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चंपई सोरेन बने झारखंड नए मुख्यमंत्री, जानिए कैसे तय किया किसान से राज्य के प्रधान बनने का सफर

Jharkhand new CM Champai Soren. चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं. एक बार फिर राज्य के सत्ता की कमान कोल्हान के विधायक के हाथ में आ गयी है. चंपई सोरेन एक जुझारू नेता के रूप में जाने जाते हैं. किसान से राज्य के मुख्यमंत्री बनने तक का उनका सफर काफी संघर्ष भरा रहा है.

Jharkhand new CM Champai Soren
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 1:54 PM IST

रांची: चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. चंपई सोरेन सरायकेला से जेएमएम के विधायक हैं. पिछली सरकार में भी वो मंत्री थे.

बता दें कि चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री बने हैं. वो लगातार चार बार से सरायकेला से विधायक हैं. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद वो लगातार चुनाव में विजयी रहे. झारखंड सरकार में मंत्री भी बने.

चंपई सोरेन सामान्य किसान परिवार से हैं. वो अपने माता पिता की सबसे बड़ी संतान हैं. उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही की. वो अपने पिता के साथ जिलिंगगोरा गांव में रहते थे और अपने पिता का हाथ बंटाते थे. कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई. उनके तीन बेटे और 2 बेटियां हैं.

झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन की अहम भूमिका है. चंपई सोरेन शिबू सोरेन के साथ अलग राज्य के आंदोलन में शामिल हुए. अपने लोगों के बीच वो झारखंड टाइगर के नाम से जाने जाते हैं. पहली बार वो सरायकेला सीट से निर्दलीय विधायक बने थे. बाद में वो झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए.

साल 2010 से 13 के दौरान वो अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. राज्य में राष्ट्रपति शासन हटने के बाद बनी झामुमो की सरकार में वो फिर एक बार मंत्री बने. 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी तो हेमंत कैबिनेट में वो फिर से मंत्री बनाए गए. इसके साथ ही वो झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं.

रांची: चंपई सोरेन झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री बने हैं. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. चंपई सोरेन सरायकेला से जेएमएम के विधायक हैं. पिछली सरकार में भी वो मंत्री थे.

बता दें कि चंपई सोरेन, हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री बने हैं. वो लगातार चार बार से सरायकेला से विधायक हैं. साल 2000 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद वो लगातार चुनाव में विजयी रहे. झारखंड सरकार में मंत्री भी बने.

चंपई सोरेन सामान्य किसान परिवार से हैं. वो अपने माता पिता की सबसे बड़ी संतान हैं. उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से ही की. वो अपने पिता के साथ जिलिंगगोरा गांव में रहते थे और अपने पिता का हाथ बंटाते थे. कम उम्र में ही उनकी शादी हो गई. उनके तीन बेटे और 2 बेटियां हैं.

झारखंड आंदोलन में चंपई सोरेन की अहम भूमिका है. चंपई सोरेन शिबू सोरेन के साथ अलग राज्य के आंदोलन में शामिल हुए. अपने लोगों के बीच वो झारखंड टाइगर के नाम से जाने जाते हैं. पहली बार वो सरायकेला सीट से निर्दलीय विधायक बने थे. बाद में वो झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए.

साल 2010 से 13 के दौरान वो अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. राज्य में राष्ट्रपति शासन हटने के बाद बनी झामुमो की सरकार में वो फिर एक बार मंत्री बने. 2019 में जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी तो हेमंत कैबिनेट में वो फिर से मंत्री बनाए गए. इसके साथ ही वो झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं.

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