कोंडागांव:कोंडागांव नगर पालिका के प्लेसमेंट कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है. यही कारण है कि ये कर्मचारी शनिवार को आंदोलन की योजना बना रहे हैं. पिछले तीन माह से वेतन न मिलने से ये आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. इन कर्मचारियों ने उच्चाधिकारियों से वेतन भुगतान की मांग की है.
आंदोलन की बना रहे योजना: दरअसल, कोंडागांव नगर पालिका के 112 प्लेसमेंट कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन मुहैया नहीं हुआ है. इस कारण ये कर्मचारी लगातार आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे है और वे उच्चधिकारियों से पत्राचार करते हुए वेतन भुगतान की मांग कर रहे हैं. हालांकि इनकी मांगों पर कोई सुनवाई नगर पालिका प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. इस कारण ये धरने पर जाने की योजना बना रहे हैं. हालांकि अभी तक यह तय तो नहीं हो पाया है कि ये कब से धरने पर जाएंगे.
समय पर वेतन भुगतान नहीं होने की स्थिति में हम धरने पर बैठने को मजबूर हो जाएंगे. हमसे तो नगर पालिका नियमित रूप से काम करवा रहा है. यहां तक कि चुनाव जैसे अहम कार्य में भी हम संलग्न हैं, लेकिन वेतन देने में प्रशासन के द्वारा आनाकानी की जा रही हैं. जिससे हम प्लेसमेंट कर्मचारियों को आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. -रायसिंह यादव, संरक्षक, नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी संघ, कोंडागांव
पीआईसी से मिल चुकी है अनुमति: बताया जा रहा है कि पिछली बार प्लेसमेंट एजेंसी के लिए जारी किए टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का मामला सामने आया था. इस कारण नगर पालिका की पीआईसी ने उस टेंडर प्रक्रिया को रद्द कर नए टेंडर लगाने पर अपनी सहमति दी थी, हालांकि इस बीच विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने के चलते यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई. दिसबंर 2023 में हुए पीआईसी की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि जब तक टेंडर जारी नहीं हो जाता, तब तक निकाय मद से प्लेसमेंट कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किया जाए. इसी आधार पर इन कर्मचारियों को नवबंर, दिसबंर 2023 और जनवरी-फरवरी 2024 के वेतन का भुगतान तत्कालीन सीएमओ की ओर से किया जाता रहा है.
पीआईसी इस मामले में सक्षम नहीं है, इसलिए संचालनालय को सीधे निकाय से प्लेसमेंट एजेंसी के चयन होने तक वेतन भुगतान की अनुमति के लिए पत्राचार किया गया है. लेकिन संचालनालय स्तर से अनुमति अब तक नहीं मिल पाई है. -राजेंद्र पात्रा, सीएमओ, नपा, कोंडागांव
बता दें कि वतर्मान में पदस्थ सीएमओ की ओर से पीआईसी के इस फैसले को लेकर संचालनालय से स्वीकृति के लिए पत्राचार तो किया है, लेकिन अब तक वहां से कोई उचित जवाब नहीं आने के चलते वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है.