शिमला: हिमाचल में लोकसभा के साथ विधानसभा उपचुनाव के नतीजे भी सामने आए. इस दौरान कुछ चौंकाने वाले परिणाम आए. इससे साफ है कि कुछ नेता चाहे कुछ कहें, लेकिन परिणामों ने बता दिया है कि जनता ही जनार्दन है. पांच साल के बाद जब किस्मत की चाबी उनके हाथ में होती है तो वो अपने हिसाब से नेताओं और इस देश की तकदीर लिखती है. जनता अगर सत्ता का सिंहासन सौंप सकती है तो उसे हिला भी सकती है. ऐसे कई मौके आए हैं जब इस देश के मतदाताओं ने बड़े-बड़े नेताओं को सत्ता के सिंहासन से नीचे ला पटका. इस बार भी चुनावी नतीजों में कुछ ऐसे परिणाम हैं, जिन्हें देखने के बाद चुनाव लड़ने और लड़वाने वालों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर होना पड़ेग, क्योंकि ये पब्लिक है इसके मिजाज को भांपना बहुत मुश्किल हैं.
- पढ़िए 2024 में आए नतीजों के कुछ रोचक तथ्य
- सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृह जिला में कांग्रेस के प्रत्याशी की हार
- सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्वाचन क्षेत्र नादौन में कांग्रेस पिछड़ी
- हमीरपुर में डिप्टी सीएम के गृह जिला में सिर्फ एक सीट को छोड़कर बाकी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी को नहीं मिली बढ़त
- 8 मंत्री भी अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस प्रत्याशियों को नहीं दिलवा पाए बढ़त
- छह सीपीएस में पांच नहीं दिला पाए कांग्रेस को बढ़त
- कुल 68 निर्वाचन क्षेत्रों में से 61 में कांग्रेस हारी
- अपने ही निर्वाचन क्षेत्र कसौली में बढ़त नहीं ले पाए विनोद सुल्तानपुरी
- कभी यूपीए सरकार में कद्दावर मंत्री रहे आनंद शर्मा की करारी हार
- बागी होकर कांग्रेस से भाजपा में गए चार नेता चुनावी मैदान में ढेर
- कांग्रेस से जीते थे रवि ठाकुर, बागी होकर गए भाजपा में, जमानत जब्त
- लखपति अनुराधा ने करोड़पति रवि ठाकुर को चटाई चुनावी मैदान में धूल
- सुरेश कश्यप दूसरी बार जीते, लेकिन घट गए वोट
- अनुराग ठाकुर पांचवीं बार जीते, लेकिन कम हुआ समर्थन
- मंडी से जीत गई भाजपा, लेकिन जीत का अंतर एक लाख मतों तक भी नहीं पहुंचा
- वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार चार लोकसभा सीटों पर 14 फीसदी घट गए भाजपा के वोट
- अनुराधा ठाकुर अब हिमाचल विधानसभा में सबसे कम उम्र की सदस्य
- दो महिलाओं कंगना (लोकसभा) और अनुराधा राणा (विधानसभा) को टिकट, दोनों की जीत
- वर्ष 2019 की तरह ही इस बार भी वोट डालने में महिलाएं सबसे आगे
- हिमाचल में 19.70 लाख पुरुष मतदाताओं के मुकाबले महिला मतदाताओं की संख्या 20.31 लाख से अधिक
- मतदान में महिलाओं ने तोड़ा महिलाओं का ही रिकार्ड
- मंडी से पहले प्रतिभा अब कंगना। महिला के बाद महिला के पास ही रही सीट
- धनीराम शांडिल भी अपने क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार को नहीं दिला पाए बढ़त
- अनुराधा ठाकुर ने लाहौल-स्पीति से अपने गुरु रवि ठाकुर को ही हराया
- कांग्रेस को 68 में से 7 विधानसभा सीटों पर ही मिली लीड
- मंत्री जगत सिंह नेगी, रोहित ठाकुर और सीपीएस मोहन लाल ब्राक्टा ने बचाई कांग्रेस की लाज
चुनावों के नतीजों से साफ है कि जनता का मूड़ भांपना आसान नहीं है. ऊंट किस करवट बैठेगा इसका अनुमान लगाने का कोई तय फॉर्मूला नहीं है. कई बार परिणाम उम्मीद के विपरीत आते हैं. अंतिम फैसला जनता का ही होता है.