रांची: राज्य के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख पर मांगों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए राज्य भर के कृषक मित्रों ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय पहुंच कर धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान कृषक मित्रों ने पूर्व मंत्री बादल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
14 वर्षों से विभाग में सेवा दे रहे हैं कृषक मित्रः अध्यक्ष
झारखंड राज्य कृषक मित्र महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार ने बताया कि राज्य में कृषक मित्र पिछले कई वर्षों से सरकार की विभिन्न योजनाओं को धरातल पर उतारने में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सम्मानजनक मानदेय भी नहीं मिलता. ऐसे में कृषक मित्रों के सामने आंदोलन के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा है.
कृषक मित्रों से लिए जाते हैं कई कार्य, पर मानदेय के नाम पर कुछ नहींः सुभाष
वहीं कृषक मित्र महासंघ के नेता प्रदेश महासचिव सुभाष सिंह कहते हैं कि राज्य में कृषक मित्रों को सिर्फ कलम, बैग, कॉपी और स्टेशनरी के नाम पर 12 हजार रुपये प्रति वर्ष दिया जाता है. जबकि कृषक मित्रों से केसीसी, ई-केवाईसी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, श्री विधि से खेती करना, मिट्टी जांच, किसान रजिस्ट्रेशन, धान अधिप्राप्ति, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, आपदा राहत कार्य, सुखाड़ राहत कार्य, चुनाव कार्य, कोविड-19 महामारी, कृषि यंत्र आवेदन, डोभा निर्माण, पशुपालन विभाग, मनरेगा योजना सहित कई तरह के काम लिए जाते हैं, लेकिन मानदेय कुछ नहीं मिलता है.
ये हैं कृषक मित्रों की मुख्य मांगें
- कुशल मजदूर के बराबर कृषक मित्रों का मानदेय लागू किया जाए.
- कृषक मृतक के आश्रितों को को अनुकंपा पर नौकरी दी जाए.
- कृषि विभाग में निकलने वाली बहाली में 50% आरक्षण कृषक मित्रों को दी जाए.
- कृषक मित्रों को बीमा भत्ता दिया जाए.
- कृषक मित्रों की नौकरी 65 वर्ष उम्र सीमा सुनिश्चित की जाए
कांग्रेस नेताओं ने कृषक मित्रों को समझाने का किया प्रयास
वहीं धरना-प्रदर्शन कर रहे कृषक मित्रों से कांग्रेस के संगठन सचिव अमूल्य नीरज खलखो और अन्य नेताओं ने बातचीत की और कृषक मित्रों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया. लेकिन कृषक मित्र पीछे हटने को तैयार नहीं थे. खबर लिखे जाने तक कृषक मित्रों का प्रदर्शन जारी था.
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