कोरबा : वर्तमान में कोरबा जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों जितने बच्चे आ रहे हैं, उनमें से 20 फीसदी बच्चे कुपोषण की श्रेणी में हैं. इसी समस्या से निपटने के लिए भाजपा सरकार पोषण आहार देने का काम बीज निगम लिमिटेड से वापस लेकर फिर से पुरानी व्यवस्था की तरह यह काम महिला समूह को देने जा रही है. लंबी प्रक्रिया के कारण पोषण आहार का मामला अटक सा गया है. विभागीय अधिकारी भी इस विषय में खुलकर नहीं बता रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों में पदस्थ कार्यकर्ताओं की मानें तो पोषण आहार वितरण में तेजी नहीं आ रही है. बचे हुए स्टॉक से ही आपूर्ति हो रहे हैं.
कुपोषण की श्रेणी में 20 फीसदी बच्चे : हाल ही में छत्तीसगढ़ के विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीला भेड़िया ने आंगनबाड़ी केंद्रों गरम भोजन बंद होने की बात कही थी. जिस पर वर्तमान मंत्री ने आवश्यकता के आधार पर योजनाओं के संचालन की कही है. आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में लगभग 2599 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें 95000 बच्चे प्रतिदिन आते हैं. इनमें लगभग 20 फीसदी बच्चे कुपोषण की श्रेणी में है.
भावनों की ऐसी है स्थिति : कोरबा जिले में कुल मिलाकर 2599 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 258 केंद्रों को मरम्मत की जरूरत है. 278 भवन इतने जर्जर हैं कि बच्चों को नहीं बैठाया जा सकता. इन्हें पूरी तरह से डिस्मेंटल कर नवीन भवन बनाने की जरूरत है. जबकि 500 केंद्र ऐसे हैं, जहां नवीन भवन बनाए जा रहे हैं या फिर वही वैकल्पिक भवन में संचालित किया जा रहे हैं.
इस तरह के मिलनी चाहिए सुविधा : आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों की उम्र 0 से 6 वर्ष की होती है. इस आयु वर्ग के बच्चों को पोषण आहार दिया जाता है. शून्य से 3 वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार वितरण की योजना है. जबकि तीन से 6 वर्ष तक के बच्चों को गर्म भोजन देने की व्यवस्था आंगनबाड़ी केंद्र में रहती है. हालांकि, नियमित अंतरणों पर पोषण आहार, गर्म भोजन वितरण में गड़बड़ी और कोताही बरते जाने की शिकायतें विभाग को मिलती हैं.
जरूरत के मुताबिक नहीं मिल रहा पोषण आहार : उन्हें नहीं मिल पोषण आहार बनाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन की प्रक्रिया जटिल है, जिसमें समय भी लग रहा है. वर्तमान में बीज निगम लिमिटेड में जितना पोषण आहार आंगनबाड़ी केंद्रों में शेष है, इसी स्टॉक से वितरण किया जा रहा है. नया स्टॉक अभी नहीं मिला है. नई व्यवस्था लागू होने तक पोषण आहार वितरण में तेजी आना मुश्किल है. आंगनबाड़ी केंद्रों में पदस्थ कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी है कि जितने की जरूरत है, उतना पोषण आहार उन्हें नहीं मिल पा रहा है.
"बच्चों को दिया जा रहा है योजना का लाभ" : इस विषय में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश का कहना है कि 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए शासन की जितने भी योजनाएं चलती हैं, उनका लाभ उन्हें दिया जा रहा है. पोषण आहार से लेकर गर्म भोजन का वितरण भी किया जा रहा है. कुछ भावनों को डिस्मेंटल कर नया भवन बनाने की जरूरत है. 500 केंद्र भवन विहिन हैं, जिनके लिए भी प्रस्ताव जिला पंचायत को भेज दिया गया है. जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, इनका निर्माण भी कर दिया जाएगा."
बीज निगम और महिला समूह के बीच फंसा मामला : प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा की रमन सरकार में आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार वितरण का काम महिला समूह से कराया जाता था. कांग्रेस सरकार ने यह काम महिला समूह से लेकर बीज निगम लिमिटेड को सौंप दिया था. पिछले 5 साल तक बीज निगम लिमिटेड ने ही आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार की सप्लाई की. अब भाजपा सरकार वापस आने के बाद फिर से पोषण आहार बनाने का काम महिला समूह को दिए जाने की योजना पर काम चल रहा है.