रांची: चंपई मंत्रिमंडल का कल यानी 16 फरवरी को विस्तार होना है. इसे लेकर राजभवन में तैयारी चल रही है. लेकिन सवाल है कि चंपई मंत्रिमंडल में किसको-किसको जगह मिलने वाली है. इस सवाल का जवाब 2 फरवरी से ही ढूंढा जा रहा है. कई नेताओं की धड़कन बढ़ी हुई है. कुछ ने उम्मीदें पाल रखी हैंं तो कुछ हताश भी नजर आ रहे हैं. सस्पेस जोन में खड़े नेताओं का एक ही जवाब है 'होइहि सोइ जो राम रचि राखा'.
फिलहाल, चंपई सोरेन कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद पर जगह मिल चुकी है. लेकिन अभी तक पोर्टफोलियो तय नहीं हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, झामुमो की तरफ से मंत्रियों की लिस्ट तैयार हो चुकी थी, लेकिन कांग्रेस में खटपट ने मामला उलझा दिया. इसी का नतीजा है कि 8 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह टालना पड़ा. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को अपरिहार्य कारणों का हवाला देकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से आग्रह करना पड़ा कि कैबिनेट के विस्तार के लिए 16 फरवरी की तारीख तय की जाए. लेकिन अभी भी दोनों खेमा चुप्पी साधे हुए है.
बसंत सोरेन बन सकते हैं मंत्री
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के पुत्र बसंत सोरेन की कैबिनेट में एंट्री तय मानी जा रही है. मिथिलेश ठाकुर, हफीजुल हसन और जोबा मांझी के कंटिन्यू किए जाने की जानकारी मिल रही है. झामुमो सूत्रों का कहना है कि एससी वोट बैंक को साधने के लिए झामुमो विधायक मंगल कालिंदी को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. कुर्मी वोट बैंक को साधने में लंबे समय से सफल रहे जगरनाथ महतो के निधन के बाद मंत्री बनाई गयी बेबी देवी को लेकर थोड़ी ऊहापोह वाली स्थिति बनी हुई है. झामुमो का एक खेमा सहानुभूति के मद्देनजर बेबी देवी के साथ है. संभव है कि मंगल कालिंदी को 12वां मंत्री बना दिया जाए. कुल मिलाकर देखें तो झामुमो में कोई इश्यू नहीं है. जहां तक सीता सोरेन की बात है तो उनकी नाराजगी दूर कर दी गई है. सूत्रों का कहना है कि उन्हें राज्यसभा पहुंचाया जा सकता है. उनकी जगह बड़ी बेटी को जामा से राजनीति में एंट्री करायी जा सकती है.
बादल पत्रलेख का कट सकता है टिकट
रही बात कांग्रेस की तो जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख का टिकट कटना तय माना जा रहा है. उनकी जगह महगामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह को जगह दी जा सकती है. रामेश्वर उरांव को लेकर भी सस्पेंस बरकरार है. कहा जा रहा है कि बन्ना गुप्ता सेफ जोन में हैं. लेकिन उनका खेमा खुद कॉन्फिडेंट नहीं है. उनके करीबियों का कहना है कि जबतक आमंत्रण पत्र हाथ में नहीं आ जाता, तबतक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. हालांकि उनके खेमे की ओर से यह जरूर कहा जा रहा है कि बन्ना गुप्ता हर स्थिति के लिए तैयार हैं. लिहाजा, वेट एंड वॉच वाली स्थिति है. वैसे आज शाम तक इस सस्पेंस पर से पर्दा उठ जाएगा.
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