कोटा. राजस्थान पुलिस ने प्रदेश के लोगों और स्टूडेंट के तनाव व सुसाइड की प्रवृत्ति को जानने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ कोलिब्रेशन किया है. इसमें मेटा के फेसबुक और इंस्टाग्राम से पुलिस को मदद मिल रही है. इस कोलिब्रेशन के जरिए कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अवसाद, सुसाइड या तनाव से संबंधित कोई जानकारी डालता है, तब उसके संबंध में नोटिफिकेशन पुलिस को मिल जाता है. ऐसा ही मामला कोटा जिले में सामने आया है, जहां सांगोद थाना इलाके के एक नाबालिग ने सोशल मीडिया रील अपलोड की थी. रील में उसने अपनी जान देने की बात लिख दी थी. इस संबंध में मेटा ने कोटा पुलिस को अलर्ट भेजा, इसके बाद कोटा ग्रामीण पुलिस ने एक्टिव होकर इस बालक का पता लगाया और उसके परिजनों से भी समझाइश की है और बालक को परिजनों का सुपुर्द किया है. बालक को नजर बनाए रखने के लिए भी परिजनों को हिदायत दी गई है.
कोटा ग्रामीण एसपी करण शर्मा ने बताया कि उन्हें सोमवार को मेटा के जरिए एक अलर्ट मिला था, जिसमें एक बालक ने अपनी जान देने की बात कही थी. यह मामला सांगोद थाना इलाके के गांव का था. ऐसे में सांगोद पुलिस को इस संबंध में एक्टिव किया गया और उसे बालक को दस्तयाब किया और उसकी काउंसलिंग करवाई गई है. साथ ही इस तरह से रील बनाकर अपलोड नहीं करने के लिए भी उसे समझाया है. एसपी शर्मा ने बताया कि बालक को उम्मीद नहीं थी कि उसके रील अपलोड करने के बाद पुलिस उसको खोजती हुई घर आ जाएगी.
सांगोद थाना अधिकारी हीरालाल पूनिया का कहना है कि उनके पास सोमवार शाम 4:00 बजे के आसपास के सूचना मिली थी और 45 मिनट के अंतराल में ही उन्होंने इस बालक को खोज निकाला था. हालांकि इस दौरान थोड़ी मशक्कत का जरूर हुई, क्योंकि बालक ने अपना मोबाइल बंद कर झाड़ियों में जाकर छुप गया था.
बता दें कि इससे पहले भी कोटा सिटी पुलिस का अलर्ट पर झुंझुनू में एक स्टूडेंट के सुसाइड को पुलिस ने प्रीवेंट किया था. उसने भी सोशल मीडिया पर सुसाइड का संबंध में कुछ लिखा था, बालक का अवसाद में था. कोटा पुलिस को मेटा से इस संबंध में अलर्ट मिला था. कोटा पुलिस ने झुंझुनू पुलिस को यह जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने उसके घर पर दस्तक देकर बालक की काउंसलिंग करवाकर सुसाइड को रोका था.