ETV Bharat / state

कुल्लू दशहरे पर भगवान रघुनाथ से मिलने पहुंच रहे देवी देवता, ढोल नगाड़ों से गूंजी देवघाटी

कुल्लू दशहरा पर घाटी के कई देवी-देवता भगवान रघुनाथ से मिलने पहुंच रहे हैं. वहीं, माता हिडिंबा की भी पूजा अर्चना शुरू हो गई है.

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

भगवान रघुनाथ से मिलने पहुंचे देवता
भगवान रघुनाथ से मिलने पहुंचे देवता (ETV BHARAT)

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुरुआत हो गई है. अब देवी देवता भी ढालपुर पहुंच चुके हैं. ऐसे में रविवार को देवी देवता भगवान रघुनाथ से मिलने के लिए भी पहुंच रहे हैं और पूरा कुल्लू शहर ढोल नगाड़ों से गूंज उठा है. देवी देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में पहुंचकर उनसे मिलन कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को भी आशीर्वाद दे रहे हैं.

माता हिडिंबा के आगमन से भगवान रघुनाथ की विशेष पूजा भी शुरू हो गई है, जिसमें अश्व पूजन के साथ-साथ अन्य विधि को भी पूरा किया गया. रविवार को ढालपुर स्थित अस्थायी शिविरों में पहुंचे देवी-देवताओं की सुबह पूजा-अर्चना हुई. इसके बाद देवताओं के रघुनाथपुर में भगवान रघुनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला आरंभ हुआ. सुबह आठ बजे से देवताओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो दोपहर तक चलता रहा. भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद देवता अस्थायी शिविरों में लौटे. बंजार के देवता श्रृंगा ऋषि, देवता बालू नाग, शियाह के देवता जमदग्नि ऋषि, गर्ग ऋषि सहित सैकड़ों देवताओं ने राजमहल में जाकर भी देव परंपरा निभाई.

भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि, 'अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का शुभारंभ हो चुका है और देवी देवताओं की उपस्थिति में इस भव्य तरीके से मनाया जाएगा. देवी देवता भगवान रघुनाथ से मिलन कर रहे हैं और माता हिडिंबा भी अब इस उत्सव में शिरकत कर रही है.'

बता दें कि आज दोपहर 2:00 बजे भगवान रघुनाथ पालकी में सवार होकर ढालपुर आएंगे और करीब 4:00 बजे भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में यहां पर प्रशासन के द्वारा सारी तैयारी कर ली गई है. इसके अलावा रोजाना 7 दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें अंतरराष्ट्रीय कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. कुल्लू पुलिस द्वारा दशहरा उत्सव को विभिन्न सेक्टर में बांटा गया है. करीब 1400 पुलिस जवान सुरक्षा व्यवस्था को देख रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Kullu Dussehra 2024: ना रामलीला, ना रावण दहन, फिर भी सबसे खास है एक हफ्ते तक चलने वाला कुल्लू दशहरा

ये भी पढ़ें: राजा को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए अयोध्या से चुरा कर लाई गई थी मूर्तियां, जानिए कुल्लू दशहरे का इतिहास

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव की शुरुआत हो गई है. अब देवी देवता भी ढालपुर पहुंच चुके हैं. ऐसे में रविवार को देवी देवता भगवान रघुनाथ से मिलने के लिए भी पहुंच रहे हैं और पूरा कुल्लू शहर ढोल नगाड़ों से गूंज उठा है. देवी देवता भगवान रघुनाथ के मंदिर में पहुंचकर उनसे मिलन कर रहे हैं और स्थानीय लोगों को भी आशीर्वाद दे रहे हैं.

माता हिडिंबा के आगमन से भगवान रघुनाथ की विशेष पूजा भी शुरू हो गई है, जिसमें अश्व पूजन के साथ-साथ अन्य विधि को भी पूरा किया गया. रविवार को ढालपुर स्थित अस्थायी शिविरों में पहुंचे देवी-देवताओं की सुबह पूजा-अर्चना हुई. इसके बाद देवताओं के रघुनाथपुर में भगवान रघुनाथ मंदिर पहुंचने का सिलसिला आरंभ हुआ. सुबह आठ बजे से देवताओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ, जो दोपहर तक चलता रहा. भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के बाद देवता अस्थायी शिविरों में लौटे. बंजार के देवता श्रृंगा ऋषि, देवता बालू नाग, शियाह के देवता जमदग्नि ऋषि, गर्ग ऋषि सहित सैकड़ों देवताओं ने राजमहल में जाकर भी देव परंपरा निभाई.

भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि, 'अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का शुभारंभ हो चुका है और देवी देवताओं की उपस्थिति में इस भव्य तरीके से मनाया जाएगा. देवी देवता भगवान रघुनाथ से मिलन कर रहे हैं और माता हिडिंबा भी अब इस उत्सव में शिरकत कर रही है.'

बता दें कि आज दोपहर 2:00 बजे भगवान रघुनाथ पालकी में सवार होकर ढालपुर आएंगे और करीब 4:00 बजे भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में यहां पर प्रशासन के द्वारा सारी तैयारी कर ली गई है. इसके अलावा रोजाना 7 दिनों तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. जिसमें अंतरराष्ट्रीय कलाकार भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. कुल्लू पुलिस द्वारा दशहरा उत्सव को विभिन्न सेक्टर में बांटा गया है. करीब 1400 पुलिस जवान सुरक्षा व्यवस्था को देख रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Kullu Dussehra 2024: ना रामलीला, ना रावण दहन, फिर भी सबसे खास है एक हफ्ते तक चलने वाला कुल्लू दशहरा

ये भी पढ़ें: राजा को रोग से मुक्ति दिलाने के लिए अयोध्या से चुरा कर लाई गई थी मूर्तियां, जानिए कुल्लू दशहरे का इतिहास

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.