जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का बतौर सांसद दूसरा कार्यकाल लगभग पूरा होने जा रहा है. 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव की आचार संहिता कभी भी लग सकती है. शेखावत को भाजपा ने तीसरी बार जोधपुर से प्रत्याशी घोषित कर दिया है. ऐसे में अब शेखावत के दूसरे कार्यकाल में जनता के लिए करवाए गए कार्यों को लेकर चर्चा हो रही है.
26 फरवरी को जोधपुर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में शेखावत की ओर से किए गए काम और सांसद कोष की राशि खर्च करने के आंकड़े सामने आए हैं. इसमें बताया गया कि जोधपुर जिले में सांसद कोष से पांच सालों में 14 करोड़ के काम स्वीकृत किए गए हैं. शेष राशि की स्वीकृतियां जारी नहीं हुई है. आचार संहिता से पहले अगर किसी काम की स्वीकृति जारी नहीं हुई, तो बची हुई राशि लैप्स हो जाएगी. सरकार की ओर से हर सासंद को प्रति वर्ष 5 करोड़ की राशि सांसद कोष में मिलती है, लेकिन इस बार सरकार ने कोरोना के चलते 17-17 करोड़ रुपये जारी किए थे. राशि उपयोग के आंकड़ों के हिसाब से पिछले पांच साल यह राशि भी खर्च नहीं हुई है. हालांकि, वे आचार संहिता लगने तक अनुशंसा कर सकते हैं, जिससे 17 करोड़ में बची हुई राशि का उपयोग हो सकेगा.
पांच साल में 58 काम हुए : शेखावत का दूसरा कार्यकाल 2019 में शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने जिले में 26 कामों के लिए 1 करोड़ 74 लाख की स्वीकृति दी. इसमें 23 काम पूरे हुए हैं, जबकि तीन अभी भी जारी हैं. 2020-21 में कोरोना में उन्होंने एक भी काम की अनुशंसा नहीं की. 2021-22 में एक करोड़ आठ लाख की लागत के 12 कामों की अनुशंसा की थी, जिसमें आठ काम पूरे हुए हैं. इसी तरह से 2022-23 में उन्होंने करीब 6.8 करोड़ की लागत के 105 कामों की अनुशंसा की, जिसमें 24 काम पूरे हो गए हैं. 81 अभी भी चल रहे हैं. 2023-24 फरवरी तक उन्होंने 85 कामों के लिए करीब 5.1 करोड़ की राशि स्वीकृत की, जिसमें अभी तीन काम चल रहे हैं. कुल मिलाकर पांच साल में 228 कामों के लिए 14 करोड़ 84 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई, जिसमें से सिर्फ 58 काम ही पूरे हुए हैं.
राशि हो सकती है लैप्स : जिला परिषद की साधारण सभा में रखे गए ब्योरे के अनुसार जिले में स्वीकृत 14 करोड़ से अधिक की लागत के कामों के बाद भी आचार संहिता लगने तक शेखावत सांसद कोष से स्वीकृतियां जारी कर सकते हैं. फिर भी माना जा रहा है कि एक से दो करोड़ की राशि लैप्स हो सकती है.
बाबूसिंह राठौड़ ने उठाया था मुद्दा : शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने हाल ही में शेखावत द्वारा काम नहीं करवाने को लेकर मुद्दा उठाया गया था. बाबूसिंह राठौड़ ने कहा, "बातें तो वे मीठी करते हैं, काम नहीं करते." इसके बाद शेखावत ने शेरगढ़ विधानसभा में अपने द्वारा करवाए गए कामों की सूची भी जारी की. बताया जा रहा है कि जिसमें कई बड़े काम सीएसआर अथवा सीधे जलशक्ति मंत्रालय से हुए थे.