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अंतिम फेज की 38 सीटों का लेखा-जोखा, कांग्रेस के प्रदर्शन से तय होगा सत्ता का समीकरण!

झारखंड विधानसभा चुनाव के अंतिम फेज की 38 सीटें प्रदेश का राजनीतिक भविष्य तय करेगी. जानें, 38 सीटों का पूरा समीकरण.

Know complete equation of 38 seats of last phase of Jharkhand assembly elections 2024
ग्राफिक्स इमेज (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

रांचीः झारखंड में 38 सीटों के लिए हो रहे अंतिम फेज के चुनाव ने प्रत्याशियों की धड़कन तेज कर दी है. क्योंकि इसी फेज का परफॉर्मेंस तय करेगा कि सत्ता की कुर्सी किसको मिलेगी. इसका फैसला बहुत हद तक कांग्रेस के प्रदर्शन पर केंद्रित होगा. क्योंकि 2019 के चुनाव में महागठबंधन के तहत कांग्रेस ने इन 38 सीटों में से 08 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

राज्य बनने के बाद हुए चार चुनावों के दौरान कांग्रेस का ये अबतक का बेस्ट परफॉर्मेंस था. लेकिन इसबार कांग्रेस की 08 में से 05 सीटों यानी पाकुड़, जामताड़ा, जरमुंडी, बेरमो और झरिया में कांटे की टक्कर की संभावना जताई जा रही है. वहीं भाजपा अगर 2014 वाला परफॉर्मेंस दोहराने में सफल होती है तो सारा समीकरण बदल सकता है. क्योंकि 2014 में भाजपा ने इन 38 सीटों में से सबसे ज्यादा 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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पिछले चार चुनाव में पार्टीवार प्रदर्शन (Etv Bharat)

पिछले चार चुनावों के दौरान इन 38 सीटों में से झामुमो अधिकतम 13 सीटें ही जीत पाया है. वर्तमान में अंतिम फेज की 38 सीटों में से भाजपा के पास 13, आजसू के पास 03, झामुमो के पास 13, कांग्रेस के पास 08 और भाकपा माले के पास 01 सीट है. गठबंधन के लिहाज से देखें तो इंडिया ब्लॉक के पास 22 सीटें और एनडीए के पास 16 सीटें हैं.

सीएम के अलावा कई दिग्गजों की परीक्षा

इस फेज में कुल 528 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, चार मंत्री (हफीजुल हसन, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और बेबी देवी), नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, पूर्व सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन, सीएम के छोटे भाई बसंत सोरेन, गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इस फेज में 38 में से कुल 30 वर्तमान विधायकों (सीएम और मंत्री समेत) के भाग्य के फैसला होना है.

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अभी किस पार्टी के पास है सीट (Etv Bharat)

अंतिम फेज की 38 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें जीतने का रिकॉर्ड भाजपा के नाम रहा है. भाजपा ने 2014 में इन 38 सीटों में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2005 में भी भाजपा को 15 सीटें मिली थी. गौर करने वाली बात ये है कि अंतिम फेज की 38 सीटों में संथाल की 18, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की 18 और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की 02 सीटें शामिल हैं.

यहां पिछले चार चुनावों में झामुमो अधिकतम 13 सीटें जीत पाया है. वहीं 2019 में कांग्रेस ने 08 सीटें जीतकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अपने नाम किया था. जाहिर है कि इस पॉकेट में दोनों गठबंधन के लिए अपार संभावनाएं हैं. क्योंकि इंडिया ब्लॉक ने 2019 में 38 में से 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि एनडीए ने 2014 में 21 सीटों पर.

एक और खास बात ये है कि इसबार सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम भाजपा के प्रत्याशी हैं. वहीं भाजपा की विधायक और मंत्री रह चुकीं लुईस मरांडी इसबार जामा से झामुमो की प्रत्याशी बन गई हैं. मनी लांड्रिंग मामले में जेल जाने की वजह से पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम की पत्नी को मैदान में आना पड़ा है. जमुआ में भाजपा के केदार हाजरा इसबार झामुमो के प्रत्याशी बन गये हैं. अब देखना है कि इस फेज में जनता किसको सिर आंखों पर बिठाती है.

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Election 2024: क्या बीजेपी ढहा पाएगी झामुमो का किला, दांव पर हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण के 38 सीटों पर किसका पलड़ा भारी, यहां जानिए हर एक सीट का समीकरण

इसे भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Elections 2024: दूसरे चरण में 38 सीटों पर होगी वोटिंग, इन 10 सीटों पर होगी सबकी नजर

रांचीः झारखंड में 38 सीटों के लिए हो रहे अंतिम फेज के चुनाव ने प्रत्याशियों की धड़कन तेज कर दी है. क्योंकि इसी फेज का परफॉर्मेंस तय करेगा कि सत्ता की कुर्सी किसको मिलेगी. इसका फैसला बहुत हद तक कांग्रेस के प्रदर्शन पर केंद्रित होगा. क्योंकि 2019 के चुनाव में महागठबंधन के तहत कांग्रेस ने इन 38 सीटों में से 08 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

राज्य बनने के बाद हुए चार चुनावों के दौरान कांग्रेस का ये अबतक का बेस्ट परफॉर्मेंस था. लेकिन इसबार कांग्रेस की 08 में से 05 सीटों यानी पाकुड़, जामताड़ा, जरमुंडी, बेरमो और झरिया में कांटे की टक्कर की संभावना जताई जा रही है. वहीं भाजपा अगर 2014 वाला परफॉर्मेंस दोहराने में सफल होती है तो सारा समीकरण बदल सकता है. क्योंकि 2014 में भाजपा ने इन 38 सीटों में से सबसे ज्यादा 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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पिछले चार चुनाव में पार्टीवार प्रदर्शन (Etv Bharat)

पिछले चार चुनावों के दौरान इन 38 सीटों में से झामुमो अधिकतम 13 सीटें ही जीत पाया है. वर्तमान में अंतिम फेज की 38 सीटों में से भाजपा के पास 13, आजसू के पास 03, झामुमो के पास 13, कांग्रेस के पास 08 और भाकपा माले के पास 01 सीट है. गठबंधन के लिहाज से देखें तो इंडिया ब्लॉक के पास 22 सीटें और एनडीए के पास 16 सीटें हैं.

सीएम के अलावा कई दिग्गजों की परीक्षा

इस फेज में कुल 528 प्रत्याशी मैदान में हैं. इनमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, चार मंत्री (हफीजुल हसन, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और बेबी देवी), नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, पूर्व सीएम और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन, सीएम के छोटे भाई बसंत सोरेन, गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इस फेज में 38 में से कुल 30 वर्तमान विधायकों (सीएम और मंत्री समेत) के भाग्य के फैसला होना है.

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अभी किस पार्टी के पास है सीट (Etv Bharat)

अंतिम फेज की 38 सीटों में से सबसे ज्यादा सीटें जीतने का रिकॉर्ड भाजपा के नाम रहा है. भाजपा ने 2014 में इन 38 सीटों में से 19 सीटों पर जीत हासिल की थी. 2005 में भी भाजपा को 15 सीटें मिली थी. गौर करने वाली बात ये है कि अंतिम फेज की 38 सीटों में संथाल की 18, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की 18 और दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की 02 सीटें शामिल हैं.

यहां पिछले चार चुनावों में झामुमो अधिकतम 13 सीटें जीत पाया है. वहीं 2019 में कांग्रेस ने 08 सीटें जीतकर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अपने नाम किया था. जाहिर है कि इस पॉकेट में दोनों गठबंधन के लिए अपार संभावनाएं हैं. क्योंकि इंडिया ब्लॉक ने 2019 में 38 में से 22 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि एनडीए ने 2014 में 21 सीटों पर.

एक और खास बात ये है कि इसबार सीता सोरेन और लोबिन हेंब्रम भाजपा के प्रत्याशी हैं. वहीं भाजपा की विधायक और मंत्री रह चुकीं लुईस मरांडी इसबार जामा से झामुमो की प्रत्याशी बन गई हैं. मनी लांड्रिंग मामले में जेल जाने की वजह से पाकुड़ के विधायक आलमगीर आलम की पत्नी को मैदान में आना पड़ा है. जमुआ में भाजपा के केदार हाजरा इसबार झामुमो के प्रत्याशी बन गये हैं. अब देखना है कि इस फेज में जनता किसको सिर आंखों पर बिठाती है.

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