ETV Bharat / state

लोकसभा चुनाव 2024: राजमहल लोकसभा क्षेत्र में मोदी लहर के बाद भी जीता झामुमो, ग्राफिक्स के जरिए जानिए इस सीट का इतिहास

author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 6, 2024, 5:26 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 6:39 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सपार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बीजेपी ने झारखंड के 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम भी फाइनल कर दिए हैं. राजमहल लोकसभी सीट पर बीजेपी ने ताला मरांडी पर भरोसा जताया है. माना जा रहा है कि यहां उनका मुकाबला झामुमो के विजय हांसदा से होगा. इस रिपोर्ट में ग्राफिक्स के जरिए जानिए इस लोकसभी सीट का क्या इतिहास रहा है.

history of Rajmahal seat
history of Rajmahal seat

रांची: झारखंड का राजमहल लोकसभा सीट पाकुड़ और साहिबगंज जिलों के विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है. इस सीट को अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है. आदिवासी बाहुल्य वाले इस इलाके में साहिबगंज के राजमहल, बोरियो और बरहेट विधानसभा क्षेत्र आता है. जबकि पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा, पाकुड़ और महेशपुर विधानसभा क्षेत्र भी इस लोकसभा सीट में शामिल हैं.

history of Rajmahal seat
GFX ETV BHARAT

राजमहल लोकसभा सीट के अंतर्गत जो 6 विधानसभा क्षेत्र हैं उनमें चार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं जबकि दो सीट सामान्य है. इस लोकसभा सीट का गठन 1957 में ही हो गया था. यहां पर शुरुआत से ही कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच मुकाबला होता आया है. इस सीट पर जीत की बात करें तो कांग्रेस ने यहां से 8 बार जीत हासिल की है. वहीं झामुमो ने भी यहां पर 5 बार जीत हासिल की है. इसके अलावा बीजेपी दो बार और बीएलडी के अलावा जनता पार्टी ने भी एक एक बार यहां जीत हासिल की है.

बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद यहां झामुमो और बीजेपी के बीच टक्कर होती आई है. हालांकि यहां पर झामुमो को बड़ा समर्थन प्राप्त है. 2014 और 2019 में मोदी लहर होने के बाद भी झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा ने जीत दर्ज की थी और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.

2024 लोकसभा चुनाव के लिए इस बार बीजेपी ने यहां से ताला मरांडी पर भरोसा जताया है. दूसरी तरफ माना जा रहा है कि यहां से झामुमो फिर से विजय हांसदा को ही उम्मीदवार बनाएगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी के ताला मरांडी विजय हांसदा को मात दे पाएंगे.

रांची: झारखंड का राजमहल लोकसभा सीट पाकुड़ और साहिबगंज जिलों के विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है. इस सीट को अनुसूचित जनजाति उम्मीदवारों के लिए आरक्षित किया गया है. आदिवासी बाहुल्य वाले इस इलाके में साहिबगंज के राजमहल, बोरियो और बरहेट विधानसभा क्षेत्र आता है. जबकि पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा, पाकुड़ और महेशपुर विधानसभा क्षेत्र भी इस लोकसभा सीट में शामिल हैं.

history of Rajmahal seat
GFX ETV BHARAT

राजमहल लोकसभा सीट के अंतर्गत जो 6 विधानसभा क्षेत्र हैं उनमें चार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं जबकि दो सीट सामान्य है. इस लोकसभा सीट का गठन 1957 में ही हो गया था. यहां पर शुरुआत से ही कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियों के बीच मुकाबला होता आया है. इस सीट पर जीत की बात करें तो कांग्रेस ने यहां से 8 बार जीत हासिल की है. वहीं झामुमो ने भी यहां पर 5 बार जीत हासिल की है. इसके अलावा बीजेपी दो बार और बीएलडी के अलावा जनता पार्टी ने भी एक एक बार यहां जीत हासिल की है.

बिहार से अलग होकर झारखंड बनने के बाद यहां झामुमो और बीजेपी के बीच टक्कर होती आई है. हालांकि यहां पर झामुमो को बड़ा समर्थन प्राप्त है. 2014 और 2019 में मोदी लहर होने के बाद भी झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा ने जीत दर्ज की थी और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.

2024 लोकसभा चुनाव के लिए इस बार बीजेपी ने यहां से ताला मरांडी पर भरोसा जताया है. दूसरी तरफ माना जा रहा है कि यहां से झामुमो फिर से विजय हांसदा को ही उम्मीदवार बनाएगा. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी के ताला मरांडी विजय हांसदा को मात दे पाएंगे.

ये भी पढ़ें:

लोकसभा चुनाव 2024: रांची लोकसभा सीट का सफरनामा, यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच होती है कड़ी टक्कर

लोकसभा चुनाव 2024: जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से VVIP चेहरे आजमा चुके हैं अपनी किस्मत, ग्राफिक्स के जरिए जानिए इस सीट का इतिहास

लोकसभा चुनाव 2024: सिंहभूम लोकसभा सीट पर किसी भी पार्टी के लिए लड़ाई नहीं है आसान, जानिए इस क्षेत्र का इतिहास

Video Explainer: लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने समीर उरांव को बनाया उम्मीदवार, जानिए क्या है इस सीट का इतिहास

Last Updated : Mar 6, 2024, 6:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.