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चंपई सोरेन लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, जानिए और कौन-कौन लेंगे मंत्री पद की शपथ

Oath taking ceremony. चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ लेंगे. उन्हें दोपहर 12.15 बजे शपथ दिलाई जाएगी. उनके साथ दो मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता भी शपथ लेंगे.

champai Soren swearing in ceremony
champai Soren swearing in ceremony
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 10:23 AM IST

Updated : Feb 2, 2024, 12:40 PM IST

रांचीः 1 फरवरी की देर रात चंपई सोरेन को राजभवन से बुलावे के बाद यह तय हो गया कि चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. अब सवाल है कि उनके साथ गठबंधन दल से जुड़े और कौन-कौन शपथ लेंगे. अभी तक की जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन के शपथ के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राजद के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

आपको बता दें कि 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके साथ कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और डॉक्टर रामेश्वर उरांव को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. इसके अलावा राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. तब गठबंधन की कमान हेमंत सोरेन के हाथ में थी. फिर भी उन्हें कैबिनेट विस्तार के लिए काफी वक्त लेना पड़ा था.

अब चंपई सोरेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सत्ताधारी दल के विधायकों को एकजुट रखने की होगी. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद अब तक इस काम को करने में वे सफल साबित हुए हैं. राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. लिहाजा, आने वाले 10 दिन चंपई सोरेन के लिए चुनौती भरे होंगे. यही वजह है कि कैबिनेट का पूर्ण विस्तार नहीं किया जा रहा है. क्योंकि जब हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही थी. उस वक्त भी कांग्रेस कोटे के कई विधायक मुखर होकर तत्कालीन मंत्री बना गुप्ता और बादल पत्रलेख को बदले जाने का दबाव डालते रहे थे. एक वक्त ऐसा भी आया था, जब करीब करीब तय हो गया था कि कांग्रेस कोटे के दो मंत्रियों की छुट्टी कर दी जाएगी और उनकी जगह नए चेहरे सामने आएंगे. लिहाजा, आलमगीर आलम के लिए भी अपने सभी विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती होगी. इन संभावित मुसीबतों को ध्यान में रखते हुए ही बहुमत साबित करने तक कैबिनेट विस्तार की संभावना नहीं के बराबर है.

रांचीः 1 फरवरी की देर रात चंपई सोरेन को राजभवन से बुलावे के बाद यह तय हो गया कि चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहे हैं. अब सवाल है कि उनके साथ गठबंधन दल से जुड़े और कौन-कौन शपथ लेंगे. अभी तक की जानकारी के मुताबिक चंपई सोरेन के शपथ के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम और राजद के इकलौते विधायक सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी.

आपको बता दें कि 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद 29 दिसंबर 2019 को हेमंत सोरेन ने राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके साथ कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और डॉक्टर रामेश्वर उरांव को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी. इसके अलावा राजद के सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी. तब गठबंधन की कमान हेमंत सोरेन के हाथ में थी. फिर भी उन्हें कैबिनेट विस्तार के लिए काफी वक्त लेना पड़ा था.

अब चंपई सोरेन के सामने सबसे बड़ी चुनौती सत्ताधारी दल के विधायकों को एकजुट रखने की होगी. हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद अब तक इस काम को करने में वे सफल साबित हुए हैं. राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया है. लिहाजा, आने वाले 10 दिन चंपई सोरेन के लिए चुनौती भरे होंगे. यही वजह है कि कैबिनेट का पूर्ण विस्तार नहीं किया जा रहा है. क्योंकि जब हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही थी. उस वक्त भी कांग्रेस कोटे के कई विधायक मुखर होकर तत्कालीन मंत्री बना गुप्ता और बादल पत्रलेख को बदले जाने का दबाव डालते रहे थे. एक वक्त ऐसा भी आया था, जब करीब करीब तय हो गया था कि कांग्रेस कोटे के दो मंत्रियों की छुट्टी कर दी जाएगी और उनकी जगह नए चेहरे सामने आएंगे. लिहाजा, आलमगीर आलम के लिए भी अपने सभी विधायकों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती होगी. इन संभावित मुसीबतों को ध्यान में रखते हुए ही बहुमत साबित करने तक कैबिनेट विस्तार की संभावना नहीं के बराबर है.

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Last Updated : Feb 2, 2024, 12:40 PM IST
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