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Explainer: जानिए कैसे कराया जाता है जेएनयू छात्रसंघ चुनाव, डीयू के चुनाव से है बिल्कुल अलग

JNU Strudent Union Elections: जेएनयू के छात्रसंघ चुनाव पर पूरे दिल्ली की नजर बनी रहती है. हालांकि यह दिल्ली विश्वविद्यालय में होने वाले चुनाव से काफी अलग होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से..

jnu strudent union elections
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 23, 2024, 12:35 PM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया जारी है. अगर दिल्ली विश्वविद्यालय के मुकाबले देखा जाए तो जेएनयू का चुनाव बहुत अलग है. यह प्रकिया एक महीने से भी अधिक समय में पूरी होती है. बीते दो फरवरी से छात्रसंघ चुनाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया कि अधिसूचना जारी होने के छह से आठ सप्ताह में जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव संपन्न होना अनिवार्य है. यह अधिसूचना प्रो. मनुराधा चौधरी की तरफ से जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) को जारी की गई थी.

अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद जेएनयूएसयू छात्रसंघ चुनाव के लिए सक्रिय हो गया. इस प्रक्रिया को शुरू कराने के क्रम में 10 फरवरी को यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) का आयोजन किया गया, जिसमें कई कई प्रस्ताव पारित किए गए. इनमें प्रमुख रूप से यह प्रस्ताव शामिल था कि कोरोना काल के कारण चार साल से चुनाव न होने से जो छात्र चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें आयु सीमा में दो साल की छूट मिलेगी. फिलहाल जेनएनयू के 13 स्कूलों और सात सेंटरों में जीबीएम कराया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश को दी गई है. आइए जानते हैं जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया.

कितने पदों के लिए होता है छात्रसंघ चुनाव: दिल्ली विश्वविद्यालय की ही तरह जेएनयू में भी चार पदों के लिए चुनाव होता है. ये चार पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के होते हैं. इन चार पदों के लिए जेएनयू के छात्र मतदान करते हैं और मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशियों की घोषणा की जाती है.

कैसे शुरू होती है चुनाव की प्रक्रिया: छात्रसंघ चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सर्वप्रथम मौजूदा छात्रसंघ के पदाधिकारी, डीन ऑफ स्टूडेंट (डीओएस) कार्यालय को चुनाव कराने के लिए अनुरोध भेजते हैं. इसके बाद डीओएस कार्यालय छात्रसंघ पदाधिकारियों को यूजीबीएम (यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग) कराने की अनुमति देता है. इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी छात्र मौजूद रहते हैं और छात्रसंघ चुनाव में लागू किए जाने वाले नियमों पर चर्चा करते हैं. अगर आयु सीमा में छूट देने सहित या अन्य कोई बदलाव किया जाता है, तो वह इसी बैठक में लिए जाते हैं.

चुनाव का अगला पड़ाव: इसके बाद यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग के बाद बैठक में लिए गए सभी निर्णय की जानकारी डीओएस कार्यालय को भेजी जाती है और डीओएस द्वारा उन निर्णयों को लागू करने की अधिसूचना जारी करने के लिए कहा जाता है. साथ ही मौजूदा छात्रसंघ के दो पदाधिकारियों को स्कूलों में जीबीएम कराने के लिए नामित करने के लिए कहा जाता है. आमतौर पर डीओएस, जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के जनरल बॉडी मीटिंग में तय किए गए दो नामों को मंजूरी देते हैं.

क्या होता है जीबीएम व क्या है इसकी प्रक्रिया: डीओएस की मंजूरी के बाद, जेएनयूएसयू के दो पदाधिकारी जेएनयू के 13 स्कूलों और सात सेंटरों की अलग-अलग जीबीएम कराते हैं. इसमें छात्रों को शामिल होने की छूट दी जाती है. जीबीएम की बैठक में स्कूलों व सेंटरों के छात्र, चुनाव समिति के एक सदस्य का सर्वसम्मति से चुनाव करते हैं. अगर एक छात्र भी चुनाव समिति का सदस्य बनने के इच्छुक छात्र का विरोध करता है तो उसे नहीं चुना जाता है.

जीबीएम के संपन्न होने के बाद की प्रक्रिया: सभी स्कूलों के जनरल बॉडी मीटिंग संपन्न होने के बाद, चयनित चुनाव समिति के सदस्यों में से एक सदस्य को चुनाव समिति का अध्यक्ष चुना जाता है. इसके बाद चुनाव समिति के सदस्यों की सहमति से अध्यक्ष छात्रसंघ के पदाधिकारियों और काउंसलर के चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है. इनमें नामांकन करने की तारीख, नाम वापस लेने की तारीख और मतदान की तारीख शामिल होती है. जिस दिन चुनाव की तारीखों की घोषणा होती है, उसी दिन से परिसर में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है. इसके बाद प्रत्याशी परिसर के अंदर छात्रों को लुभाने के लिए किसी भी तरह की गतिविधि नहीं कर सकते. इसके बाद चुनाव कराकर उसमें विजयी प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाते हैं, जो बाद में पदभार संभालते हैं.

यह भी पढ़ें-जेएनयू छात्रसंघ चुनाव: पांच स्कूलों की जीबीएम संपन्न, आज भी कई स्कूलों में जीबीएम का आयोजन

यह भी पढ़ें-जेएनयू में डीन ऑफ स्टूडेंट ने माना प्रस्ताव, आइशी घोष और मोहम्मद दानिश को जनरल बॉडी मीटिंग कराने के लिए किया नामित

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इन दिनों छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया जारी है. अगर दिल्ली विश्वविद्यालय के मुकाबले देखा जाए तो जेएनयू का चुनाव बहुत अलग है. यह प्रकिया एक महीने से भी अधिक समय में पूरी होती है. बीते दो फरवरी से छात्रसंघ चुनाव को लेकर एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया कि अधिसूचना जारी होने के छह से आठ सप्ताह में जेएनयू छात्रसंघ का चुनाव संपन्न होना अनिवार्य है. यह अधिसूचना प्रो. मनुराधा चौधरी की तरफ से जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) को जारी की गई थी.

अधिसूचना जारी होने के तुरंत बाद जेएनयूएसयू छात्रसंघ चुनाव के लिए सक्रिय हो गया. इस प्रक्रिया को शुरू कराने के क्रम में 10 फरवरी को यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) का आयोजन किया गया, जिसमें कई कई प्रस्ताव पारित किए गए. इनमें प्रमुख रूप से यह प्रस्ताव शामिल था कि कोरोना काल के कारण चार साल से चुनाव न होने से जो छात्र चुनाव लड़ने के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें आयु सीमा में दो साल की छूट मिलेगी. फिलहाल जेनएनयू के 13 स्कूलों और सात सेंटरों में जीबीएम कराया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष और संयुक्त सचिव मोहम्मद दानिश को दी गई है. आइए जानते हैं जेएनयू छात्रसंघ चुनाव की प्रक्रिया.

कितने पदों के लिए होता है छात्रसंघ चुनाव: दिल्ली विश्वविद्यालय की ही तरह जेएनयू में भी चार पदों के लिए चुनाव होता है. ये चार पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के होते हैं. इन चार पदों के लिए जेएनयू के छात्र मतदान करते हैं और मतगणना के बाद विजयी प्रत्याशियों की घोषणा की जाती है.

कैसे शुरू होती है चुनाव की प्रक्रिया: छात्रसंघ चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सर्वप्रथम मौजूदा छात्रसंघ के पदाधिकारी, डीन ऑफ स्टूडेंट (डीओएस) कार्यालय को चुनाव कराने के लिए अनुरोध भेजते हैं. इसके बाद डीओएस कार्यालय छात्रसंघ पदाधिकारियों को यूजीबीएम (यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग) कराने की अनुमति देता है. इस बैठक में विश्वविद्यालय के सभी छात्र मौजूद रहते हैं और छात्रसंघ चुनाव में लागू किए जाने वाले नियमों पर चर्चा करते हैं. अगर आयु सीमा में छूट देने सहित या अन्य कोई बदलाव किया जाता है, तो वह इसी बैठक में लिए जाते हैं.

चुनाव का अगला पड़ाव: इसके बाद यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग के बाद बैठक में लिए गए सभी निर्णय की जानकारी डीओएस कार्यालय को भेजी जाती है और डीओएस द्वारा उन निर्णयों को लागू करने की अधिसूचना जारी करने के लिए कहा जाता है. साथ ही मौजूदा छात्रसंघ के दो पदाधिकारियों को स्कूलों में जीबीएम कराने के लिए नामित करने के लिए कहा जाता है. आमतौर पर डीओएस, जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के जनरल बॉडी मीटिंग में तय किए गए दो नामों को मंजूरी देते हैं.

क्या होता है जीबीएम व क्या है इसकी प्रक्रिया: डीओएस की मंजूरी के बाद, जेएनयूएसयू के दो पदाधिकारी जेएनयू के 13 स्कूलों और सात सेंटरों की अलग-अलग जीबीएम कराते हैं. इसमें छात्रों को शामिल होने की छूट दी जाती है. जीबीएम की बैठक में स्कूलों व सेंटरों के छात्र, चुनाव समिति के एक सदस्य का सर्वसम्मति से चुनाव करते हैं. अगर एक छात्र भी चुनाव समिति का सदस्य बनने के इच्छुक छात्र का विरोध करता है तो उसे नहीं चुना जाता है.

जीबीएम के संपन्न होने के बाद की प्रक्रिया: सभी स्कूलों के जनरल बॉडी मीटिंग संपन्न होने के बाद, चयनित चुनाव समिति के सदस्यों में से एक सदस्य को चुनाव समिति का अध्यक्ष चुना जाता है. इसके बाद चुनाव समिति के सदस्यों की सहमति से अध्यक्ष छात्रसंघ के पदाधिकारियों और काउंसलर के चुनाव की तारीखों की घोषणा करता है. इनमें नामांकन करने की तारीख, नाम वापस लेने की तारीख और मतदान की तारीख शामिल होती है. जिस दिन चुनाव की तारीखों की घोषणा होती है, उसी दिन से परिसर में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है. इसके बाद प्रत्याशी परिसर के अंदर छात्रों को लुभाने के लिए किसी भी तरह की गतिविधि नहीं कर सकते. इसके बाद चुनाव कराकर उसमें विजयी प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जाते हैं, जो बाद में पदभार संभालते हैं.

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