नई दिल्लीः 1 मई यानि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस, ये वो दिन है जब दुनिया भर में मजदूरों के हितों और उनके कल्याण जैसे मुद्दों पर दावे-वादे सुनाई पड़ते हैं. दिल्ली सरकार ने भी ऐसा ही एक वादा किया था जो मजदूरों के हित में एक साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया. आज इसी वादे की पड़ताल करेंगे.
दिल्ली सरकार ने मजदूरों को बस में फ्री यात्रा मुहैया कराने का किया था वादा
दिल्ली सरकार की बसों में मजदूरों के साथ इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और कारपेंटर समेत अन्य के लिए सफर फ्री करने की योजना धरातल पर नहीं आ सकी. एक साल बाद भी मजदूरों को इंतजार है कि वो दिल्ली की बसों में महिलाओं की तरह मुफ्त सफर कर सकेंगे. बसों में महिलाओं की तरह उनका सफर भी फ्री होगा. इससे नियमित मेहनत मजदूरी कर परिवार पालने वाले मेहनतकश मजदूरों को थोड़ी राहत मिलेगी.
दिल्ली में 13 लाख रजिस्टर्ड मजदूर
हर वर्ष 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य मजदूरों के हितों की रक्षा करना और उनके कार्य की सराहना करना है. दिल्ली सरकार ने पिछले वर्ष मई में दिल्ली के अंदर बसों में मुफ्त सफर की घोषणा की थी. मजदूरों के साथ इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर व कारपेंटर समेत अन्य का भी बसों में सफर फ्री किया जाना था. बसों में मुफ्त सफर की सुविधा उन्हीं यात्रियों को मिलेगी, जिन्होंने दिल्ली सरकार के पास अपना पंजीकरण कराया है. रजिस्ट्रेशन के लिए श्रम विभाग में आवेदन करना था. आवेदन के बाद उनका सत्यापन होना था. फिलहाल दिल्ली में 13 लाख से अधिक श्रमिक रजिस्टर्ड हैं.
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नहीं शुरु हो सकी योजना, सिर्फ महिलाओं का सफर फ्रीः
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के पदाधिकारी मनोज शर्मा ने कहा कि मजदूरों के बस में फ्री सफर की सुविधा आज तक नहीं शुरू हो सकी. यह योजना धरातल पर लागू नहीं हुई. यह योजना लागू होती तो लाखों मजदूरों को राहत मिलती. दिल्ली में अभी सिर्फ महिलाओं का सफर फ्री है. मजदूरों को किराया देकर सफर करना पड़ता है.
मजदूर बोले बस में सफर का लगता है किराया
मजदूरी करने वाले मोहम्मद फिरोज ने कहा कि मजदूरों के लिए कोई सरकार काम नहीं करती है. मजदूरों की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. लोकसभा चुनाव हैं. हमारे नेता आपस में लड़ते रहते हैं. मजदूरों के बारे में कोई नहीं सोचता. दिल्ली की बसों में सफर फ्री नहीं है. किराया देकर आना जाना पड़ता है. दिल्ली में दो साल से मेहनत मजदूरी करने वाले अरमान, रोहित और केशव ने कहा कि बसों में हमारा सफर फ्री नहीं है. कोई छूट भी नहीं मिलती है. हमें किराया देकर बसों में सफर करना पड़ता है.
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