नई दिल्ली: तारीख 27 जुलाई 2024. यही वो तारीख है जिस दिन ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके स्थित 'राऊ आईएएस स्टडी सर्कल' के बेसमेंट में अवैध तरीके से चल रही 'लाईब्रेरी' में पानी भरने से 3 छात्रों की मौत ने सभी को हिलाकर रख दिया. जिस समय बेसमेंट में पानी घुसा उस वक्त वहां 35 छात्र-छात्राएं मौजूद थे. कोचिंग सेंटर में पानी घुसता देख वहां मौजूद छात्रों ने खुद ही बेसमेंट में फंसे लोगों को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया. ज्यादातर लोगों को बाहर निकाल लिया गया. लेकिन कुछ अंदर ही फंस गए. वहां से निकलने के लिए सिर्फ एक एंट्री और एग्जिट पॉइंट था और ये बायोमेट्रिक था. बाढ़ के कारण सिस्टम बंद हो गया था. अगर एग्जिट फ्री होता तो छात्र भाग सकते थे.
देर रात तक जारी रहा रेस्क्यू ऑपरेशनः सूचना मिलने पर पुलिस और रेस्क्यू टीम करीब 30 मिनट बाद मौके पर पहुंची. तब तक काफी देर हो चूका था. बेसमेंट में पूरी तरह पानी भर चुका था. एनडीआरएफ ने पंप के सहारे बेसमेंट से पानी फ्लश आउट करना शुरू किया. गोताखोरों ने तलाश शुरू की तो, अंदर तीन शव मिले. मृतकों की पहचान यूपी के अंबेडकर नगर की रहने वाली श्रेया यादव.. तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डाल्विन के रूप में हुई है. इस मामले में पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट में छात्रों की डूबने से मौत की पुष्टि हुई है.
कोचिंग के मालिक समेत 7 गिरफ्तारः पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 28 जुलाई को इस मामले में कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोआर्डिनेटर देशपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. जिसे आज कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि, एक कार के गुजरने के दौरान बिल्डिंग का गेट टूट गया था. जिससे बेसमेंट में पानी तेजी से भरने लगा. पुलिस ने आज इस मामले में आरोपी कार चालक समेत पांच और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
13 कोचिंग सेंटर को नगर निगम ने किया सीलः इस दर्दनाक हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम की निंद खुली. मेयर शैली ओबेरॉय के आदेश पर हादसे वाले इलाके के आसपास कुल 13 कोचिंग सेंटरों को निगम ने सील कर दिया है. वहीं, राजेंद्र नगर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मौके पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं. सड़कों पर खुदाई करके जल निकासी की व्यवस्था की जा रही है.
छात्रों की मौत का असल जिम्मेदार कौन?: बता दें कि, जहां ये लाइब्रेरी संचालित की जा रही थी वहां बेसमेंट में स्टोर या पार्किंग की अनुमति थी. बावजूद नियम-कायदे ताक पर रखकर लाइब्रेरी चलाई जा रही थी. वहीं, इससे हादसे से नगर निगम की प्लानिंग और अधिकारियों की जिम्मेदारी की पोल खुल गई है. दिल्ली सरकार पर सवाल उठ रहे हैं.