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गाड़ी के आगे अचानक आ जाए हाथियों का झुंड और पड़ जाए पीछे, तो ऐसे करें बचाव

Ways to Avoid Elephants अगर आप जंगलों के बीच से कहीं जा रहे हैं और अचानक आपके वाहन के आगे हाथी आ जाए तो...ऐसा अक्सर देखने को मिलता भी है. ऐसे समय में समझदारी से काम लेना ही आपके जीवन को सुरक्षित करता है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं जानकार...

Ways to Avoid Elephants
हाथियों से बचने के उपाय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 15, 2024, 11:59 AM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और इससे लगते आसपास के क्षेत्र में पूरे वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए पहुंचते हैं. लेकिन बहुत बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां हाथियों द्वारा पर्यटकों के वाहनों पर आक्रामक तरीके से हमला किया जाता है. इसमें कई बार पर्यटक बाल-बाल बचते हैं. जबकि कई बार लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं. पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं कई बार देखी गई हैं.

अक्सर आपने ऐसे वीडियो देखे होंगे जिसमें हाथियों के रोड क्रॉस के दौरान पर्यटक सेल्फी लेने के चक्कर हाथियों के करीब पहुंच जाते हैं. या फिर अपने वाहनों को हाथी के बगल से निकालने का प्रयास करते हैं. ऐसे में हाथी आक्रामक हो जाते हैं और हमला करने का प्रयास करते हैं.

प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार का कहना है कि हाथी एक बहुत ही संवेदनशील प्राणी है. जब इनके साथ बच्चे होते हैं तो वे उनकी सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ते है. ऐसे में इंसानों से सामना होने पर वे काफी अक्रामक हो जाते हैं. पूर्व में रामनगर के टेड़ा क्षेत्र में भी एक घटना हुई थी, जिसमें क्षेत्रीय महिला ने जान गंवाई थी.

दीप कहते हैं, रामनगर वन प्रभाग का सीतावनी क्षेत्र एक प्रमुख हाथी गलियारा है. जहां साल भर हाथी यहां से कॉर्बेट के लिए पलायन करते हैं. इस बीच सड़क पार करते हुए अगर हाथी का झुंड मिल जाए तो उनसे एक उचित दूरी बनानी चाहिए और उनके सड़क पार करने का इंतजार करना चाहिए. लेकिन देखा गया है कि सेल्फी के चक्कर में सैलानी हाथियों के नजदीक गाड़ी लगाकर फोटो लेने लगते हैं. जिसका नतीजा उनके हमले के रूप में सामने आता है. हाथी अपने बच्चों के सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा करते हैं.

उनका कहना है कि सफारी के दौरान भी कई वीडियो ऐसे सामने आते हैं, जब पार्क में जिप्सी चालक हाथियों के बिल्कुल करीब जिप्सी को लेकर चले जाते हैं. इससे हाथी आक्रामक हो जाते हैं. जिससे एक बड़ा हादसा होने से कई बार टलता है.

इस पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगंत नायक कहते हैं कि हमारे रामनगर वन प्रभाग के सीतावनी भंडार पानी क्षेत्र में हाथी कॉरिडोर है. जहां हाथी लगातार दिखाई देते हैं. पर्यटकों को सफारी पर ले जाने वाले जिप्सी चालकों और नेचर गाइडों को लगातर नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं. साथ ही पर्यटकों को भी सतर्कता बरतने के लिए बताया जाता है.

हाथी के हमले से ऐसे बचें: हाथियों का झुंड मार्ग पर हो तो अपने वाहनों की लाइट बंद कर दें और हॉर्न न बजाएं. जब हाथी अचानक आक्रामक की मुद्रा में दिखे तो सीधे न भागकर टेढ़े मेढ़े सांप की तरह दौड़ना चाहिए. इसके अलावा वाहन पर रस्सी के साथ सफेद या लाल कपड़े की पट्टी बांधकर लटका दें, क्योंकि हाथी लाल और सफेद रंग को नापंसद करते हैं. जंगली हाथी अगर पीछा करना शुरू कर दें तो सीधी दिशा में न भागें, बल्कि मुड़-मुड़कर दौड़ना बेहतर होगा.

ये भी पढ़ेंः कॉर्बेट पार्क घूमने आने वाले सैलानी के लिए अच्छी खबर, अब बाइक से भी उठा सकेंगे जंगल सफारी का लुत्फ

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क और इससे लगते आसपास के क्षेत्र में पूरे वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटक वनों और वन्यजीवों के दीदार के लिए पहुंचते हैं. लेकिन बहुत बार ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां हाथियों द्वारा पर्यटकों के वाहनों पर आक्रामक तरीके से हमला किया जाता है. इसमें कई बार पर्यटक बाल-बाल बचते हैं. जबकि कई बार लोग अपनी जान भी गंवा देते हैं. पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं कई बार देखी गई हैं.

अक्सर आपने ऐसे वीडियो देखे होंगे जिसमें हाथियों के रोड क्रॉस के दौरान पर्यटक सेल्फी लेने के चक्कर हाथियों के करीब पहुंच जाते हैं. या फिर अपने वाहनों को हाथी के बगल से निकालने का प्रयास करते हैं. ऐसे में हाथी आक्रामक हो जाते हैं और हमला करने का प्रयास करते हैं.

प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार का कहना है कि हाथी एक बहुत ही संवेदनशील प्राणी है. जब इनके साथ बच्चे होते हैं तो वे उनकी सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ते है. ऐसे में इंसानों से सामना होने पर वे काफी अक्रामक हो जाते हैं. पूर्व में रामनगर के टेड़ा क्षेत्र में भी एक घटना हुई थी, जिसमें क्षेत्रीय महिला ने जान गंवाई थी.

दीप कहते हैं, रामनगर वन प्रभाग का सीतावनी क्षेत्र एक प्रमुख हाथी गलियारा है. जहां साल भर हाथी यहां से कॉर्बेट के लिए पलायन करते हैं. इस बीच सड़क पार करते हुए अगर हाथी का झुंड मिल जाए तो उनसे एक उचित दूरी बनानी चाहिए और उनके सड़क पार करने का इंतजार करना चाहिए. लेकिन देखा गया है कि सेल्फी के चक्कर में सैलानी हाथियों के नजदीक गाड़ी लगाकर फोटो लेने लगते हैं. जिसका नतीजा उनके हमले के रूप में सामने आता है. हाथी अपने बच्चों के सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा करते हैं.

उनका कहना है कि सफारी के दौरान भी कई वीडियो ऐसे सामने आते हैं, जब पार्क में जिप्सी चालक हाथियों के बिल्कुल करीब जिप्सी को लेकर चले जाते हैं. इससे हाथी आक्रामक हो जाते हैं. जिससे एक बड़ा हादसा होने से कई बार टलता है.

इस पर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक दिगंत नायक कहते हैं कि हमारे रामनगर वन प्रभाग के सीतावनी भंडार पानी क्षेत्र में हाथी कॉरिडोर है. जहां हाथी लगातार दिखाई देते हैं. पर्यटकों को सफारी पर ले जाने वाले जिप्सी चालकों और नेचर गाइडों को लगातर नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं. साथ ही पर्यटकों को भी सतर्कता बरतने के लिए बताया जाता है.

हाथी के हमले से ऐसे बचें: हाथियों का झुंड मार्ग पर हो तो अपने वाहनों की लाइट बंद कर दें और हॉर्न न बजाएं. जब हाथी अचानक आक्रामक की मुद्रा में दिखे तो सीधे न भागकर टेढ़े मेढ़े सांप की तरह दौड़ना चाहिए. इसके अलावा वाहन पर रस्सी के साथ सफेद या लाल कपड़े की पट्टी बांधकर लटका दें, क्योंकि हाथी लाल और सफेद रंग को नापंसद करते हैं. जंगली हाथी अगर पीछा करना शुरू कर दें तो सीधी दिशा में न भागें, बल्कि मुड़-मुड़कर दौड़ना बेहतर होगा.

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