उज्जैन। किर्गिस्तान में भारतीय मूल के युवाओं से हॉस्टल में घुसकर मारपीट की जा रही है. उनका कमरे से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है. छात्रों का कहना है इसमें कुछ छात्रों की मौत भी हो चुकी है. अब इनके पैरेट्स ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. पैरेंट्स का कहना है कि कैसे भी हो, हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस भारत लाया जाए. उज्जैन के ही 8 स्टूडेंट्स वहां फंसे हैं. दो छात्रों ने वीडियो कॉल करके अपने परिजनों से आपबीती बताई है.
हॉस्टल में घुसकर कर रहे मारपीट
इस मामले में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह उज्जैन ने कहा "जो मदद होगी हरसंभव प्रयास करेंगे. इंडियन एंबेसी की तरफ से ऐसी कोई जानकारी हमें नहीं मिली." दरअसल, किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक और कांट जैसे शहरों में बड़ी संख्या में भारतीय, पाकिस्तानी, बांग्लादेशी छात्र-छात्राएं रहते हैं. छात्र राज सोलंकी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है. उसने वीडियो कॉल करके अपने परिजनों को वहां की घटनाओं को लेकर पूरी जानकारी दी. उसका कहना है "यहां के हालात ठीक नहीं हैं. हॉस्टल में घुसकर लोग मारपीट कर रहे हैं. जब तक बेहोश नहीं हो जाए, तब तक मारते हैं. चारों ओर अराजकता है."
कमरे से बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं
स्टूडेंट्स का कहना है "एग्जाम को लेकर भी शिक्षकों ने ऑनलाइन के आदेश जारी किए हैं. वहीं जीवनयापन के लिए कुछ सामान भी लाना पड़ता है तो शिक्षकों से मंगवाते हैं. हमें तो देखते से ही वहां के लोग भड़क जाते हैं." स्टूडेंट्स का कहना है "दावा किया जा रहा है कि स्थिति कंट्रोल में है लेकिन हमारे पास एक बार कोई टीम आए और बाहर रेस्टोरेंट या कैफे तक चलकर बताए तो हम मानेंगे कि स्थिति नियंत्रण में है."
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विदेशी स्टूडेंट्स को पीट रहे हैं स्थानीय लोग
उज्जैन के आगर रोड निवासी डॉ.चैन सिंह चौधरी ने बताया "उनका बेटा योगेश किर्गिस्तान की राजधानी बिस्केट के पास कांट कस्बे के होस्टल में रहकर 4 साल से एमबीबीएस कर रहा है. हाल ही में वहां स्थानीय युवकों और विदेशी छात्रों के बीच एक छात्रा से छेड़छाड़ को लेकर विवाद हो गया. इसी के बाद वहां विदेशी छात्र छात्राओं पर हमले करना शुरू हो गए हैं. वे लोग होस्टल को निशाना बनाकर छात्र छात्राओ को बेरहमी से पीट रहे हैं. इसलिए विद्यार्थियों को हॉस्टल छोड़कर फ्लैट में रहना पड़ रहा है. कमरे में भी लाइट नहीं जला सकते और उन्हें बाहर निकलना भी मना है."