हजारीबाग/धनबाद/दुमकाः झारखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम बीजेपी के लिए सुखद नहीं रहे. हालांकि कई सीटों पर बीजेपी ने हासिल की है, उसमें हजारीबाग, जरमुंडी, झरिया और डाल्टनगंज शामिल हैं.
हजारीबाग सदर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार प्रदीप प्रसाद विजय हुए हैं. विजय होने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और कहा कि हजारीबाग की जनता का प्यार है जो आज इस मुकाम पर पहुंचा हूं. उन्होंने इस बात को लेकर थोड़ा दुख भी जाहिर किया कि राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बन रही है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर मंथन करने की आवश्यकता है. प्रदीप प्रसाद ने आश्वस्त किया कि जो भी वादा किया गया था वह सभी पूरा किया जाएगा.
झरिया विधान सभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रागिनी सिंह चुनाव जीत गई हैं. झरिया में पिछली बार की तरह है इस बार भी देवरानी और जेठानी के बीच चुनावी लड़ाई थी. जिसमें देवरानी रागिनी सिंह ने बाजी मार ली है. वहीं ईटीवी भारत से बातचीत में रागिनी सिंह ने कहा कि मैं अपनी जीत के लिए तमाम झरिया वासियों की शुक्रगुजार हूं. यह चुनाव हम नहीं हमारी झरिया की जनता लड़ी है और जीती भी है. जनता ने जिस विश्वास के साथ हमें जीत दिलाई है, उनके इस भरोसे पर मैं हमेशा खरा उतरूंगी.
जरमुंडी विधानसभा से जीत हासिल करने के बाद भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र कुंवर समर्थकों के साथ बासुकीनाथ धाम मंदिर पहुंचे और भोलेनाथ को नमन किया. जीत पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि बाबा बासुकीनाथ की कृपा से संथाल परगना में एकमात्र जरमुंडी सीट से ही भाजपा को जीत मिली है. उन्होंने जनता का आभार जताते हुए कहा कि यह जनता की जीत है और जरमुंडी के विकास एवं जनता की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार आवाज उठाते रहेंगे.
डाल्टनगंज विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी आलोक चौरसिया ने जीत की हैट्रिक लगाई है. आलोक चौरसिया को 102175, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केंद्र त्रिपाठी को 101285 वोट मिला है. आलोक चौरसिया 2014 और 2019 में भी डालटनगंज से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी केएन त्रिपाठी ने कहा है कि उनके साथ चीटिंग हुई है. एक बार फिर से उन्हें चीटिंग करके करवाया गया है. पूरे मामले में वे कोर्ट का रुख करेंगे.
केएन त्रिपाठी ने कहा कि तीन मतदान केदों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई थी. उनका आरोप था कि तीन मतदान केंद्रों का ईवीएम का सील टूटा हुआ था. दो ईवीएम में वोटों की गिनती हुई, जबकि जिस इलाके में उनके वोट थे उसकी गिनती नहीं हुई है. वे पूरे मामले में कोर्ट का रुख करेंगे. वहीं चुनाव जीतने के बाद आलोक चौरसिया ने कहा कि 2014 और 2019 में भी केएन त्रिपाठी कोर्ट में गए थे. जनता के समर्थन से उन्होंने चुनाव जीता है. आलोक चौरसिया ने कहा कि सभी वर्गों का वोट उन्हें मिला है.
ये भी पढ़ेंः