कोरबा: राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कोरबा में है. सीतामढ़ी में स्वागत के बाद राहुल गांधी का काफिला टीपी नगर चौक पहुंचा. यहां राहुल ने आम जनता को संबोधित किया. टीपी नगर में उनके लिए मंच बनाया गया था. लेकिन भीड़ इतनी हो गई कि राहुल ने अपने ओपन जिप्सी से ही 40 मिनट तक लोगों को संबोधित किया. इस दौरान अडानी, अंबानी, देश के उद्योग, जीएसटी, अग्निवीर से लेकर स्वास्थ्य सुविधा और रोजगार उनके निशाने पर रहे. राहुल ने एक बार फिर पीएम मोदी को टारगेट किया. अपने बयान को दोहराया कि साल 2000 में नरेंद्र मोदी ने खुद को जनरल से ओबीसी बनाया.
एक्स आर्मी को कहा ये आ गया बब्बर शेर : राहुल ओपन जिप्सी से भाषण दे रहे थे. इस दौरान नीचे खड़े पूर्व सैनिक रामकुमार सिंह राठौर पर राहुल की नजर पड़ी, उन्होंने उसे मंच पर बुला लिया. एक्स सर्विसमैन से पूछा की बताओ- आर्मी में कब भर्ती हुए थे, सैनिक की नौकरी क्यों की? पूर्व सैनिक ने राहुल को बताया कि देश सेवा के कारण सेना में भर्ती हुआ था. लेकिन आज हम जब रिटायर हो गए हैं, तो हमें सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने को कहा जा रहा है.
राहुल ने पूर्व सैनिक से बात करते हुए अग्निवीर योजना को टारगेट किया और कहा कि "मैं आपको अग्निवीर योजना के विषय में बताता हूं. चार लोगों की भर्ती होगी और इसमें से एक को ही सैनिक माना जाएगा. यदि इस दौरान सरहद पर लड़ाई लड़ते हुए किसी की मौत हो जाती है तो उसे शहीद का दर्जा भी नहीं मिलेगा. इस सरकार ने भारत में दो तरह के शहीद का कॉन्सेप्ट दे दिया, जान देने वाले सैनिक को शहीद का दर्जा भी नहीं मिल पाएगा."
श्रमिक ने बताया बेटा बीटेक लेकिन बेरोजगार : सैनिक के बाद राहुल ने हेलमेट पहने हुए एक व्यक्ति को मंच पर बुला लिया. जो मानिकपुर कोयला खदान में पदस्थ सूरज सिंह माइनिंग सरदार थे. जिससे राहुल ने हाल-चाल पूछा. सूरज ने राहुल को बताया "मेरा बेटा बीटेक इंजीनियर है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि उसे रोजगार मिलेगा, मोदी जी पकोड़ा तलने को कहते हैं."
राहुल ने पूछा की उसकी पढ़ाई पर कितना खर्च हुआ. सूरज ने बताया कि "बीटेक करने में 5 लाख खर्च हुए.", इस पर राहुल गांधी ने कहा "एक बेटे की पढ़ाई में 5 लाख लगा दिया, लेकिन वह बेरोजगार है. देश में बेरोजगारी पर बात नहीं होती. घर में कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज में पैसे खर्च हो जाते हैं. सभी पैसे जा रहे हैं. आमआदमी की जेब काटकर उद्योगपतियों की जेब भरी जा रही है. ओबीसी, आदिवासी और दलित इसी तरह का जीवन जी रहे हैं."
राम मंदिर के उद्घाटन में गरीबों को नहीं बुलाया : राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन की बात भी कोरबा में उठाई. उन्होंने कहा "जब राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो आपने वहां किसी गरीब को देखा? कोई गरीब किसान या मजदूर वहां नहीं था. वहां अमिताभ बच्चन दिखा, अंबानी दिखा, सारे अमीर लोग थे. मोदी के सारे अमीर उद्योगपति वहां पहुंचे थे. लेकिन किसी गरीब या मजदूर को वहां आमंत्रित नहीं किया गया."
क्रांतिकारी कदम है, जातिगत जनगणना : राहुल ने जाति जनगणना की बात भी की. उन्होंने कहा "देश का 99 प्रतिशत पैसा एक प्रतिशत लोगों के हाथ में है. जब कोई बीमार पड़ता है. तब उसका एक्से रे किया जाता है. एक्सरे में बीमारी के बारे मे पता चल जाता है. जाति जनगणना देश के एक्स रे की तरह है. इससे पता चल जाएगा कि किसके पास कितना धन है. जब बैंक रिवॉल्यूशन हुआ तब वह क्रांतिकारी कदम था. इसी तरह जाति जनगणना अगला क्रांतिकारी कदम होगा. मैं और आप मिलकर जनगणना कराएंगे, हम इसे करवा के रहेंगे."
किसी भी बड़े पदों पर दलित आदिवासी नहीं : राहुल ने कहा कि "स्वास्थ्य संस्थानों, कोई बड़ा इंस्टिट्यूट हो या कोई भी बड़ी कंपनी. यहां तक की जो देश का बजट बनाते हैं, उसे काम को करने वाले जो 90 आईएएस दिल्ली में हैं. इस बड़े पदों पर दलित आदिवासी नहीं है. सभी पदों पर सामान्य लोग बैठे हैं. सामान्य वर्ग वाले गरीब लोग भी उच्च पदों पर नही हैं. मैने पूरा रिसर्च किया है. मैं लोगों से पूछता हूं कि आप लोग क्या कर रहे हो, आपने यह गुलामी स्वीकार क्यों कर लिया."
युवाओं में हो रही मोबाइल की लत: राहुल गांधी ने मोबाइल की बढ़ती पहुंच पर भी अडानी अंबानी और केंद्र को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा-"देश के युवा मोबाइल में लगे हुए हैं. लोगों को मोबाइल फोन के माध्यम से एक नशा लगा दिया गया है. राहुल ने भीड़ में से एक व्यक्ति से मोबाइल फोन ले लिया, कहा कि ये विदेशी कंपनी का फोन है जो चीन का है. इस सेल फोन पर देश के युवा 8 से 10 घंटे गुजार रहे हैं. यह एक तरह का नशा है, इसे छोड़ना होगा."
मैं नरेंद्र मोदी नहीं, इसलिए गलतियां भी करता हूं : राहुल गांधी के पूरे भाषण के दौरान अडानी और अंबानी को टारगेट में रखा, कहा कि देश का एक आम नागरिक जो टैक्स देता है. उतना ही टैक्स अमीर आदमी भी देता है. गरीबों की जेब काटी जा रही है. भाषण के अंत में राहुल गांधी ने एक्स सर्विसमैन को कुछ बोलने को कहा "जिसने कहा कि सरकारी नौकरी में हमें प्राथमिकता दी जानी चाहिए, अभी भर्ती नही हो रही. हम शिक्षक बनकर बच्चों को सिखा सकते हैं. इस पर राहुल ने कहा कि इन्होंने अच्छी बात कही, जो मैं नहीं कहा पाया. गलती हो गई, मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं. इसलिए गलतियां भी करता हूं. मेरा भी यह मानना है की सबसे पहले जो खाली पद हैं. उन पर सरकारी भर्तियां होनी चाहिए. लोगों को रोजगार मिलना चाहिए."