जयपुर : विधानसभा उपचुनाव में दौसा सीट से भले ही भाजपा ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया हो, लेकिन किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी खत्म होती नहीं दिख रही है. इसका एक और उदाहरण तब सामने आया जब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री कार्यालय में बुलाई. बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को शामिल होना था, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हुए.
अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि किरोड़ी लाल मीणा अभी भी अपनी सरकार से नाराज हैं. भले ही उनके भाई को टिकट मिल गया हो, लेकिन उनकी नाराजगी बरकरार है. इस विषय पर जब ईटीवी भारत ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उनका फोन लगातार स्विच ऑफ आ रहा था. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बैठक की तस्वीरों में भी किरोड़ी लाल मीणा नजर नहीं आए.
इसे भी पढ़ें- भाजपा में सत्ता और संगठन की अग्नि परीक्षा, सदस्यता अभियान और उपचुनाव परिणाम तय करेंगे नेताओं के भविष्य
इस्तीफे की घोषणा के बाद दूरी बरकरार : दौसा लोकसभा सीट हारने के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए 4 जुलाई को जयपुर में अपने मंत्री पद से इस्तीफा देने की सार्वजनिक घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि वे पार्टी आलाकमान से दौसा लोकसभा सीट जिताने का वादा कर चुके थे, लेकिन वादा पूरा न होने पर उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस्तीफा भेज दिया. हालांकि, सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया. इसके बाद से किरोड़ी लाल मीणा न तो विभागीय बैठकों में शामिल हो रहे हैं और न ही सरकारी गाड़ी या बंगले का उपयोग कर रहे हैं.
कैबिनेट बैठक में एक बार हुए शामिल : इस्तीफे के बाद से किरोड़ी लाल मीणा ने बतौर मंत्री किसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. यहां तक कि मानसून के दौरान आपदा मंत्री का जिम्मा होने के बावजूद उन्होंने कोई आपदा प्रबंधन बैठक आयोजित नहीं की. हालांकि, 28 सितंबर को वे कैबिनेट बैठक में अचानक शामिल हुए थे. बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि वे केवल प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के कहने पर आए थे और बैठक में मंत्री नहीं, बल्कि विधायक की हैसियत से शामिल हुए. एसआई भर्ती सहित कुछ मुद्दों पर अपनी बात रखने के लिए उन्होंने इस बैठक में हिस्सा लिया.