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अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस : राष्ट्रीय समारोह में शामिल होंगे कुचामन के नवसाक्षर एवं स्वयंसेवी शिक्षक - International Literacy Day 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 7, 2024, 10:50 PM IST

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर 8 सितंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय समारोह में राजस्थान से 4 शिक्षार्थी, 2 नवसाक्षर एवं 2 स्वयंसेवी शिक्षकों का चयन किया गया है. इसमें से 2 लोगों का चयन कुचामनसिटी से किया गया है.

कुचामन के नवसाक्षर एवं स्वयंसेवी शिक्षक
कुचामन के नवसाक्षर एवं स्वयंसेवी शिक्षक (ETV Bharat Kuchamancity)

कुचामनसिटी : अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर 8 सितंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय समारोह में भाग लेने के लिए राजस्थान से 4 शिक्षार्थी, 2 नवसाक्षर एवं 2 स्वयंसेवी शिक्षकों का चयन किया गया है. इनमें से एक नवसाक्षर एवं एक स्वयंसेवी शिक्षक का चयन कुचामनसिटी की ग्राम पंचायत चारणवास से किया गया है. समारोह में साक्षरता निदेशालय जयपुर के 2 और राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद उदयपुर के 2 अधिकारी भी शिरकत करेंगे.

52 वर्ष की उम्र में परीक्षा पास की : डीडवाना कुचामन जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने बताया कि स्वयंसेवी शिक्षक मंगलपुरा ग्राम के निवासी कल्याणमल स्वामी हैं, जिन्होंने छात्र जीवन से ही सम्पूर्ण साक्षरता अभियान में पढ़ाने का कार्य शुरू कर साक्षरता प्रेरक एवं ग्राम रोजगार सहायक के रूप में कार्य करना जारी रखा. सैंकड़ों अशिक्षितों को पढ़ाकर उनका जीवन सफल करने के साथ ही अपनी पत्नी सुन्दर देवी को भी 10वीं तक पढ़ाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनाने में मदद की. नवसाक्षर चारणवास ग्राम की निवासी मीरा देवी हैं, जिनको बचपन में कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला और साक्षरता अभियान में पढ़ना-लिखना सीखकर 52 वर्ष की उम्र में बुनियादी साक्षरता परीक्षा उत्तीर्ण की.

इसे भी पढ़ें- विश्व साक्षरता दिवस से पहले सरकारी स्कूलों में होगा रीड ए थॉन का आयोजन - Reading Campaign

राष्ट्रीय समारोह में लेंगी भाग : कलेक्टर ने बताया कि कुचामन क्षेत्र के स्वयंसेवी शिक्षक मंगलपुरा ग्राम के निवासी कल्याण मल स्वामी और ग्राम मंगलपुरा की रतनी देवी ने कक्षा 5 के प्रमाण-पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी हासिल कर आत्मनिर्भर बनी. ये दोनों 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौक पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय समारोह में भाग लेंगे. समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान शामिल होंगे.

सेवानिवृत्त साक्षरता समन्वयक चंपालाल कुमावत ने बताया कि रतनी देवी ने बचपन में कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा और साक्षरता अभियान में पढ़ना-लिखना सीखकर बुनियादी साक्षरता परीक्षा उत्तीर्ण की. पढ़ाई करने के कारण घर से बाहर निकलना सीखा, जिससे जागरूकता आई और ग्राम पंचायत द्वारा इंदिरा आवास योजना से मकान स्वीकृत करवाया और घरेलू टांका भी बनवाया. अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के कारण उनका जीवन ही बदल गया है. इससे सब कुछ पढ़ना, हिसाब करना, मोबाइल चलाना, सोशल मीडिया का यूज करना भी जानती हैं.

कुचामनसिटी : अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर 8 सितंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय समारोह में भाग लेने के लिए राजस्थान से 4 शिक्षार्थी, 2 नवसाक्षर एवं 2 स्वयंसेवी शिक्षकों का चयन किया गया है. इनमें से एक नवसाक्षर एवं एक स्वयंसेवी शिक्षक का चयन कुचामनसिटी की ग्राम पंचायत चारणवास से किया गया है. समारोह में साक्षरता निदेशालय जयपुर के 2 और राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद उदयपुर के 2 अधिकारी भी शिरकत करेंगे.

52 वर्ष की उम्र में परीक्षा पास की : डीडवाना कुचामन जिला कलेक्टर बालमुकुंद असावा ने बताया कि स्वयंसेवी शिक्षक मंगलपुरा ग्राम के निवासी कल्याणमल स्वामी हैं, जिन्होंने छात्र जीवन से ही सम्पूर्ण साक्षरता अभियान में पढ़ाने का कार्य शुरू कर साक्षरता प्रेरक एवं ग्राम रोजगार सहायक के रूप में कार्य करना जारी रखा. सैंकड़ों अशिक्षितों को पढ़ाकर उनका जीवन सफल करने के साथ ही अपनी पत्नी सुन्दर देवी को भी 10वीं तक पढ़ाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनाने में मदद की. नवसाक्षर चारणवास ग्राम की निवासी मीरा देवी हैं, जिनको बचपन में कभी स्कूल जाने का मौका नहीं मिला और साक्षरता अभियान में पढ़ना-लिखना सीखकर 52 वर्ष की उम्र में बुनियादी साक्षरता परीक्षा उत्तीर्ण की.

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राष्ट्रीय समारोह में लेंगी भाग : कलेक्टर ने बताया कि कुचामन क्षेत्र के स्वयंसेवी शिक्षक मंगलपुरा ग्राम के निवासी कल्याण मल स्वामी और ग्राम मंगलपुरा की रतनी देवी ने कक्षा 5 के प्रमाण-पत्र के आधार पर आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी हासिल कर आत्मनिर्भर बनी. ये दोनों 8 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौक पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय समारोह में भाग लेंगे. समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान शामिल होंगे.

सेवानिवृत्त साक्षरता समन्वयक चंपालाल कुमावत ने बताया कि रतनी देवी ने बचपन में कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा और साक्षरता अभियान में पढ़ना-लिखना सीखकर बुनियादी साक्षरता परीक्षा उत्तीर्ण की. पढ़ाई करने के कारण घर से बाहर निकलना सीखा, जिससे जागरूकता आई और ग्राम पंचायत द्वारा इंदिरा आवास योजना से मकान स्वीकृत करवाया और घरेलू टांका भी बनवाया. अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाई. उन्होंने बताया कि पढ़ाई के कारण उनका जीवन ही बदल गया है. इससे सब कुछ पढ़ना, हिसाब करना, मोबाइल चलाना, सोशल मीडिया का यूज करना भी जानती हैं.

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