कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में बने राजकीय महाविद्यालय कुल्लू की ग्रेडिंग अब दो पायदान नीचे गिर गई है. कॉलेज में सुधार के बजाय साल 2024 के परिणाम में कुल्लू कॉलेज पांच साल में बी प्लस-प्लस से ग्रेड-बी हो गया है. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) के आकलन में इस बात का खुलासा हुआ है. इससे पहले साल 2017 में कॉलेज की ग्रेडिंग बी प्लस प्लस थी. नैक स्कोर 2017 में 2.76 था, जो 2024 में फिसल कर 2.45 पर आ गया है. कुल्लू कॉलेज में पढ़ रहे छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि साल 2017 में नैक ग्रेड बी प्लस प्लस थी तो इस बार इसे ए-ग्रेड होना चाहिए था. यानी कॉलेज का स्कोर इस साल 3.0 हो सकता था. 5 सालों में कॉलेज को जो लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए था, उसे हासिल नहीं किया गया.
कॉलेज के सतत विकास का मूल्यांकन करता है नैक
गौरतलब है कि नैक ग्रेड न केवल यूजीसी ग्रांट के लिए बहुत जरूरी है, बल्कि सभी अभिभावकों, छात्र एवं प्राध्यापकों के लिए गौरव की बात होती है. हर पांच साल बाद होने वाली नैक ग्रेडिंग में कॉलेज के सतत विकास का मूल्यांकन किया जाता है. राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की टीम ने 23 और 24 जुलाई को गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज कुल्लू का ग्रेडिंग के लिए निरीक्षण किया था. नैक की टीम ने कॉलेज में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं, अभिनव नवाचारों, विभिन्न क्लबों, प्रकोष्ठों, प्रयोगशालाओं सहित पुस्तकालय का निरीक्षण किया था. इसके अलावा शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं कॉलेज की ग्रेड गिरने से कई शिक्षाविदों ने इस पर नाराजगी जताते हुए सुधार के लिए आगामी पांच सालों में बेहतर काम करने की बात कही है.
कुल्लू कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनदीप शर्मा ने कहा, "इस बार कुल्लू कॉलेज की ग्रेड-बी आई है. हमारा लक्ष्य कॉलेज को ग्रेड-ए तक पहुंचाना है. इसके लिए कॉलेज के सभी प्राध्यापकों और कर्मचारियों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. कॉलेज में शैक्षणिक स्तर एवं विकासात्मक कार्यों के साथ विद्यार्थियों के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी, खेलकूद और करियर संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा."