रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर देश में उत्साह का माहौल है. पांचवे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद दावों का दौर चल पड़ा है. लेकिन रांची लोकसभा सीट को लेकर एक बात हमेशा प्रचलन में रही है.
इसे महज संयोग कहें या टोटका पर सच्चाई यही है कि झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद से जिस पार्टी का उम्मीदवार रांची लोकसभा सीट पर जीत हासिल की उनकी ही दिल्ली में सरकार बनी है. 15 नवंबर 2000 को झारखंड राज्य गठन के बाद वर्ष 2004, 2009, 2014, 2019 में लोकसभा चुनाव हुए. इन सभी लोकसभा चुनाव में जिस पार्टी के उम्मीदवार ने रांची लोकसभा सीट पर जीत हासिल की, उनकी पार्टी ने केंद्र में सरकार बना ली.
रांची लोकसभा सीट के रोचक इतिहास पर एक नजर
2004 लोकसभा चुनावः वर्ष 2000 के नवंबर महीने में झारखंड गठन के बाद वर्ष 2004 में प्रदेश में पहली बार लोकसभा चुनाव हुआ. उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार थी. इंडिया शाइनिंग और भारत उदय के नारों के बीच लड़े गए इस चुनाव में सबकुछ भाजपा के पक्ष में लग रहा था. इस समय रांची लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता सुबोधकांत सहाय को उम्मीदवार बनाया. उनके मुकाबले में भाजपा के सिटिंग सांसद रामटहल चौधरी थे.
2004 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुबोधकांत सहाय 2 लाख 84 हजार 035 (42.82%) मत पाकर विजेता बने. जबकि भाजपा उम्मीदवार रामटहल चौधरी को 2 लाख 68614 (38.60%) वोट ही मिले थे. रामटहल चौधरी 15 हजार 421 मतों से हार गये और केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बनी.
2009 लोकसभा चुनाव
वर्ष 2009 में मनमोहन सिंह की सरकार के पांच साल होने पर चुनाव हुए. रांची में एक बार फिर से यूपीए के कांग्रेस सांसद और केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय का सीधा मुकाबला भाजपा के रामटहल चौधरी से था. इस बार भी सुबोधकांत सहाय ने रामटहल चौधरी को हराकर रांची लोकसभा सीट जीतने में सफल रहे.
सुबोधकांत सहाय को 3 लाख 10 हजार 499 (42.88%) वोट मिले और उनके प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार को 2 लाख 97 हजार 149 (41.04%) वोट मिले. सुबोधकांत सहाय 13 हजार 350 वोटों से जीते और केंद्र में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में एक बार फिर से कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए 2 की सरकार बनी.
2014 लोकसभा चुनाव
वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में रांची लोकसभा सीट पर फिर आमने-सामने कांग्रेस से सुबोधकांत सहाय और भाजपा के रामटहल चौधरी थे. इस बार भाजपा उम्मीदवार रामटहल चौधरी ने केंद्रीय मंत्री और हाई प्रोफाइल कांग्रेस उम्मीदवार सुबोधकांत सहाय को 01 लाख 99 हजार 303 मतों से हरा दिया. मोदी लहर में रामटहल चौधरी को 04 लाख 48 हजार 729 (42.74%) वोट मिले जबकि सुबोधकांत सहाय सिर्फ 02 लाख 49 हजार 426 (23.76%) वोट ही पा सके.
इस बार भी पहले की तरह जिस पार्टी का सांसद रांची में बना उसी की दिल्ली में सरकार बन गयी. रांची लोकसभा सीट भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली तो केंद्र की सत्ता से मनमोहन सिंह को हटाकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन गए. 2014 रांची लोकसभा चुनाव की खासियत यह भी रही कि उस समय आजसू के सुदेश महतो, बाबूलाल की पार्टी जेवीएम (पी) से पूर्व आईपीएस और BCCI से जुड़े अमिताभ चौधरी, ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल से बंधु तिर्की भी चुनाव लड़े थे और अच्छा खासा वोट पाये थे.
2019 लोकसभा चुनाव
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रांची लोकसभा सीट से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बदल दिया. इस बार उन्होंने संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतारा. दूसरी ओर कांग्रेस ने सुबोधकांत सहाय पर ही भरोसा जताया. 2019 में रांची लोकसभा सीट का परिणाम न सिर्फ भाजपा के पक्ष में गया बल्कि हार जीत का अंतर काफी बढ़ गया.
इस लोकसभा चुनाव में संजय सेठ को 07 लाख 06 हजार 828 (57.21%) वोट मिले जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 04 लाख 23 हजार 802 (34.3%) वोट पास सके. इस चुनाव में सुबोधकांत सहाय 02 लाख 83 हजार 26 मत से संजय सेठ से हार गए और दिल्ली में फिर एक बार मोदी सरकार बन गयी.
क्या लोकसभा चुनाव 2024 में भी दोहराया जाएगा यह इतिहास
लोकसभा चुनाव 2024 में रांची लोकसभा सीट से भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद संजय सेठ को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदल कर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाया है. क्या इस बार भी रांची लोकसभा सीट से जिस दल के उम्मीदवार की जीत होगी उसकी दिल्ली में सरकार बनेगा या पुरानी परंपरा बदलेगी. यह तो 04 जून को ही पता चलेगा जब लोकसभा चुनाव में पड़े मतों की गणना होगी और चुनाव परिणाम सामने आएंगे.
इस बार रांची जीतकर दिल्ली में बनाएंगे सरकार- झारखंड कांग्रेस
झारखंड कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रवक्ता जगदीश साहू ने कहा कि यह राजनीति का संयोग रहा है कि जब से झारखंड बना है तब से जिसने भी रांची लोकसभा सीट जीता उसकी सरकार दिल्ली में बन गयी. 2004 में भी ऐसा हुआ था जब सुबोधकांत सहाय चुनाव जीते तो दिल्ली में मनमोहन सिंह की सरकार बनी, इस बार भी ऐसा ही होगा.
राजनीति में कोई टोटका नहीं होता, हम बड़े अंतर से जीत रहे रांची सीट- झारखंड भाजपा
रांची लोकसभा सीट से जुड़े संयोग के सवाल पर झारखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि राजनीति संयोग और टोटका से नहीं चलता है. राजनीति जनता के आशीर्वाद से चलता है और रांची की जनता का आशीर्वाद भाजपा उम्मीदवार संजय सेठ के साथ है.
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