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आखिर क्यों नहीं खिल पाया झारखंड में कमल, जानिए वो पांच कारण जिसने बीजेपी के मंसूबों पर फेरा पानी! - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION RESULTS

झारखंड में कमल मुरझा गया. जानिए वो बड़े पांच कारण जिसने भाजपा के मंसूबों पर फेरा पानी.

Know five reasons due to which BJP lost Jharkhand assembly elections 2024
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 25, 2024, 5:06 PM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को जनादेश मिला है. स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद एक तरफ इंडिया गठबंधन के द्वारा 28 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में भव्य समारोह आयोजित कर ताजपोशी की तैयारी की जा रही है.

वहीं दूसरी ओर इस चुनाव में हार का सामना करने वाली बीजेपी और एनडीए के अंदर समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. हार के कारणों को ढूंढने में जुटी बीजेपी ने आगामी 30 नवंबर को जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारियों की बैठक बुलाई है. वहीं तीन दिसंबर को दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर भाजपा नेताओं की बैठक होगी. जिसमें झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से लेकर अन्य शीर्ष नेता शामिल होंगे.

भाजपा नेताओं के बयान (ETV Bharat)

इन कारणों से भाजपा को हाथ लगी निराशा

  • टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी विवाद
  • अपनों के बजाए दूसरे दल से आए नेताओं पर भरोसा
  • उम्मीदवार पर शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं में समन्वय का अभाव
  • जिसके खिलाफ आवाज बुलंद हुई वे हो गए एकजुट
  • मंईयां योजना के आगे टिक नहीं पाई गोगो-दीदी योजना, राशि में अंतर
  • अन्य राज्यों की राशि में एकरुपता नहीं होने का विपक्ष ने बनाया हथियार
  • ट्रायबल और ओबीसी के चक्कर में पारंपरिक अन्य वोट बैंक को पार्टी ने किया नजरअंदाज
  • नहीं चल पाया बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा
  • धरी रह गई बंटोगे तो कटोगे का नारा.

चुनाव परिणाम से भाजपा में जबरदस्त निराशा

झारखंड चुनाव के परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त निराशा देखी जा रही है. कल तक कार्यालय में भारी भीड़ होती थी आज वहीं सन्नाटा पसरा हुआ है. पार्टी के कुछ एक नेता और कार्यकर्ता सामान्य दिनों की तरह सोमवार को भी दिखे. भाजपा नेता ललित ओझा कहते हैं कि जिस तरह से चुनाव परिणाम सामने आया है, वह कहीं ना कहीं पार्टी को सोचने के लिए विवश कर दिया है.

चुनाव में हार की वजह बोरो प्लेयर से मैच खेलना और अपने लोगों पर विश्वास की कमी होने की बात कहते हुए पार्टी नेता ललित ओझा कहते हैं कि चुनाव में पार्टी के कोई भी संगठन और मोर्चा सक्रिय नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बड़ी सर्जरी की जरूरत है क्योंकि जिस तरह से बड़े नेता और कार्यकर्ताओं के बीच में व्यवस्था के नाम पर एक बड़ी टोली बैठ गई है जो मिलने नहीं देता उसे समाप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि इस हार से सबक लेते हुए कॉरपोरेट कल्चर से पार्टी को बाहर आना होगा.

भाजपा नेता प्रेम मित्तल कहते हैं कि पार्टी ने मजबूती के साथ चुनाव जरूर लड़ा मगर जनादेश लाने में हम सफल नहीं हुए यह बेहद ही गंभीर विषय है. जिसकी समीक्षा के दौरान जरूर चर्चा होगी कि आखिर जनता का विश्वास जीतने में हम सफल क्यों नहीं हो सके. भाजपा प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि हार की कई वजह हो सकती है समीक्षा के दौरान सब कुछ स्पष्ट होगा मगर इतना तो साफ है कि जनता ने जिस दल के प्रति विश्वास जताया है उस सरकार को काम भी करना पड़ेगा यदि उसमें कमी होगी तो भारतीय जनता पार्टी चुप नहीं बैठेगी और संघर्ष हमारा जारी रहेगा.

बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मतों का प्रतिशत लगातार घटता जा रहा है. इस बार कुल 33.18% यानी 59 लाख 21 हजार 474 वोट पाने में ही बीजेपी सफल रही. वहीं 2019 में 33.37% और 2014 में पार्टी ने 31.26 प्रतिशत मत पाया था.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election Result 2024: अपने गढ़ पलामू में क्यों कमजोर पड़ गई भाजपा, जानिए किसने किया जीत-हार का फैसला?

इसे भी पढ़ें- असम के सीएम की अपील पर झामुमो की चुटकी, नहीं सहा जाएगा बाबूलाल मरांडी का अपमान, भाजपा ने किया काउंटर अटैक

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Election Results: देवघर को भाजपा मुक्त बनाने में पप्पू यादव का चला जादू! राजद ने कैसे की एंट्री, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को जनादेश मिला है. स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद एक तरफ इंडिया गठबंधन के द्वारा 28 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में भव्य समारोह आयोजित कर ताजपोशी की तैयारी की जा रही है.

वहीं दूसरी ओर इस चुनाव में हार का सामना करने वाली बीजेपी और एनडीए के अंदर समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. हार के कारणों को ढूंढने में जुटी बीजेपी ने आगामी 30 नवंबर को जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारियों की बैठक बुलाई है. वहीं तीन दिसंबर को दिल्ली में केंद्रीय स्तर पर भाजपा नेताओं की बैठक होगी. जिसमें झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से लेकर अन्य शीर्ष नेता शामिल होंगे.

भाजपा नेताओं के बयान (ETV Bharat)

इन कारणों से भाजपा को हाथ लगी निराशा

  • टिकट बंटवारे को लेकर अंदरूनी विवाद
  • अपनों के बजाए दूसरे दल से आए नेताओं पर भरोसा
  • उम्मीदवार पर शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं में समन्वय का अभाव
  • जिसके खिलाफ आवाज बुलंद हुई वे हो गए एकजुट
  • मंईयां योजना के आगे टिक नहीं पाई गोगो-दीदी योजना, राशि में अंतर
  • अन्य राज्यों की राशि में एकरुपता नहीं होने का विपक्ष ने बनाया हथियार
  • ट्रायबल और ओबीसी के चक्कर में पारंपरिक अन्य वोट बैंक को पार्टी ने किया नजरअंदाज
  • नहीं चल पाया बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा
  • धरी रह गई बंटोगे तो कटोगे का नारा.

चुनाव परिणाम से भाजपा में जबरदस्त निराशा

झारखंड चुनाव के परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त निराशा देखी जा रही है. कल तक कार्यालय में भारी भीड़ होती थी आज वहीं सन्नाटा पसरा हुआ है. पार्टी के कुछ एक नेता और कार्यकर्ता सामान्य दिनों की तरह सोमवार को भी दिखे. भाजपा नेता ललित ओझा कहते हैं कि जिस तरह से चुनाव परिणाम सामने आया है, वह कहीं ना कहीं पार्टी को सोचने के लिए विवश कर दिया है.

चुनाव में हार की वजह बोरो प्लेयर से मैच खेलना और अपने लोगों पर विश्वास की कमी होने की बात कहते हुए पार्टी नेता ललित ओझा कहते हैं कि चुनाव में पार्टी के कोई भी संगठन और मोर्चा सक्रिय नहीं दिखा. उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर बड़ी सर्जरी की जरूरत है क्योंकि जिस तरह से बड़े नेता और कार्यकर्ताओं के बीच में व्यवस्था के नाम पर एक बड़ी टोली बैठ गई है जो मिलने नहीं देता उसे समाप्त करना होगा. उन्होंने कहा कि इस हार से सबक लेते हुए कॉरपोरेट कल्चर से पार्टी को बाहर आना होगा.

भाजपा नेता प्रेम मित्तल कहते हैं कि पार्टी ने मजबूती के साथ चुनाव जरूर लड़ा मगर जनादेश लाने में हम सफल नहीं हुए यह बेहद ही गंभीर विषय है. जिसकी समीक्षा के दौरान जरूर चर्चा होगी कि आखिर जनता का विश्वास जीतने में हम सफल क्यों नहीं हो सके. भाजपा प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि हार की कई वजह हो सकती है समीक्षा के दौरान सब कुछ स्पष्ट होगा मगर इतना तो साफ है कि जनता ने जिस दल के प्रति विश्वास जताया है उस सरकार को काम भी करना पड़ेगा यदि उसमें कमी होगी तो भारतीय जनता पार्टी चुप नहीं बैठेगी और संघर्ष हमारा जारी रहेगा.

बता दें कि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मतों का प्रतिशत लगातार घटता जा रहा है. इस बार कुल 33.18% यानी 59 लाख 21 हजार 474 वोट पाने में ही बीजेपी सफल रही. वहीं 2019 में 33.37% और 2014 में पार्टी ने 31.26 प्रतिशत मत पाया था.

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