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शरबती सोना और एचडी किस्म के गेहूं की खेती से किसानों को होगा फायदा, कृषि विशेषज्ञ ने बताई व्हीट कल्टीवेशन की तकनीक - wheat farming in Chhattisgarh

Know Wheat Cultivation Rules अगर आप भी छत्तीसगढ़ में गेहूं की खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है. आप भी इन खास टिप्स को अपनाकर गेहूं की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. कृषि विशेषज्ञ ने किसानों को शरबती सोना और एचडी किस्म के गेहूं की खेती करने की सलाह दी है.

profits by wheat farming
गेहूं के खेती से अच्छा मुनाफा कमाना (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 27, 2024, 4:22 PM IST

Updated : Sep 27, 2024, 10:44 PM IST

रायपुर: रबी फसल चक्र में गेहूं प्रमुख फसल मानी गई है. गेहूं की ऐसी कौन कौन सी किस्में हैं?. जिसकी जानकारी होने पर प्रदेश के किसान गेहूं की खेती से अच्छा लाभ कमा सकते हैं. इसके साथ ही गेहूं की खेती करते समय प्रदेश के किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखने के साथ ही सावधानी भी बरतनी चाहिए. छत्तीसगढ़ में रबी की फसल में गेहूं एक प्रमुख फसल के रूप में जानी जाती है.

खेती के समय इन बातों का रखें ध्यान: छत्तीसगढ़ में गेहूं की फसल के बारे में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुल सचिव आरएल खरे ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रबी फसल में प्रदेश में अगर गेहूं की खेती किसान करते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है. जल्द, मध्यम और देर वाली किस्मों के गेहूं की खेती करते समय किस्म काफी महत्व रखता है. गेहूं की खेती करते समय किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि पानी का प्रबंधन भी जरूरी हो जाता है. गेहूं की बोनी करने के बाद 21 दिनों के बाद गेहूं को पानी देने पर इसका उत्पादन भी अधिक होता है. गेहूं की किस्म में शरबती गेहूं बहुत अच्छी होती है. स्वाद के साथ ही ज्यादातर लोग शरबती गेहूं का सेवन करते हैं.

गेहूं की खेती में किन बातों का रखें ध्यान (ETV Bharat)

1 अक्टूबर से रबी फसल लगाने का मौसम भी शुरू हो जाएगा. इसके लिए किसानों को तैयारी जरूरी होती है. अभी कई खेतों में धान की फसल लगी हुई है. धान फसल की कटाई के पहले ही किसानों को गेहूं की किस्म का चयन करना भी आवश्यक है, जिस जगह पर पानी पर्याप्त मात्रा में है, वहां पर सिंचित किस्म के गेहूं की बोनी की जाए और जो जगह असंचित किस्म की है. वहां पर असिंचित किस्म के गेहूं की खेती की जाे -आरएल खरे, कुल सचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

कैसी जमीन करें गेहूं की खेती : आरएल खरे ने बताया कि प्रदेश के किसान गेहूं की किस्म का चयन बीज निगम में या फिर सहकारी समितियां में जाकर कर सकते हैं. किसान उस हिसाब से खेत की तैयारी भी पूरी कर लें. गेहूं की खेती करने के लिए किसानों को भुरभुरी जमीन का चयन करना चाहिए. किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गेहूं के बीज को जमीन के ज्यादा अंदर नहीं लगाना चाहिए. प्रदेश के किसान 1 हेक्टेयर में 75 से 80 किलोग्राम गेहूं के बीज की बोनी कर सकते हैं. प्रति एकड़ की बात करें तो 30 से 35 किलोग्राम गेहूं के बीज लगा सकते हैं. देरी से गेहूं की बोनी करनी है तो बीज की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी.

प्रदेश के किसान सामान्य रूप से अक्टूबर के महीने में गेहूं के बीज की बोनी करते हैं तो प्रति एकड़ 30 से 35 किलोग्राम गेहूं के बीज लगा सकते हैं. गेहूं की बोनी करते समय प्रदेश के किसानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बीज की देख रेख जरूर करनी है. जिससे कीट के प्रकोप से बचा जाए. प्रदेश के किसान गेहूं के बीज में शरबती सोना एचडी 1173 और एचडी 1163 की बोनी कर सकते हैं. लेट किस्म में गेहूं का बीज लगाते हैं तो गेंहू की लोकवन किस्म अधिक उत्पादन देती है-आरएल खरे, कुल सचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्याल

अगर आप भी छत्तीसगढ़ में खेती किसानी कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप भी इन तरीकों को अपना कर गेहूं की फसल से आर्थिक लाभ कमा सकते हैं.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें विश्वविद्यालय के कुल सचिव की ओर से कही गई बाते हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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खेती के समय इन बातों का रखें ध्यान: छत्तीसगढ़ में गेहूं की फसल के बारे में महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुल सचिव आरएल खरे ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि रबी फसल में प्रदेश में अगर गेहूं की खेती किसान करते हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना होता है. जल्द, मध्यम और देर वाली किस्मों के गेहूं की खेती करते समय किस्म काफी महत्व रखता है. गेहूं की खेती करते समय किसानों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि पानी का प्रबंधन भी जरूरी हो जाता है. गेहूं की बोनी करने के बाद 21 दिनों के बाद गेहूं को पानी देने पर इसका उत्पादन भी अधिक होता है. गेहूं की किस्म में शरबती गेहूं बहुत अच्छी होती है. स्वाद के साथ ही ज्यादातर लोग शरबती गेहूं का सेवन करते हैं.

गेहूं की खेती में किन बातों का रखें ध्यान (ETV Bharat)

1 अक्टूबर से रबी फसल लगाने का मौसम भी शुरू हो जाएगा. इसके लिए किसानों को तैयारी जरूरी होती है. अभी कई खेतों में धान की फसल लगी हुई है. धान फसल की कटाई के पहले ही किसानों को गेहूं की किस्म का चयन करना भी आवश्यक है, जिस जगह पर पानी पर्याप्त मात्रा में है, वहां पर सिंचित किस्म के गेहूं की बोनी की जाए और जो जगह असंचित किस्म की है. वहां पर असिंचित किस्म के गेहूं की खेती की जाे -आरएल खरे, कुल सचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

कैसी जमीन करें गेहूं की खेती : आरएल खरे ने बताया कि प्रदेश के किसान गेहूं की किस्म का चयन बीज निगम में या फिर सहकारी समितियां में जाकर कर सकते हैं. किसान उस हिसाब से खेत की तैयारी भी पूरी कर लें. गेहूं की खेती करने के लिए किसानों को भुरभुरी जमीन का चयन करना चाहिए. किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गेहूं के बीज को जमीन के ज्यादा अंदर नहीं लगाना चाहिए. प्रदेश के किसान 1 हेक्टेयर में 75 से 80 किलोग्राम गेहूं के बीज की बोनी कर सकते हैं. प्रति एकड़ की बात करें तो 30 से 35 किलोग्राम गेहूं के बीज लगा सकते हैं. देरी से गेहूं की बोनी करनी है तो बीज की मात्रा बढ़ानी पड़ेगी.

प्रदेश के किसान सामान्य रूप से अक्टूबर के महीने में गेहूं के बीज की बोनी करते हैं तो प्रति एकड़ 30 से 35 किलोग्राम गेहूं के बीज लगा सकते हैं. गेहूं की बोनी करते समय प्रदेश के किसानों को इस बात का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बीज की देख रेख जरूर करनी है. जिससे कीट के प्रकोप से बचा जाए. प्रदेश के किसान गेहूं के बीज में शरबती सोना एचडी 1173 और एचडी 1163 की बोनी कर सकते हैं. लेट किस्म में गेहूं का बीज लगाते हैं तो गेंहू की लोकवन किस्म अधिक उत्पादन देती है-आरएल खरे, कुल सचिव, महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्याल

अगर आप भी छत्तीसगढ़ में खेती किसानी कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो आप भी इन तरीकों को अपना कर गेहूं की फसल से आर्थिक लाभ कमा सकते हैं.

नोट: खबर में प्रकाशित बातें विश्वविद्यालय के कुल सचिव की ओर से कही गई बाते हैं. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.

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Last Updated : Sep 27, 2024, 10:44 PM IST
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