैंपल और एक्स-रे लिया गया है. उनका इलाज जारी है. मरीज को समय पर इलाज मिलना जरूरी था, लेकिन गांव तक पहुंच मार्ग न होने के कारण समस्या बढ़ गई- डॉक्टर उषा लकड़ा, चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल चिरमिरी

इस इलाके से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आते हैं. अब देखना होगा कि इस खबर के प्रकाशन के बाद कब तक जिला प्रशासन इस गांव में सड़क की सुविधा कर पाता है.

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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: आजादी के सात दशक से भी ज्यादा समय बीत गए. कुल 77 साल बीत गए उसके बाद भी छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का आभाव है. बुधवार को एमसीबी के सरभोका गांव से विकास को मुंह चिढ़ाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां के पंडो बस्ती में सड़क नहीं हो पाने की वजह से एंबुलेंस पहुंच नहीं पाती है. जिसकी वजह से लोगों को बीमारी में खाट ही एक सहारा होता है. बुधवार को एक गंभीर मरीज को परिजनों ने चारपाई पर लादकर 4 किलोमीटर पैदल चलकर सडक़ तक पहुंचाया. यह घटना स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विधानसभा क्षेत्र का है.

मरीज को खाट पर ढोया: सरभोका के पंडो बस्ती में रहने वाले बुधराम पंडो पैर और पीठ की सूजन की बीमारी से पीड़ित हैं. बुधवार को उनकी तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद परिजनों ने एंबुलेंस बुलाया. इस इलाके में सड़क नहीं होने की वजह से एंबुलेंस चार किलोमीटर दूर खड़ा रहा. उसके बाद लोगों और परिजनों ने बुधराम पंडो को खाट पर बिठाकर चार किलोमीटर का सफर तय किया. चार किलोमीटर दूर में नवाडीह स्कूल के पास एंबुलेंस खड़ी थी. उसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया.

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पंडो और गोंड समाज के कुछ लोग भी यहां रहते हैं. आजादी के बाद से अब तक कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से आवागमन की सुविधा की मांग की गई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है- ग्रामीण

बुधराम का ब्लड सैंपल और एक्स-रे लिया गया है. उनका इलाज जारी है. मरीज को समय पर इलाज मिलना जरूरी था, लेकिन गांव तक पहुंच मार्ग न होने के कारण समस्या बढ़ गई- डॉक्टर उषा लकड़ा, चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल चिरमिरी

इस इलाके से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आते हैं. अब देखना होगा कि इस खबर के प्रकाशन के बाद कब तक जिला प्रशासन इस गांव में सड़क की सुविधा कर पाता है.

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Last Updated : Dec 18, 2024, 11:00 PM IST
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