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झालावाड़-बारां से पांचवीं बार सांसद का चुनाव लड़ेंगे दुष्यंत सिंह, जानिए कैसा रहा राजनैतिक सफर

भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव के लिए जारी की गई उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में झालावाड़-बारां से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधार राजे के बेटे दुष्यंत सिंह को मैदान में उतारा है. दुष्यंत सिंह इस सीट से पांचवी बार चुनाव लड़ने जा रहा हैं. जानिए कौन हैं दुष्यंत सिंह और कैसा रहा उनका राजनीतिक सफर...

Lok Sabha Candidate Dushyant Singh
Lok Sabha Candidate Dushyant Singh
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 2, 2024, 9:45 PM IST

झालावाड़. भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट शनिवार को जारी की है. ऐसे में प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटों में से 15 सीटों पर उम्मीदवार के नाम साफ कर दिए गए हैं. झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह पर अपना भरोसा जताया है. दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार सांसद का चुनाव लड़ेंगे. इससे पूर्व भी इस लोकसभा सीट से दुष्यंत सिंह की मां वसुंधरा राजे सिंधिया पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुकीं हैं.

प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुकीं हैं. झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ भी माना जाता है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे ने झालरापाटन विधानसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनके बेटे और चार बार सांसद रह चुके दुष्यंत सिंह को टिकट देकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मां और बेटे पर फिर से विश्वास जताया है.

पढ़ें. इस सीट पर 35 साल से एक ही परिवार का कब्जा, कांग्रेस का हर दांव हुआ फेल, इस बार भी दुष्यंत उतरे मैदान में

स्कूली शिक्षा दून विद्यालय से की पूरी : सांसद दुष्यंत सिंह का जन्म 11 सितम्बर 1973 को मुम्बई के महाराष्ट्र में हुआ. उनकी मां वसुंधरा राजे और उनके पिता का नाम हेमंत सिंह है. दुष्यंत सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा दून विद्यालय से पूरी की. इसके बाद वो सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली और जॉनसन और वेल्स विश्वविद्यालय, प्रोविडेंस, आरआई और स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, नौकटेल, स्विट्ज़रलैंड चले गए. दुष्यंत सिंह का संबंध धौलपुर के पूर्व राज घराने से है. निहारिका और दुष्यंत सिंह के दो संतान हैं, एक बेटी भैरवी और बेटा विनायक प्रताप सिंह, जिन्होंने हाल ही के विधानसभा चुनाव में अपनी दादी वसुंधरा राजे के लिए पहला वोट किया था.

राजघराने से संबंध रखते हैं दुष्यंत-निहारिका : दुष्यंत सिंह धौलपुर पूर्व राजघराने के सदस्य हैं. वहीं, वसुंधरा राजे सिंधिया दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री और अटल बिहारी वाजपेयी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहीं हैं. वह ग्वालियर के पूर्व महाराजा जीवाजी राव सिंधिया और पूर्व राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पुत्री हैं. दुष्यंत सिंह का विवाह समथर राज्य की पूर्व राजकुमारी निहारिका राजे से हुआ है, जो नेपाल के पूर्व राणा राजवंश के पूर्व महाराजा रणजीत सिंह जूदेव और गंगा राज्य लक्ष्मी की बेटी हैं.

पढ़ें. लोकसभा चुनाव 2024: राजस्थान की 15 सीटों पर नामों का ऐलान, गजेंद्र सिंह, अर्जुनराम, ओम बिरला फिर मैदान में

2004 में लड़ा पहला लोकसभा चुनाव : सांसद दुष्यंत सिंह 2003 में भारत लौटने के बाद अपनी मां और दादी विजयाराजे सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2004 में लड़ा और झालावाड़-बारां निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में चुने गए. 2009 में सिंह ने अपना दूसरा लोकसभा चुनाव जीता. 2014 में दुष्यंत सिंह भारी जीत के साथ तीसरी बार लोकसभा सीट जीती. 2019 में लगातार चौथी बार रिकॉर्ड मतों से लोकसभा सीट जीती.

झालावाड़. भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट शनिवार को जारी की है. ऐसे में प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटों में से 15 सीटों पर उम्मीदवार के नाम साफ कर दिए गए हैं. झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह पर अपना भरोसा जताया है. दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र से लगातार पांचवीं बार सांसद का चुनाव लड़ेंगे. इससे पूर्व भी इस लोकसभा सीट से दुष्यंत सिंह की मां वसुंधरा राजे सिंधिया पांच बार लोकसभा चुनाव जीत चुकीं हैं.

प्रदेश की राजनीति में वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुकीं हैं. झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ भी माना जाता है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी वसुंधरा राजे ने झालरापाटन विधानसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की थी. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उनके बेटे और चार बार सांसद रह चुके दुष्यंत सिंह को टिकट देकर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मां और बेटे पर फिर से विश्वास जताया है.

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स्कूली शिक्षा दून विद्यालय से की पूरी : सांसद दुष्यंत सिंह का जन्म 11 सितम्बर 1973 को मुम्बई के महाराष्ट्र में हुआ. उनकी मां वसुंधरा राजे और उनके पिता का नाम हेमंत सिंह है. दुष्यंत सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा दून विद्यालय से पूरी की. इसके बाद वो सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली और जॉनसन और वेल्स विश्वविद्यालय, प्रोविडेंस, आरआई और स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट, नौकटेल, स्विट्ज़रलैंड चले गए. दुष्यंत सिंह का संबंध धौलपुर के पूर्व राज घराने से है. निहारिका और दुष्यंत सिंह के दो संतान हैं, एक बेटी भैरवी और बेटा विनायक प्रताप सिंह, जिन्होंने हाल ही के विधानसभा चुनाव में अपनी दादी वसुंधरा राजे के लिए पहला वोट किया था.

राजघराने से संबंध रखते हैं दुष्यंत-निहारिका : दुष्यंत सिंह धौलपुर पूर्व राजघराने के सदस्य हैं. वहीं, वसुंधरा राजे सिंधिया दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री और अटल बिहारी वाजपेयी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री रहीं हैं. वह ग्वालियर के पूर्व महाराजा जीवाजी राव सिंधिया और पूर्व राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पुत्री हैं. दुष्यंत सिंह का विवाह समथर राज्य की पूर्व राजकुमारी निहारिका राजे से हुआ है, जो नेपाल के पूर्व राणा राजवंश के पूर्व महाराजा रणजीत सिंह जूदेव और गंगा राज्य लक्ष्मी की बेटी हैं.

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2004 में लड़ा पहला लोकसभा चुनाव : सांसद दुष्यंत सिंह 2003 में भारत लौटने के बाद अपनी मां और दादी विजयाराजे सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने अपना पहला चुनाव वर्ष 2004 में लड़ा और झालावाड़-बारां निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में चुने गए. 2009 में सिंह ने अपना दूसरा लोकसभा चुनाव जीता. 2014 में दुष्यंत सिंह भारी जीत के साथ तीसरी बार लोकसभा सीट जीती. 2019 में लगातार चौथी बार रिकॉर्ड मतों से लोकसभा सीट जीती.

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