गिरिडीहः जैन तीर्थंस्थल के साथ साथ कोयला और लोहा में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र की पहचान विश्व के मानचित्र पर है. तीन जिला गिरिडीह, धनबाद और बोकारो के छह विधानसभा क्रमशः गिरिडीह, डुमरी, बाघमारा, टुंडी, बेरमो और गोमिया इसी संसदीय क्षेत्र का हिस्सा हैं. लोकसभा चुनाव 2019 में इस सीट पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से आजसू पार्टी के नेता चंद्रप्रकाश चौधरी खड़े हुए और झारखंड मुक्ति मोर्चा के जगरनाथ महतो को करारी शिकस्त दी थी. अब 17वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने को है और 18 वीं लोकसभा का चुनाव होना है. ऐसे में वर्तमान सांसद के कार्यकाल की चर्चा भी जोरों पर है. पांच वर्ष के दौरान सांसद चंद्रप्रकाश कितने एक्टिव रहे, किन किन कार्यों में इन्हें सफलता मिली, किस काम में विफल रहे सभी की चर्चा हो रही है. लोग डीसी ट्रेन से लेकर विस्थापन, मधुबन - गिरिडीह रेल लाइन, प्रवासी मजदूर, गिरिडीह का बंद पड़ा कोल माइंस, ट्रामा सेंटर समेत कई मुद्दों पर बात कर रहे हैं. वहीं जिन गांव को गोद लिया था उसे लेकर भी विपक्ष हमला बोल रहा है.
झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह का कहना है कि दूसरे सांसद की अपेक्षा चंद्रप्रकाश चौधरी का प्रदर्शन कुछ बेहतर नहीं रहा है. जब चुनाव नजदीक आया है तो कार्य दिखाने में जुटे हैं. चुनाव नजदीक आते ही सात वर्ष से बंद डीसी ट्रेन को हरी झंडी दिखा रहे हैं तो गिरिडीह बाइपास के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिल रहे हैं. पारसनाथ - मधुबन - गिरिडीह रेल लाइन का काम शुरू नहीं करवा सके. डुमरी विधानसभा क्षेत्र के जिन दो गांव मधगोपाली और परसाबेडा को इन्होंने गोद लिया था वहां के भी लोग बताते हैं कि इन दोनों गांव की उपेक्षा हुई है. कहा कि इनका कार्यकाल औसत रहा है. कहा एनडीए के अन्य सांसद की तरह ये भी मोदी के नाम पर मैदान में आए हैं.
लापता रहे सांसद: कांग्रेस
गिरिडीह कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया का कहते हैं कि उनकी नजर में गिरिडीह के नहीं लापतागंज के सांसद रहे हैं चंद्रप्रकाश चौधरी. पांच वर्ष के दौरान मेरे जैसे राजनीतिक व्यक्ति ने भी कभी उनको किसी कार्यक्रम में नहीं देखा. जन समस्या से उनका सरोकार नहीं रहा है. किसी भी मुद्दे पर सांसद सक्रिय नहीं रहे. वे सिर्फ किसी के नाम के सहारे बैतरनी पार करना चाहते हैं जो इस बार जनता होने नहीं देगी.
मोदी के नेतृत्व में विकास को मिली गति: भाजपा
भाजपा जिलाध्यक्ष महादेव दुबे कहते हैं लोकसभा का चुनाव राष्ट्रीय मुद्दे पर लड़ा जाता है. गिरिडीह लोकसभा में एनडीए के उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस जीत के बाद जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी तो न सिर्फ देश का समुचित विकास हुआ बल्कि कई ऐतिहासिक कार्य भी किया गया. पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाया. देश की जनता मोदी को पसंद करती है. गिरिडीह कोलियरी के लिए कोडरमा सांसद के साथ-साथ बाबूलाल मरांडी, गिरिडीह सांसद ने लगातार प्रयास किया और कबरीबाद माइंस शुरू हुआ. गिरिडीह माइंस के लिए भी प्रयास चल रहा है.
सभी क्षेत्र में हुआ काम, धरातल पर उतरी योजना : आजसू
आजसू जिलाध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि गुड्डू यादव बताते हैं कि सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेहतर काम किए हैं. इन्होंने बताया कि सांसद निधि से 490 योजना पूर्ण हुई, जिसके लिए 16.588 करोड़ खर्च हुआ. उनके क्षेत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 74,886 किसान को लाभ मिला. आयुष्मान भारत योजना में कुल 3,96,543 परिवार को जोड़ा गया, जिसमें कुल सदस्यों की संख्या 16,54,289 है. इसी तरह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 51,714 मकान बनाए गए. गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 3,96,543 परिवार को लाभ मिला. जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 185 सड़क का निर्माण करवाया गया.
गुड्डू यादव बताते हैं कि जल जीवन मिशन के तहत धनबाद जिले में 15 अगस्त 2019 तक मात्र 4.11% प्रतिशत घरों में नल का कनेक्शन था. जनवरी 2024 तक धनबाद जिले में 53.06% प्रतिशत घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है. बताया कि गिरिडीह जिले में 15 अगस्त 2019 तक मात्र 9.57% प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन था. जनवरी 2024 तक गिरिडीह जिले में 69.68% प्रतिशत घरों में कनेक्शन दिया जा चुका है. इसी तरह बोकारो जिले में 15 अगस्त 2019 तक मात्र 6.69% प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन था. जनवरी 2024 तक बोकारो जिले में 61.73% प्रतिशत घरों में कनेक्शन दिए जा चुके हैं.
सांसद प्रतिनिधि ने बताया कि लोकसभा अंतर्गत जैनामोड़ से गोला तक 4 लेन (पेव्ड शोल्डर के साथ) निर्माण के लिए आग्रह करने के बाद 1007.97 करोड़ की स्वीकृति व शिलान्यास किया गया. गिरिडीह के लोगों की प्रमुख मांग बाइपास सड़क की स्वीकृति मिली. 440 करोड़ की लागत से बनेगा 24 किमी लंबा बाईपास. बताया कि इसी तरह अमृत भारत स्टेशन के तौर पर गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत फुसरो, कतरासगढ़, बोकारो थर्मल, गोमिया, पारसनाथ, चंद्रपुरा और गोमो स्टेशन का आधुनिकीकरण व जीर्णोद्धार हो रहा है. जबकि धनबाद स्टेशन से चंद्रपुरा स्टेशन तक चलने वाली पैसेंजर गाड़ी का पुनः परिचालन. तेलो स्टेशन में दुमका - रांची एक्सप्रेस और पूर्णिया कोर्ट - हटिया एक्सप्रेस का पुनः ठहराव. कतरासगढ़ स्टेशन पर धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस का ठहराव. रांची से न्यू गिरिडीह तक नयी ट्रेन का परिचालन और इस ट्रेन का विस्तार मधुपुर तक किया गया. पुरी नई दिल्ली एक्सप्रेस का पारसनाथ स्टेशन, हजारीबाग रोड रेलवे स्टेशन और चंद्रपुरा स्टेशन पर ठहराव. हावड़ा-बीकानेर एसएफ एक्सप्रेस का पारसनाथ स्टेशन पर ठहराव तथा धनबाद-रांची एक्सप्रेस का कतरासगढ़ स्टेशन पर ठहराव भी सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के प्रयास से हो सका.
गुड्डू यादव ने बताया कि विस्थापितों की मांग को सर्वप्रथम आंदोलन के माध्यम से आगे रखा गया, उसके बाद मंत्रालय के स्तर पर वार्ता करके ट्रिब्यूनल बनाए जाने की दिशा में स्वीकृति प्रदान कराई गई, जो अब आखरी चरण में है. वहीं पिछड़ा वर्ग के हक व अधिकार के लिए लड़ाई सड़क से लेकर सदन तक और सदन से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ी, जिससे झारखंड सरकार को अपने कदम पीछे हटाने पड़े.
ये भी पढ़ेंः
लोकसभा चुनाव 2024: चतरा सांसद का रिपोर्ट कार्ड, वादे कितने अधूरे, कितने पूरे
लोकसभा चुनाव 2024ः जानिए क्या है सांसद और क्षेत्र के विकास को लेकर कोडरमा के व्यवसायियों की राय