जींद: हरियाणा के जींद में उचाना हाईवे स्थित अतिरिक्त मंडी में महापंचायत आयोजित हुई. इस महापंचायत को लेकर पंजाब बॉर्डर व कैथल बॉर्डर की सीमा सील करने के बावजूद भारी तादाद में किसान पहुंचे. महापंचायत शुरू होने से पहले अतिरिक्त मंडी के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. जब तक पंचायत चली तब तक प्रशासन की पंचायत पर नजर रही. हरियाणा के साथ-साथ पंजाब सहित अन्य राज्यों से भी किसान पहुंचे. महापंचायत का आयोजन भारतीय किसान नौजवान यूनियन द्वारा किया गया. किसान नेता जगजीत सिंह तल्लेवाल, श्रवण सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़ मुख्य रूप से पहुंचे.
कुरुक्षेत्र में फिर होगी महापंचायत: महापंचायत में हुए फैसले की जानकारी देते हुए तल्लेवाल ने बताया कि यूपी में भी गत एक सितंबर को किसान महांपचायत हुई थी. दक्षिण भारत में भी 27-28 अगस्त को इस तरह की महापंचायत हो चुकी है. 22 सितंबर को पीपली कुरुक्षेत्र महापंचायत आयोजित होगी. हम जिन मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है. वो मांग केवल पंजाब, हरियाणा की नहीं है. बल्कि पूरे देश के किसानों की है. इस आंदोलन के साथ पूरे देश को जोड़ने के लिए देश के कौने-कौने में जाकर किसान महापंचायत की जा रही है.
सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया: पूरे देश को इस आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा. किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ इस आंदोलन से जोड़ने का प्रयास है. तल्लेवाल ने कहा कि किसान महापंचायत में आने से जिस तरह के किसानों को सरकार द्वारा रोका गया वो बहुत शर्मनाक, निंदनीय है. एक तरफ तो हमारे पीएम, बीजेपी के प्रवक्ता कहते हैं कि सरकार ही किसानों की है. किसानों के हित की बातें सरकार करती है. हम अगर देखे तो आज तक किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. किसानों के खिलाफ फैसले जरूर लिए गए है. किसान पंचायत शांतिपूर्वक होती है. किसी तरह की हिंसा की संभावना नहीं होती.
आंदोलन को मजबूत करना उद्देश्य: किसान एकत्रित न हो इसको लेकर कई जगहों पर तो सीमेंट के बैरिकेडिंग तक लगाए गए. गुरुद्वारों प्रबंधकों को यहां तक कहा गया कि इनको खाना नहीं बना कर देना. ये सबसे बुरी बात है क्योंकि सदियों से हमारी परंपरा चली आ रही है. उसको दबाने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव से कुछ लेना देना नहीं है. हमारा उद्देश्य आंदोलन को मजबूत करना है. हमारा प्रयास न चुनाव के अंदर किसी की मदद करना ना विरोध करना है. सभी किसान पंचायतों में एक ही एजेंडा है. हम अपने आंदोलन को मजबूत करें.