बिलासपुर: कोटा क्षेत्र में टीका लगने के बाद 2 बच्चों की मौत पर जांच करने पहुंची मेडिकल टीम को परिजन व ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. गांव वालों ने जांच टीम को गांव से बाहर खदेड़ दिया. ग्रामीणों का कहना है कि टीका लगने से पहले बच्चे पूरी तरह स्वस्थ थे, टीका लगने के बाद ही उनकी मौत हुई. बच्चे के परिजनों ने कहा- "बार-बार पूछकर गड़े मुर्दे क्यों उखाड़ रहे हो. आपके अस्पताल में मेरा बच्चा था. जब बच्चा मर रहा था तब कहां थे."
कोटा में टीका लगने के बाद 2 बच्चों की मौत: : बिलासपुर के कोरीपारा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में शुक्रवार को टीकाकरण किया गया. गांव के 7 बच्चों को बीसीजी और पेंटा वन का टीका लगाया गया था, जिसके बाद 2 माह के बच्चे और 3 दिन की मासूम की मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग फौरन हरकत में आया और अन्य 5 मासूमों को ऑब्जर्वेशन के लिए कोटा सीएचसी में भर्ती कराया. इस घटना के बाद मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठने लगी.
गांव पहुंची जांच टीम पर ग्रामीणों का उतरा गुस्सा: दो बच्चों की मौत मामले में स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर, राज्यस्तरीय टीकाकरण अधिकारी समेत जांच दल के पांच सदस्य सहित स्थानीय अधिकारियों की टीम सोमवार को गांव पहुंची. कोरीपारा गांव में अधिकारियों ने जैसे ही प्रारंभिक जानकारी जुटानी शुरू की, बड़ी संख्या में ग्रामीण एकजुट हो गए. बच्चे के परिजनों और गांव वालों ने मौत के चौथे दिन आने और बार-बार एक ही बात पूछने पर नाराजगी जताई. परिजनों ने कहा-" तीन दिन से इन सवालों से परेशान हो गए हैं. जो होना था वह हो गया फिर बार-बार क्यों परेशान करने आ जाते हो, जिस समय जांच करना था तब अस्पताल से भगा दिया गया. अब जांच करने पहुंचे हैं."
गांव से वापस लौटी जांच टीम: ग्रामीणों का कहना था कि बच्चे टीका लगने से पहले पूरी तरीके से स्वस्थ थे और टीका लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी. ग्रामीणों ने जांच टीम से किसी भी तरह चर्चा करने और उनको जानकारी देने से इनकार कर दिया. परिजनों और गांव वालों का गुस्सा देखकर अधिकारी भी वापस लौट गये.