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बीजेपी की लड़ाई कांग्रेस से लेकिन हमारी जंग बेरोजगारी और महंगाई से है: ज्योत्सना महंत - lok sabha election 2024

कोरबा लोकसभा सीट का जंग दिलचस्प होता जा रहा है. यहां से बीजेपी ने सरोज पांडेय को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने अपनी मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत पर भरोसा जताया है. सरोज पांडेय और ज्योत्सना महंत दोनों लगातार चुनाव प्रचार में जुटी हुई है. इस दौरान ईटीवी से बातचीत में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने महंगाई और बेरोजगारी को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है.

LOK SABHA ELECTION 2024
कोरबा लोकसभा सीट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 2, 2024, 10:33 PM IST

कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत से खास बातचीत

कोरबा: कोरबा लोकसभा सीट पर मुख्य चुनावी दंगल दो महिलाओं के बीच है. बीजेपी की तरफ से सरोज पांडेय और कांग्रेस की तरफ से ज्योत्सना महंत चुनावी बैतरनी को पार करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहीं हैं. बिसाहू दास महंत जी जयंती पर एक कार्यक्रम में ज्योत्सना महंत शिरकत कर रहीं थीं. इस दौरान चुनाव प्रचार समेत कई मुद्दों पर उन्होंने बात की है. इस बार के चुनाव को ज्योत्सना महंत ने मुद्दों की लड़ाई बताया है.

सवाल : बिसाहू दास महंत की जयंती पर किस तरह का कार्यक्रम आपने रखा था, इस आयोजन के बारे में बताइए.

जवाब : बिसाहू दास महंत जी की आज 100 वी जयंती हमने मनाई और यह महंत परिवार का एक पारिवारिक कार्यक्रम था. जिसमें हमने पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को बुलाया था. रायपुर से लेकर बस्तर तक, सभी लोगों ने बाबूजी से जुड़े संस्मरण सुनाए. मैंने तो उन्हें कभी देखा नहीं है. लेकिन उनके बारे में मैं जो लोगों से सुनती हूं. वही अपने मन में उतारती हूं और उसके हिसाब से ही चलती हूं.

सवाल : आपने राजनीति का वह पुराना दौर भी देखा है और आप आज भी राजनीति कर रही हैं, तब और अब के दौर में क्या परिवर्तन आप देखती हैं ?

जवाब : देखिए पहले की राजनीति बड़ी साफ सुथरी और बड़ी अच्छी हुआ करती थी. लोगों को घर से बुलाकर टिकट दिया जाता था. कोई लालच नहीं था और ये कोई व्यापार नहीं था. लेकिन अब लोगों ने राजनीति को व्यापारिक रूप दे दिया है. राजनीति का मतलब है जनता के हित में काम करना. मैं और चरणदास महंत जी सदैव बिसाहू दास महंत जी के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं. हम लोग आज की राजनीति से दूर हैं. हम उनके द्वारा सिखाई गई राजनीति के आधार पर चल रहे हैं. एक जनप्रतिनिधि बनकर लोगों की सेवा कर रहे हैं.

सवाल : अभी जब आप चुनाव प्रचार करने जा रही हैं, तो लोग आपसे क्या कह रहे हैं, वह कौन से चुनावी मुद्दे हैं?

जवाब : देखा जाए तो कोरबा क्षेत्र के ग्रामीण काफी भोले-भाले और एक दूसरे से प्यार करने वाले हैं. मुझे बहुत प्रेम मिल रहा है, आशीर्वाद मिल रहा है. यहां के लोगों से हमारा व्यक्तिगत पारिवारिक रिश्ता रहा है. सन 1997 से महंत जी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. पहले जांजगीर से लड़े, फिर क्षेत्र बदलने के बाद कोरबा लोकसभा से लड़े, कोरबा पहले जांजगीर के अंतर्गत ही आता था. सभी हमें यहां एक पारिवारिक सदस्य के रूप में स्वीकारते हैं और मैं तो एक साधारण महिला हूं. सामाजिक सेविका के रूप में उनके बीच गई थी.मुझे भाभी, मां, दीदी ऐसा कहकर लोग मुझे प्यार देते हैं.

सवाल : आपकी जो प्रतिद्वंदी हैं सरोज पांडे. उन्होंने आप पर निष्क्रियता का आरोप लगाया. कोयला, कबाड़ के मुद्दों पर खामोश रहने की बात कही.

जवाब : हम लोगों की सोच, विचार और नीति कांग्रेसी है. हमारी कांग्रेस की परंपरा रही है. हम सादगी से रहते हैं. जो हमारे आज के मुद्दे हैं, उन मुद्दों पर हम लोग यह चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन हमारा जो विपक्ष है. वह हमसे लड़ रहा है. हम बेरोजगारी से लड़ रहे हैं, महंगाई से लड़ रहे हैं, गरीब किसानों के न्याय के लिए लड़ रहे हैं, मजदूरों के न्याय के लिए लड़ रहे हैं.इसलिए उनमें और हममें विचारधारा का फर्क है. दूसरी बात यह है कि मैं एक साधारण सामाजिक पारंपरिक परिवार से जुड़ी हुई महिला हूं. महंत बिसाहू दास जी की बहू के रूप में मुझे जनता से प्यार मिला है. उस प्यार को ही मुझे आगे बढ़ाना है, वैसे भी हम लोग कबीरपंथी हैं. गुस्से से नहीं प्रेम से काम लेते हैं.

सवाल : एक दिन पहले आपने कोरबा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, दिल्ली में भी इंडिया गठबंधन की बड़ी बैठक हुई है. किस तरह से कम यह गठबंधन काम कर रही है?

जवाब : देखिए उन्हें केंद्र से निर्देश मिले हैं कि हमें कांग्रेस का काम करना है. उस संदर्भ में वह लोग मेरे पास आए थे और बड़ी ही अनौपचारिक बैठक थी. वह लोग आए, आशीर्वाद लिया. यदि मेरे परिवार में कोई सदस्य आता है तो उसका स्वागत है और वह मेरा साथ देंगे, ऐसा उन्होंने कहा है.

सवाल : दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी. तब वहां अरविंद केजरीवाल की पत्नी थी, हेमंत सोरेन की पत्नी थी. इस तरह की राजनीति को आप किस तरह से देखती हैं?

जवाब : जिन्होंने भी कांग्रेस से गठबंधन किया है. उन्होंने कांग्रेस की नीति और विचारधारा से प्रभावित होकर गठबंधन किया है. हम अपनी कांग्रेस की परंपराओं को लेकर लेकर चुनाव लड़ रहे हैं. यह देश को बचाने के लिए लड़ी जाने वाली लड़ाई है. राहुल गांधी जी कहते हैं कि संविधान खतरे में है और हम सब भी ऐसा समझते हैं. गांव और शहर तक लोग संविधान बचाने की लड़ाई को समझ रहे हैं. यह देश को बचाने की लड़ाई है और हम देश बचाने के लिए एकजुट हैं.

सवाल : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कितनी सीट जीतने वाली है?
जवाब : देखिए यह तो समय ही बताएगा. अभी से अनुमान लगाना बेकार है. अपने मन से कोई गणित देना भी बेकार है, लेकिन निश्चित रूप से हमारी अच्छी संख्या रहेगी.

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सवाल : बिसाहू दास महंत की जयंती पर किस तरह का कार्यक्रम आपने रखा था, इस आयोजन के बारे में बताइए.

जवाब : बिसाहू दास महंत जी की आज 100 वी जयंती हमने मनाई और यह महंत परिवार का एक पारिवारिक कार्यक्रम था. जिसमें हमने पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों को बुलाया था. रायपुर से लेकर बस्तर तक, सभी लोगों ने बाबूजी से जुड़े संस्मरण सुनाए. मैंने तो उन्हें कभी देखा नहीं है. लेकिन उनके बारे में मैं जो लोगों से सुनती हूं. वही अपने मन में उतारती हूं और उसके हिसाब से ही चलती हूं.

सवाल : आपने राजनीति का वह पुराना दौर भी देखा है और आप आज भी राजनीति कर रही हैं, तब और अब के दौर में क्या परिवर्तन आप देखती हैं ?

जवाब : देखिए पहले की राजनीति बड़ी साफ सुथरी और बड़ी अच्छी हुआ करती थी. लोगों को घर से बुलाकर टिकट दिया जाता था. कोई लालच नहीं था और ये कोई व्यापार नहीं था. लेकिन अब लोगों ने राजनीति को व्यापारिक रूप दे दिया है. राजनीति का मतलब है जनता के हित में काम करना. मैं और चरणदास महंत जी सदैव बिसाहू दास महंत जी के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं. हम लोग आज की राजनीति से दूर हैं. हम उनके द्वारा सिखाई गई राजनीति के आधार पर चल रहे हैं. एक जनप्रतिनिधि बनकर लोगों की सेवा कर रहे हैं.

सवाल : अभी जब आप चुनाव प्रचार करने जा रही हैं, तो लोग आपसे क्या कह रहे हैं, वह कौन से चुनावी मुद्दे हैं?

जवाब : देखा जाए तो कोरबा क्षेत्र के ग्रामीण काफी भोले-भाले और एक दूसरे से प्यार करने वाले हैं. मुझे बहुत प्रेम मिल रहा है, आशीर्वाद मिल रहा है. यहां के लोगों से हमारा व्यक्तिगत पारिवारिक रिश्ता रहा है. सन 1997 से महंत जी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. पहले जांजगीर से लड़े, फिर क्षेत्र बदलने के बाद कोरबा लोकसभा से लड़े, कोरबा पहले जांजगीर के अंतर्गत ही आता था. सभी हमें यहां एक पारिवारिक सदस्य के रूप में स्वीकारते हैं और मैं तो एक साधारण महिला हूं. सामाजिक सेविका के रूप में उनके बीच गई थी.मुझे भाभी, मां, दीदी ऐसा कहकर लोग मुझे प्यार देते हैं.

सवाल : आपकी जो प्रतिद्वंदी हैं सरोज पांडे. उन्होंने आप पर निष्क्रियता का आरोप लगाया. कोयला, कबाड़ के मुद्दों पर खामोश रहने की बात कही.

जवाब : हम लोगों की सोच, विचार और नीति कांग्रेसी है. हमारी कांग्रेस की परंपरा रही है. हम सादगी से रहते हैं. जो हमारे आज के मुद्दे हैं, उन मुद्दों पर हम लोग यह चुनाव लड़ रहे हैं. लेकिन हमारा जो विपक्ष है. वह हमसे लड़ रहा है. हम बेरोजगारी से लड़ रहे हैं, महंगाई से लड़ रहे हैं, गरीब किसानों के न्याय के लिए लड़ रहे हैं, मजदूरों के न्याय के लिए लड़ रहे हैं.इसलिए उनमें और हममें विचारधारा का फर्क है. दूसरी बात यह है कि मैं एक साधारण सामाजिक पारंपरिक परिवार से जुड़ी हुई महिला हूं. महंत बिसाहू दास जी की बहू के रूप में मुझे जनता से प्यार मिला है. उस प्यार को ही मुझे आगे बढ़ाना है, वैसे भी हम लोग कबीरपंथी हैं. गुस्से से नहीं प्रेम से काम लेते हैं.

सवाल : एक दिन पहले आपने कोरबा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की, दिल्ली में भी इंडिया गठबंधन की बड़ी बैठक हुई है. किस तरह से कम यह गठबंधन काम कर रही है?

जवाब : देखिए उन्हें केंद्र से निर्देश मिले हैं कि हमें कांग्रेस का काम करना है. उस संदर्भ में वह लोग मेरे पास आए थे और बड़ी ही अनौपचारिक बैठक थी. वह लोग आए, आशीर्वाद लिया. यदि मेरे परिवार में कोई सदस्य आता है तो उसका स्वागत है और वह मेरा साथ देंगे, ऐसा उन्होंने कहा है.

सवाल : दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई थी. तब वहां अरविंद केजरीवाल की पत्नी थी, हेमंत सोरेन की पत्नी थी. इस तरह की राजनीति को आप किस तरह से देखती हैं?

जवाब : जिन्होंने भी कांग्रेस से गठबंधन किया है. उन्होंने कांग्रेस की नीति और विचारधारा से प्रभावित होकर गठबंधन किया है. हम अपनी कांग्रेस की परंपराओं को लेकर लेकर चुनाव लड़ रहे हैं. यह देश को बचाने के लिए लड़ी जाने वाली लड़ाई है. राहुल गांधी जी कहते हैं कि संविधान खतरे में है और हम सब भी ऐसा समझते हैं. गांव और शहर तक लोग संविधान बचाने की लड़ाई को समझ रहे हैं. यह देश को बचाने की लड़ाई है और हम देश बचाने के लिए एकजुट हैं.

सवाल : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कितनी सीट जीतने वाली है?
जवाब : देखिए यह तो समय ही बताएगा. अभी से अनुमान लगाना बेकार है. अपने मन से कोई गणित देना भी बेकार है, लेकिन निश्चित रूप से हमारी अच्छी संख्या रहेगी.

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