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गर्मियों में वरदान बनी टपक सिंचाई योजना, फसलों की हो रही अच्छी पैदावार - Drip irrigation scheme - DRIP IRRIGATION SCHEME

Drip irrigation scheme. गर्मियों में किसानों के लिए टपक सिंचाई योजना वरदान साबित हो रही है. इससे किसानों को काफी अच्छी आमदनी हो रही है. कोडरमा में टपक सिंचाई प्रणाली अपनाने वाले किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पंप दिये जा रहे हैं.

Drip irrigation scheme
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 12, 2024, 10:29 AM IST

टपक सिंचाई योजना से फसलों की हो रही अच्छी पैदावार

कोडरमा: गर्मी आते ही जहां जल संकट गहराने लगा है, वहीं इजराइल से अपनायी गयी टपक सिंचाई योजना कोडरमा के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.

टपक सिंचाई योजना के माध्यम से कम से कम पानी से अधिक से अधिक खेतों की सिंचाई करने की यह विधि गर्मी के मौसम में काफी उपयोगी साबित हो रही है. कोडरमा के चंदवारा प्रखंड के सरदारोडीह में सेवा साव का पूरा परिवार कई एकड़ में फैले अपने खेतों में टपक सिंचाई योजना से खेती कर रहा है और टमाटर, चना सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन भी कर रहा है.

सेवा साव भी मानते हैं कि खेती पूरी तरह से मौसम पर आधारित है. कभी-कभी अगर समय पर बारिश हो जाए तो फसल अच्छी होती है और कभी-कभी अगर बेमौसम बारिश हो जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है. वर्तमान में यह परिवार 20 फीट व्यास वाले कुएं से लगभग 20 एकड़ में फल और सब्जियों की खेती कर रहा है.

इधर, कृषि विभाग भी टपक सिंचाई योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है. विभाग टपक सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर सोलर पंप दे रहा है.

कृषि पदाधिकारी ब्रह्मदेव साह ने कहा कि पठारी क्षेत्र होने के कारण कोडरमा में टपक सिंचाई योजना काफी कारगर साबित हो रही है और जिले के कई प्रगतिशील किसान इसका अनुसरण भी कर रहे हैं.

टपक सिंचाई योजना न केवल पानी बचाने की दिशा में एक बेहतर कदम है, बल्कि इस पद्धति से बूंद-बूंद से खेती कर न केवल खेतों की नमी बरकरार रखी जाती है, बल्कि कोडरमा जैसे ड्राई जोन वाले इलाकों में बेहतर उपज भी प्राप्त की जा सकती है.

यह भी पढ़ें: लातेहार के ग्रामीण करते हैं बिना हल-बैल की खेती, महुआ से होती है भरपूर आमदनी - Mahua cultivation in Latehar

यह भी पढ़ें: मल्चिंग विधि से खेती कर 500 किसान हो रहे मालामाल, जानिए लागत और तरीके - Farming with mulching method

यह भी पढ़ें: लातेहार के किसान कर रहे हैं ड्रैगन फ्रूट की खेती, 25 साल तक होगी कमाई

टपक सिंचाई योजना से फसलों की हो रही अच्छी पैदावार

कोडरमा: गर्मी आते ही जहां जल संकट गहराने लगा है, वहीं इजराइल से अपनायी गयी टपक सिंचाई योजना कोडरमा के किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है.

टपक सिंचाई योजना के माध्यम से कम से कम पानी से अधिक से अधिक खेतों की सिंचाई करने की यह विधि गर्मी के मौसम में काफी उपयोगी साबित हो रही है. कोडरमा के चंदवारा प्रखंड के सरदारोडीह में सेवा साव का पूरा परिवार कई एकड़ में फैले अपने खेतों में टपक सिंचाई योजना से खेती कर रहा है और टमाटर, चना सहित विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन भी कर रहा है.

सेवा साव भी मानते हैं कि खेती पूरी तरह से मौसम पर आधारित है. कभी-कभी अगर समय पर बारिश हो जाए तो फसल अच्छी होती है और कभी-कभी अगर बेमौसम बारिश हो जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है. वर्तमान में यह परिवार 20 फीट व्यास वाले कुएं से लगभग 20 एकड़ में फल और सब्जियों की खेती कर रहा है.

इधर, कृषि विभाग भी टपक सिंचाई योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को लगातार प्रोत्साहित कर रहा है. विभाग टपक सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले किसानों को 90 फीसदी अनुदान पर सोलर पंप दे रहा है.

कृषि पदाधिकारी ब्रह्मदेव साह ने कहा कि पठारी क्षेत्र होने के कारण कोडरमा में टपक सिंचाई योजना काफी कारगर साबित हो रही है और जिले के कई प्रगतिशील किसान इसका अनुसरण भी कर रहे हैं.

टपक सिंचाई योजना न केवल पानी बचाने की दिशा में एक बेहतर कदम है, बल्कि इस पद्धति से बूंद-बूंद से खेती कर न केवल खेतों की नमी बरकरार रखी जाती है, बल्कि कोडरमा जैसे ड्राई जोन वाले इलाकों में बेहतर उपज भी प्राप्त की जा सकती है.

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