कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में आए दिन नशा तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं. इसमें युवा वर्ग सबसे अधिक संलिप्त पाया जा रहा है. हिमाचल प्रदेश में जल्द अमीर बनने की चाह युवाओं को नशे के दलदल में धकेल रही है और आए दिन युवा वर्ग ही सबसे अधिक सलाखों के पीछे भी पहुंच रहा है. ऐसे में जिला कुल्लू की अगर बात की जाए तो नशा तस्करी और इसकी तस्करी में युवा ही सबसे अधिक संलिप्त पाए गए हैं.
नशे की जद में 18-32 साल के युवा: कुल्लू पुलिस के अगर 7 सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो इसमें 18 साल से 32 साल के युवा सबसे अधिक नशे के कारोबार में संलिप्त पाए गए है. कुल्लू पुलिस द्वारा 7 सालों में दर्ज किया गए एनडीपीएस मामलों में इनकी तादाद सबसे अधिक है और इनमें युवा अच्छे पढ़े लिखे हुए हैं. जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि बेरोजगारी की मार और जल्द अमीर बनने की चाहत युवाओं को नशे के काले धंधे की ओर ले जा रही है.
7 सालों में 1369 मामले: कुल्लू पुलिस के रिकॉर्ड की बात करें तो साल 2017 से लेकर साल 2023 तक 1369 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में 1880 लोग सलाखों के पीछे पहुंचे हैं. वहीं, इसमें खास बात यह है कि 18 से 32 वर्ष आयु के युवा इसमें 1025 शामिल हैं. इसके अलावा 18 साल से नीचे के किशोर भी नशे की तस्करी में संलिप्त पाए गए हैं.
क्या कहते हैं आंकडें? कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 32 से 40 साल की उम्र के युवा भी नशा तस्करी के मामले में सबसे अधिक शामिल पाए गए हैं. 7 सालों के रिकॉर्ड में इस 32 से 40 साल के युवा 603 शामिल पाए गए हैं और 7 सालों में इनका आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. 18 से लेकर 40 साल तक की उम्र के युवाओं की बात करें तो इनका गिरफ्तार होने का आंकड़ा 1628 है. जिससे यह अब साफ हो गया है कि नशा तस्करी में ज्यादातर युवा ही शामिल है. पिछले 7 सालों में 40 से अधिक उम्र के लोगों की बात की जाए तो 40 से 50 साल आयु वर्ग के 171 लोग गिरफ्तार हुए हैं और 50 से ज्यादा उम्र के 72 लोगों को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है.
युवाओं को किया जा रहा जागरूक: कुल्लू पुलिस के एएसपी संजीव चौहान का कहना है कि नशा तस्करी के खिलाफ कुल्लू पुलिस द्वारा अभियान चलाया जा रहा है और आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा समाज में कुल्लू पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया गया है और शिक्षण संस्थानों में भी युवाओं को नशे से दूर रहने के बारे में जागरूक किया जा रहा है.