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कुल्लू बस हादसे में बच सकती थी मृतकों की जान! 3 लोगों की हुई मौत, 20 घायल

कुल्लू के आनी में मंगलवार को हुए बस हादसे के बाद घायलों के परिजनों ने लोक निर्माण विभाग को दुर्घटना का जिम्मेदार ठहराया.

KULLU ROAD ACCIDENT
कुल्लू सड़क हादसा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 11, 2024, 10:54 AM IST

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल आनी के शकेलहड़ में क्रैश बैरियर या पैराफिट होते तो शायद तीन लोगों की जान बच जाती. बीते मंगलवार को शकेलहड़ में एक बस अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे खाई में गिर गई. जिसमें बस ड्राइवर समेत तीन लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए हैं. जिस सड़क पर ये दर्दनाक हादसा हुआ, यहां पर ये सड़क बेहद तंग है और ड्राइवरों को दूसरी गाड़ियों को पास देने के लिए भी 100 मीटर तक दूर जाना पड़ता है. इस सड़क मार्ग पर एक भी जगह पर क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं. जिस जगह पर बस सड़क से नीचे गिरी वहां पर भी कोई पैराफिट नहीं लगे हैं.

बर्फबारी के बाद सबसे व्यस्त मार्ग

बता दें कि ये आनी का सबसे व्यस्त मार्ग है. जलोड़ी में बर्फबारी होते ही आनी के लोग जिला मुख्यालय कुल्लू के लिए इसी सड़क से जाते हैं. जबकि करसोग, छतरी समेत मंडी जाने के लिए भी यही एकमात्र सड़क है. ऐसे में इस सड़क को सुधारने की दिशा में किसी भी सरकार ने जहमत नहीं उठाई है. बस हादसे में घायल हुए लोगों के परिजन हितेश और सरोज कुमारी ने कहा, "अगर इस मार्ग में क्रैश बैरियर लगे होते या पैराफिट होते तो शायर लोग घायल होने से बच जाते और हमारे अपनों की जान बच जाती, लेकिन सरकार व प्रशासन को इस बार की चिंता कहां है." वहीं, घायलों के परिजनों ने सरकार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया.

लोक निर्माण विभाग निरमंड के सहायक अभियंता मनोज कुमार, "आनी के निगान-श्वाड़ मार्ग में क्रैश बैरियर लगाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा. ये मार्ग बहुत पुराना है और शायद तंग भी है. ऐसे में इस मार्ग में हादसे न हो, इसके लिए योजना बनाकर सरकार को भेजा जाएगा."

ये भी पढ़ें: कुल्लू में खाई में गिरी यात्रियों से भरी बस, तीन की मौत, 20 घायल, 42 लोग थे सवार

ये भी पढ़ें: ट्रैक्टर चलाते वक्त ड्राइवर को आया हार्ट अटैक, गाड़ी के नीचे दबने से हुई मौत

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल आनी के शकेलहड़ में क्रैश बैरियर या पैराफिट होते तो शायद तीन लोगों की जान बच जाती. बीते मंगलवार को शकेलहड़ में एक बस अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे खाई में गिर गई. जिसमें बस ड्राइवर समेत तीन लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए हैं. जिस सड़क पर ये दर्दनाक हादसा हुआ, यहां पर ये सड़क बेहद तंग है और ड्राइवरों को दूसरी गाड़ियों को पास देने के लिए भी 100 मीटर तक दूर जाना पड़ता है. इस सड़क मार्ग पर एक भी जगह पर क्रैश बैरियर नहीं लगे हैं. जिस जगह पर बस सड़क से नीचे गिरी वहां पर भी कोई पैराफिट नहीं लगे हैं.

बर्फबारी के बाद सबसे व्यस्त मार्ग

बता दें कि ये आनी का सबसे व्यस्त मार्ग है. जलोड़ी में बर्फबारी होते ही आनी के लोग जिला मुख्यालय कुल्लू के लिए इसी सड़क से जाते हैं. जबकि करसोग, छतरी समेत मंडी जाने के लिए भी यही एकमात्र सड़क है. ऐसे में इस सड़क को सुधारने की दिशा में किसी भी सरकार ने जहमत नहीं उठाई है. बस हादसे में घायल हुए लोगों के परिजन हितेश और सरोज कुमारी ने कहा, "अगर इस मार्ग में क्रैश बैरियर लगे होते या पैराफिट होते तो शायर लोग घायल होने से बच जाते और हमारे अपनों की जान बच जाती, लेकिन सरकार व प्रशासन को इस बार की चिंता कहां है." वहीं, घायलों के परिजनों ने सरकार व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया.

लोक निर्माण विभाग निरमंड के सहायक अभियंता मनोज कुमार, "आनी के निगान-श्वाड़ मार्ग में क्रैश बैरियर लगाने के लिए बजट का प्रावधान किया जाएगा. ये मार्ग बहुत पुराना है और शायद तंग भी है. ऐसे में इस मार्ग में हादसे न हो, इसके लिए योजना बनाकर सरकार को भेजा जाएगा."

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