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हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक और लकवे का खतरा, घर से निकलने से पहले रखें ये सावधानी - Heat Wave in Rajasthan

Heat Stroke Precaution, प्रदेश में गर्मी कहर बरपा रही है. अब तक कई लोगों की गर्मी के कारण मौत हो चुकी है. भीलवाड़ा के एमजीएम अस्पताल में इसको देखते हुए 20 बेड आरक्षित किए गए हैं. जानिए क्या उपाय कर हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है...

राजस्थान में हीटवेव
राजस्थान में हीटवेव (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 28, 2024, 8:24 PM IST

Updated : May 28, 2024, 8:34 PM IST

महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमो डॉक्टर अरुण गौड़ (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. नौतपा में गर्मी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में हीट स्ट्रोक के चलते अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को हार्ट अटैक और लकवे की बीमारी होने का भय है. मंगलवार को जिले का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया. महात्मा गांधी अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए अस्पताल में 20 बेड आरक्षित किए गए हैं. जिले के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को इस समय गर्मी के दौर में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

इनपर दें विशेष ध्यान : उन्होंने बताया कि वर्तमान में गर्मी बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ी हैं. वर्तमान में 4000 के करीब मरीज आते हैं. वहीं, 700 मरीज अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हैं. सरकार के निर्देश पर हीट स्ट्रोक को देखते हुए 20 बेड रिजर्व किए हैं. ऑब्जरवेशन वार्ड में अलग से 8 एयर कंडीशनर बेड रिजर्व करते हुऐ उसमें बर्फ के साथ ही इमरजेंसी की सारी मेडिकल दवाइयां उपलब्ध हैं. अस्पताल में कार्यरत तमाम डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में सबसे पहले गर्भवती महिला, छोटे बच्चों सहित बुर्जुग का विशेष ध्यान रखा जाए.

हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. आज कुचामन में गर्मी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, पारा पहुंचा 48 डिग्री पार, एसी कूलर फेल

ये होता है हीट स्ट्रोक : डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि हीटवेव और हीट स्ट्रोक का बड़ा कंफ्यूजन चल रहा है. तेज गर्मी की वजह से मरीज को या तो कार्डियक अरेस्ट हो या लकवा हो गया हो, तब वह गंभीर बीमारी है. वहीं, गर्मी की वजह से पांव में छाले, आंखों में जलन और शरीर गर्म हो जाता तो वह हीट स्ट्रोक नहीं है. ऐसे में सलाह है कि बॉडी का हाइड्रेशन कंट्रोल करें, ओ.आर.एस पाउडर का उपयोग करें. अगर ओ.आर.एस पाउडर नहीं है तो घर पर नमक, शक्कर और नींबू के पानी का उपयोग करें.

इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की व्यवस्था : हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है, जो पहले से दूसरी बीमारी से ग्रसित हैं, वो तेज धूप में बाहर निकलते हैं तो उनको लकवा और हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे में डायबेटिक, हाइपरटेंशन वाले लोग और गर्भवती महिला को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक को देखते हुए इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की व्यवस्था कर रखी है, जिससे 24 घंटे मरीजों को सुविधा मिलेगी. पूरे अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए वाटर कूलर भी लगाए हैं.

महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमो डॉक्टर अरुण गौड़ (ETV Bharat Bhilwara)

भीलवाड़ा. नौतपा में गर्मी का प्रकोप दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में हीट स्ट्रोक के चलते अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को हार्ट अटैक और लकवे की बीमारी होने का भय है. मंगलवार को जिले का तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया. महात्मा गांधी अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए अस्पताल में 20 बेड आरक्षित किए गए हैं. जिले के महात्मा गांधी अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर अरुण गौड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को इस समय गर्मी के दौर में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए.

इनपर दें विशेष ध्यान : उन्होंने बताया कि वर्तमान में गर्मी बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ी हैं. वर्तमान में 4000 के करीब मरीज आते हैं. वहीं, 700 मरीज अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हैं. सरकार के निर्देश पर हीट स्ट्रोक को देखते हुए 20 बेड रिजर्व किए हैं. ऑब्जरवेशन वार्ड में अलग से 8 एयर कंडीशनर बेड रिजर्व करते हुऐ उसमें बर्फ के साथ ही इमरजेंसी की सारी मेडिकल दवाइयां उपलब्ध हैं. अस्पताल में कार्यरत तमाम डॉक्टरों को निर्देश दिए हैं कि अस्पताल में सबसे पहले गर्भवती महिला, छोटे बच्चों सहित बुर्जुग का विशेष ध्यान रखा जाए.

हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय
हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय (ETV Bharat GFX)

पढ़ें. आज कुचामन में गर्मी ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, पारा पहुंचा 48 डिग्री पार, एसी कूलर फेल

ये होता है हीट स्ट्रोक : डॉक्टर अरुण गौड़ ने बताया कि हीटवेव और हीट स्ट्रोक का बड़ा कंफ्यूजन चल रहा है. तेज गर्मी की वजह से मरीज को या तो कार्डियक अरेस्ट हो या लकवा हो गया हो, तब वह गंभीर बीमारी है. वहीं, गर्मी की वजह से पांव में छाले, आंखों में जलन और शरीर गर्म हो जाता तो वह हीट स्ट्रोक नहीं है. ऐसे में सलाह है कि बॉडी का हाइड्रेशन कंट्रोल करें, ओ.आर.एस पाउडर का उपयोग करें. अगर ओ.आर.एस पाउडर नहीं है तो घर पर नमक, शक्कर और नींबू के पानी का उपयोग करें.

इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की व्यवस्था : हीट स्ट्रोक से हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा रहती है, जो पहले से दूसरी बीमारी से ग्रसित हैं, वो तेज धूप में बाहर निकलते हैं तो उनको लकवा और हार्ट अटैक आने की संभावना ज्यादा रहती है. ऐसे में डायबेटिक, हाइपरटेंशन वाले लोग और गर्भवती महिला को विशेष सावधानी रखने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हीट स्ट्रोक को देखते हुए इमरजेंसी में दो डॉक्टरों की व्यवस्था कर रखी है, जिससे 24 घंटे मरीजों को सुविधा मिलेगी. पूरे अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए वाटर कूलर भी लगाए हैं.

Last Updated : May 28, 2024, 8:34 PM IST
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