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कीर्ति पांडेय बनीं यूपी शिक्षा सेवा आयोग की पहली अध्यक्ष, आईएएस अधिकारियों के इंकार करने पर शिक्षाविद को मिली जिम्मेदारी - Kirti Pandey first president UPESSC - KIRTI PANDEY FIRST PRESIDENT UPESSC

कीर्ति पांडेय को उत्तर प्रदेश में शिक्षा सेवा आयोग की पहली अध्यक्ष बनाया गया है. सूबे के शिक्षकों की सभी नियुक्तियां इसी आयोग को करनी हैं. कीर्ति पांडेय का कार्यकाल पांच सालों के लिए होगा.

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कीर्ति पांडेय को मिली बड़ी जिम्मेदारी (photo Credits ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 1, 2024, 10:10 PM IST

लखनऊ: लंबी जद्दोजहद के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को पहला अध्यक्ष मिल गया है. प्रो. कीर्ति पांडेय को 5 सालों के लिए आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. वर्तमान में वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कला संकाय की अधिष्ठाता और विद्या भारती की अध्यक्ष हैं. किसी आइएएस अधिकारी की जगह शिक्षाविद को यह जिम्मेदारी सौंपने की पीछे की कहानी बताई जा रही है कि, किसी भी आईएएस अधिकारी ने शिक्षा आयोग का अध्यक्ष बनने का सरकार का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. इसकी वजह यह है कि, शिक्षा आयोग का दफ्तर प्रयागराज में होगा. आईएएस अधिकारी लखनऊ या नोएडा में काम करना चाहते हैं. आखिरकार सरकार ने एक शिक्षाविद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी रहीं गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को यह जिम्मेदारी सौंपी है. इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.

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सरकार ने जारी की अधिसूचना (photo Credits ETV Bharat)

बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में नियुक्तियों के लिए योगी सरकार ने इस नए आयोग का गठन किया है. अब प्रदेश में शिक्षकों की सभी नियुक्तियां इसी आयोग को करनी हैं. आयोग का गठन काफी पहले कर लिया गया था. लेकिन अध्यक्ष की तलाश चल रही थी. अब आयोग को एक अध्यक्ष भी मिल गया है. सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस पद पर सरकार किसी आईएएस अधिकारी को नियुक्त करना चाहती थी. लेकिन प्रयागराज में मुख्यालय होने की वजह अगले 5 साल कोई भी अधिकारी संगमनगरी में शिफ्ट नहीं होना चाहता था. इसलिए कोई उपयुक्त व्यक्ति न मिलने की वजह से अधिकारी की जगह सरकार ने शिक्षाविद को चुना.

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बधाई देने वालों का लगा तांता (photo Credits ETV Bharat)

गोरखपुर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग में अपनी सेवा देने वाली कीर्ति पांडेय की आरंभिक शिक्षा कुशीनगर जिले के पावानगर महावीर इंटर कॉलेज फाजिल नगर से हुई. कुशीनगर महाविद्यालय से स्नातक के बाद उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और प्रख्यात समाशास्त्री प्रो. एसपी नागेंद्र के निर्देशन में शोध किया. प्रो. नागेंद्र लखनऊ विश्वद्यालय के कुलपति भी रहे. प्रो कीर्ति पांडेय ने विश्वविद्यालय में शिक्षण के साथ साथ अनेक प्रशासनिक और शैक्षणिक जिम्मेदारियों को भी निभाया है.


ये भी पढ़ें : उपचुनाव से पहले BJP का महाप्लान: सीएम ने भाजयुमो के सदस्यता आभियान का किया आगाज, चंदौली में बोले-एक संत और योगी सत्ता का गुलाम नहीं होता - up news

लखनऊ: लंबी जद्दोजहद के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा आयोग को पहला अध्यक्ष मिल गया है. प्रो. कीर्ति पांडेय को 5 सालों के लिए आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. वर्तमान में वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कला संकाय की अधिष्ठाता और विद्या भारती की अध्यक्ष हैं. किसी आइएएस अधिकारी की जगह शिक्षाविद को यह जिम्मेदारी सौंपने की पीछे की कहानी बताई जा रही है कि, किसी भी आईएएस अधिकारी ने शिक्षा आयोग का अध्यक्ष बनने का सरकार का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया. इसकी वजह यह है कि, शिक्षा आयोग का दफ्तर प्रयागराज में होगा. आईएएस अधिकारी लखनऊ या नोएडा में काम करना चाहते हैं. आखिरकार सरकार ने एक शिक्षाविद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी रहीं गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को यह जिम्मेदारी सौंपी है. इस संबंध में सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है.

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सरकार ने जारी की अधिसूचना (photo Credits ETV Bharat)

बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में नियुक्तियों के लिए योगी सरकार ने इस नए आयोग का गठन किया है. अब प्रदेश में शिक्षकों की सभी नियुक्तियां इसी आयोग को करनी हैं. आयोग का गठन काफी पहले कर लिया गया था. लेकिन अध्यक्ष की तलाश चल रही थी. अब आयोग को एक अध्यक्ष भी मिल गया है. सरकार से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस पद पर सरकार किसी आईएएस अधिकारी को नियुक्त करना चाहती थी. लेकिन प्रयागराज में मुख्यालय होने की वजह अगले 5 साल कोई भी अधिकारी संगमनगरी में शिफ्ट नहीं होना चाहता था. इसलिए कोई उपयुक्त व्यक्ति न मिलने की वजह से अधिकारी की जगह सरकार ने शिक्षाविद को चुना.

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बधाई देने वालों का लगा तांता (photo Credits ETV Bharat)

गोरखपुर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विभाग में अपनी सेवा देने वाली कीर्ति पांडेय की आरंभिक शिक्षा कुशीनगर जिले के पावानगर महावीर इंटर कॉलेज फाजिल नगर से हुई. कुशीनगर महाविद्यालय से स्नातक के बाद उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और प्रख्यात समाशास्त्री प्रो. एसपी नागेंद्र के निर्देशन में शोध किया. प्रो. नागेंद्र लखनऊ विश्वद्यालय के कुलपति भी रहे. प्रो कीर्ति पांडेय ने विश्वविद्यालय में शिक्षण के साथ साथ अनेक प्रशासनिक और शैक्षणिक जिम्मेदारियों को भी निभाया है.


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