जमशेदपुरः यह है जमशेदपुर का आर्शीवाद भवन. इस भवन में वैसे लोग रह रहे हैं जिन्हें अपनों ने छोड़ दिया है. लेकिन यहा रहने वाले लोग एक दूसरे साथ बैठकर अपना दुख सुख बांटते हैं. सभी बुजुर्गों के अपनी-अपनी कहानी है. किसी की मजबूरी उन्हें यहां लेकर आई तो किसी के अपनों ने दगा दे दिया.
बता दें कि आशीर्वाद भवन में रहने वाले लोगों की दिनचर्या भी आमलोग की तरह होती है. न्यूज पेपर पढ़ने से लेकर टीवी देखना तक इसमें शामिल है. आपस में गप्पेबाजी और हंसी ठिठोली भी होती है. लोकसभा की चुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया गया है तो अब वे वोट देने का इतजार कर रहे हैं.
वैसे यहां रह रहे लोगों की भी अपनी मांग है. कोई कह रहा है कि बुजूर्गो के लिए ऐसा सेंटर और बने वहीं कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ऐसा कानून बनाए कि इस तरह के सेटर की अवशयकता ही न पड़े. वैसे इस आर्शीवाद भवन में किसी तरह की कोई कमी नहीं है, चाहे मनोरंजन के लिए हॉल हो या खाने के डाइनिंग हाल. साफ पानी मिले इसके लिए एक्वागार्ड भी लगाया गया है.
आर्शीवाद भवन की देखभाल फुरिडा संस्था के द्वारा की जाती है. संस्था के निदेशक भास्कर ने बताया कि अभी 6 माह पहले ही इसके संचालन का जिम्मा उनलोगों को मिला है. यहां पर उन्होंने सारे सामान की व्यवस्था करवाई है. ताकि किसी को कोई परेशानी न हो. हमलोगों की कोशिश रहती है कि यहां रह रहे लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो. इस जगह मे 24 लोग रहते हैं, जिनमें 09 महिला और 15 पुरुष हैं. यहां पर 12 कमरे हैं. फिलहाल इनकी देखभाल के लिए 6 कर्मचारी हैं.
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