कोरबा: एसईसीएल प्रबंधन के विरोध में एक बार फिर मजदूरों का गुस्सा फूटा है. कोयला मजदूर पंचायत ने एसईसीएल कोरबा क्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने सोमवार को पूरे दिन जमकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान ये मजदूर कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गए और प्रबंधन के विरोध जमकर नारेबाजी की. मजदूर अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनमें जमीन के बदले उचित मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास शामिल है. निजी कंपनी की मनमानी की और शोषण की बात भी मजदूरों ने कही है.
दो स्थानों पर एक साथ प्रदर्शन: एसईसीएल के खिलाफ भू-विस्थापितों और कामगारों का प्रदर्शन जारी है. सोमवार को जहां गेवरा और दीपका में प्रदर्शन किया गया. वहीं, कोरबा में भी कोयला मजदूर पंचायत के बैनर तले कोरबा जीएम कार्यालय के साथ ही मानिकपुर उप महामहाप्रबंधक कार्यालय के बाद भू-विस्थापितों के साथ ही कामगारों ने प्रदर्शन किया.
मजदूरों का निकाला गया काम से : कोयला मजदूर पंचायत के केंद्रीय उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि, "कोयलांचल क्षेत्र के ज्यादातर भू विस्थापित किसानों ने अपनी जमीन खदानों को दे दी है. उनकी जमीनों का सालों पहले अधिग्रहण हो चुका है. अब वह किसी तरह अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं. निजी कंपनी में मजदूरी का काम भी कर रहे हैं. हाल ही में कई मजदूर को काम से निकाल दिया गया है. शॉर्ट अटेंडेंस कर उनकी रोजी भी कम बनाई जाती है. लगातार उनके अधिकारों का हनन हो रहा है. हम चाहते हैं कि मजदूरों को जो भी सुविधा सरकार से मिलती हैं, वह मिले, मजदूरों से नियमानुसार काम लिया जाए. उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए.
कर्मचारियों से किया जा रहा दुर्व्यवहार: प्रदर्शनकारियों की मानें तो सरायपाली कोल माइंस में नियोजित स्टार मिनरल्स, गेवरा में रूंगटा व अन्य निजी कंपनियों द्वारा ठेका कर्मचारियों का शोषण करने के साथ ही उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है. इसके खिलाफ श्रमिक संगठनों के साथ कामगार प्रदर्शन कर रहे है. प्रदर्शन के दौरान महिला और बच्चे भी शामिल थे. सभी ने प्रबंधन के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.