पटना : तेजस्वी यादव परिपक्व राजनेता की तरह उभरे हैं. विरासत में मिली राजनीति को तेजस्वी ने नए मुकाम पर पहुंचाया है. इसमें कई लोगों का अहम योगदान माना जाता है. मनोज झा से लेकर जगदानंद सिंह की भूमिका के बारे में लोग अक्सर ही चर्चा करते रहते हैं. पर इन सबमें एक नाम काफी ऊपर है और वो है संजय यादव का.
लालू परिवार के करीबी है संजय : पिछले 9-10 सालों से संजय यादव राष्ट्रीय जनता दल में एक्टिव हैं. एक्टिव इस तौर पर हैं कि जब से तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति की मुख्य धारा में आए हैं उनके साथ साये की तरह संजय यादव भी साथ नजर आए हैंं. तेजस्वी यादव के साथ हमसाया की तरह चलने वाले संजय यादव बिहार से ताल्लुक नहीं रखते हैं लेकिन, लालू परिवार से वह इतनी गहरी तरीके से जुड़े हुए हैं कि आज वह राज्यसभा सदस्य बनने के लिए राजद की तरफ से नॉमिनेशन कर चुके हैं.
वर्षों बाद लालू यादव पहुंचे विधानसभा : संजय यादव की अहमियत इस बात से लगाई जा सकती है कि जब संजय यादव नॉमिनेशन कर रहे थे तो उनके नॉमिनेशन में राजद सुप्रीमो लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव पहुंचे थे. ऐसे में समझा जा सकता है कि लालू परिवार में संजय यादव का क्या खास स्थान है.
संजय ने तेजस्वी को वारिस बना दिया : संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं. तेजस्वी यादव जब दिल्ली में क्रिकेट खेला करते थे उस समय संजय यादव से पहली मुलाकात हुई थी. संजय यादव ने एमएससी और एमबीए की पढ़ाई की है. उस दौरान संजय यादव एक आईटी कंपनी में काम किया करते थे. तेजस्वी यादव, संजय यादव के शार्प माइंड से काफी प्रभावित रहते थे.
तेजस्वी के लिए PK बने संजय यादव : तेजस्वी यादव लालू यादव और राबड़ी देवी के पुत्र थे तो उन्हें दिल्ली में रहकर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, संजय यादव उन्हें अक्सर सुझाव दिया करते थे. यह सुझाव तेजस्वी यादव को अच्छे लगने लगे. उससे उन्हें फायदा मिलने लगा. तेजस्वी यादव की जो इमेज बिल्डिंग थी, उसको बनाने में संजय यादव ने खूब मेहनत की. यही वजह है कि जब तेजस्वी यादव क्रिकेट में फेल हुए और उन्होंने राजनीति की तरफ रुख किया तो लालू यादव ने उन्हें अपना वारिस घोषित कर दिया. कुल मिलाकर कहा जाए तो संजय यादव तेजस्वी यादव के लिए पीके का काम करते थे.
पार्टी में भी इमेज बिल्डिंग : 2015 चुनाव से पहले तेजस्वी यादव के इमेज बिल्डिंग के लिए संजय यादव ने उनकी एक तरह से ग्रूमिंग करनी शुरू कर दी. इसका नतीजा यह रहा की लालू यादव के बाद राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी यादव की पकड़ मजबूत होती गई. एक समय ऐसा आया कि तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव और अपनी बड़ी बहन मीसा भारती को पीछे छोड़ते हुए लालू यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी बन गए. तेजस्वी यादव इन तमाम चीजों के लिए संजय यादव को श्रेय देते हैं. इसका नतीजा है कि संजय यादव राज्यसभा के राजद के तरफ से चयनित हुए हैं.
ए टू जेड का कॉन्सेप्ट : संजय यादव ने तेजस्वी यादव के साथ-साथ उनकी पार्टी का भी इमेज बिल्डिंग किया. राष्ट्रीय जनता दल के ऊपर आरोप लगाता रहा है. कहा जाता था कि परिवार से ऊपर कोई पद नहीं दिया जाता है. यादव को ज्यादा महत्व दिया जाता था. पिछड़ों को ज्यादा महत्व दिया जाता था. संजय यादव ने तेजस्वी यादव से मिलकर ए टू जेड का कॉन्सेप्ट आरजेडी में लाया और इसे हर तबके की पार्टी बनाने की बात की गई.
एक तरह से तेजस्वी के मेंटोर है संजय : संजय यादव तेजस्वी यादव के पीए नहीं बल्कि उनके राजनीतिक सलाहकार, रणनीतिकार और बौद्धिक मेंटोर के तौर पर काम करते हैं. संजय यादव ने तेजस्वी यादव को एक गंभीर नेता के इमेज के तौर पर उभरा है. यही वजह है कि संजय यादव को राज्यसभा सदस्य बनाने जैसे अहम पद का इनाम मिला है.
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