उज्जैन। हामू खेड़ी स्थित शिवधाम कॉलोनी निवासी रवि सराठे किर्गिस्तान में फंसे हुए थे. अब किर्गिस्तान से दस छात्रों में से पांच उज्जैन लौट आए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी छात्रों से बात की थी. उज्जैन के हामू खेड़ी स्थित शिवधाम कॉलोनी निवासी रवि सराठे ने वहीं का आंखों देखा मंजर बयान किया. उन्होंने बताया कि वहां के हालात काफी डरावने हैं. स्थिति यह है कि डर के कारण उन्हें भारत भी दूसरे देश से घूमकर आना पड़ा. बता दें कि रवि बिश्केक के एशियन मेडिकल इंस्टिट्यूट में MBBS थर्ड ईयर के छात्र हैं.
कई देशों से घूमकर भारत पहुंचे छात्र
किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में 13 मई को मिस्र और अरबों के बीच लड़ाई के बाद हिंसा भडक गई थी. रवि सराठे ने बताया कि ''शुरुआत में तो बहुत डर लग रहा था, क्योंकि बिश्केक में हो रही लड़ाई और वहां के हालात देखकर हम लोग बहुत घबरा गए थे. हम पांचों छात्र बिश्केक से बस द्वारा कजाकिस्तान गए. वहां पर अलमाटी की हमारी फ्लाइट थी. अलमाटी से अबूधाबी और अबुधाबी से दिल्ली लेंड हुए. उसने कहा कि आगे कि एजुकेशन का तो हमें आइडिया नहीं. कॉलेज ने बोला है कि क्लासें ऑनलाइन चलेगी अब आगे क्या होने वाला है हमें भी नहीं पता.''
CM मोहन यादव ने की थी छात्रों से बात
रवि सराठे ने बताया ''17 मई के बाद डर का ज्यादा माहौल था. हमारे होस्टल में हम सब दरवाजा बंद करके कैद हो गए थे, क्योंकि बाहर जाना बिल्कुल भी पॉसिबल नहीं था. साथ में खाने-पीने की टेंशन अलग थी. हम क्वारेंटाइन में रह रहे थे. रात में हम लाइट बंद कर देते थे क्योंकि अटैक का खतरा लगातार बना हुआ था.'' रवि सराठे ने बताया की मुख्यमंत्री मोहन यादव से मेरी बात हुई थी. उन्होंने हम छात्रों को बहुत हिम्मत दी और वादा किया कि वह हमें किर्गिस्तान से सही सलामत भारत लेकर आएंगे.