नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. इसी कड़ी में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 14 मार्च को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में 'किसान महापंचायत' करने का ऐलान किया है. मोर्चा ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ‘किसान मजदूर महापंचायत’ आयोजित करने की अनुमति दे दी है. महापंचायत में मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा. वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कड़ी शर्तों के साथ रामलीला मैदान में महापंचायत की इजाजत दी गई है.
मोर्चा ने दावा किया है कि महापंचायत में उत्तर प्रदेश, पंजाब हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसान और मजदूर शामिल होंगे. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि एमएसपी गारंटी कानून एक बड़ा मुद्दा है. स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, भूमि अधिग्रहण, बिजली आदि के मुद्दे हैं. ऐसा नहीं है कि देश में एमएसपी गारंटी कानून लागू होता है तो किसानों की समस्या का समाधान हो जाएगा. पटवारी से लेकर अधिकारी तक किसानों के खिलाफ काम करते हैं. संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर 14 मार्च 2024 को दिल्ली में बड़ी महापंचायत होगी. एक दिन का प्रोग्राम है. सरकार से अपनी बात कह कर आएंगे. जगह-जगह आंदोलन करने पड़ेंगे. जरूरी नहीं की बड़ा आंदोलन हो तब ही किसान इकट्ठा हो. किसानों की वैचारिक लड़ाई है. जो किसान अपने खेत में बैठा हुआ है वह भी वैचारिक रूप से दिल्ली से जुड़ा है.
गांव-गांव जाकर किसानों को दे रहे न्यौताः पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने गांव-गांव जाकर दिल्ली में आयोजित होने वाली किसान मजदूर महापंचायत को सफल बनाने के लिए जनसंपर्क किया. यूनियन के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह का कहना है यूनियन के पदाधिकारी गांव में जाकर किसानों से महापंचायत में शामिल होने के लिए जनसंपर्क कर रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान गाजियाबाद से दिल्ली में होने वाली महापंचायत में पहुंचेंगे. किसान ट्रैक्टर से नहीं बल्कि गाड़ियों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से दिल्ली जाएंगे. जिले में किस किसी एक स्थान पर एकत्रित होंगे जहां से सब एक साथ दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
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चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में महापंचायतः "चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव से दिल्ली पहुंचने की तैयारी में दिन रात जुटे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपने मुद्दों पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करेंगे. एक दिवसीय किसान मजदूर महापंचायत में कश्मीर से कन्याकुमारी तक का किसान अपनी समस्याओं को लेकर बड़ी संख्या में ट्रेन, बस, कार आदि निजी वाहनों से महापंचायत में पहुंच रहे हैं. ट्रैक्टर से पहुंचने में दूर दराज से पहुंचने में असुविधा होती हैं.
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