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प्रयागराज में किन्नर समुदाय ने खेली होली, खूब उड़ाया अबीर-गुलाल - Prayagraj News

प्रयागराज में किन्नर समुदाय ने शुक्रवार को धूमधाम से होली (Kinnar community played Holi) खेली. इस दौरान किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी ने कहा कि किन्नर आश्रम में सभी किन्नरों ने बड़ी धूमधाम से होली का त्योहार मनाया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 23, 2024, 7:27 AM IST

प्रयागराज में किन्नर समुदाय ने खेली होली

प्रयागराज : होली का त्योहार मुख्य रूप से रंगों का त्योहार होता है और इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शुक्रवार को प्रयागराज जिले में किन्नर समाज ने अबीर गुलाल उड़ाए साथ ही एक दूसरे के साथ फूलों की होली खेली. ऐसा माना गया है कि इस समाज के होली खेलने के बाद नगरवासियों को आशीर्वाद मिलता है. इसलिए किन्नर समाज की ओर से रंगारंग होली का आयोजन किया गया. जिसमें गुलाब की पंखुड़ी, फूल, रंग गुलाल से होली खेली गई. हालांकि, होली खेलने से पूर्व भगवान के चरणों में फूल और रंग गुलाल चढ़ाए गए. इसके बाद फूलों की टोकरी को सिर पर रखने के बाद ही किन्नरों ने होली खेलना शुरू किया.

किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी ने कहा कि किन्नर आश्रम में सभी किन्नरों ने बड़ी धूमधाम से होली का त्योहार मनाया. सबसे पहले किन्नर समाज के इष्ट देवी भौचर मां के चरणों में अबीर गुलाल और फूल चढ़ने के बाद भगवान भोलेनाथ के चरणों में पुष्प अर्पित करने के बाद होली मनाई गई. होली में सात रंग होते हैं. सभी रंगों का अपना महत्व होता है. हम एक समाज में रहते हैं, बाकी लोगों की तरह किन्नर का भी एक समाज है. इन सात रंगों में से किन्नर का भी एक रंग है. उन्होंने कहा कि होली का त्योहार इसलिए मनाया जाता है कि होली से पहले सभी गिले शिकवा को भूलकर रंग लगाकर एक दूसरे को गले लगाकर प्यार का सौहार्द बनाएं. साथ ही इनके समाज के साथ देश में भाईचारा बना रहे इसके लिए भगवान से आज के दिन कामना करते हैं और लोगों से अपील भी. सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर होली मनाएं.

यह भी पढ़ें : साल 1970 से होली के दौरान क्यों बढ़ जाता है तापमान? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ - High Temperature Around Holi

यह भी पढ़ें : होली 2024: त्योहार एक, रंग अनेक, हर राज्य का अपना देसी अंदाज - Different Colours Of Holi In India

प्रयागराज में किन्नर समुदाय ने खेली होली

प्रयागराज : होली का त्योहार मुख्य रूप से रंगों का त्योहार होता है और इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. शुक्रवार को प्रयागराज जिले में किन्नर समाज ने अबीर गुलाल उड़ाए साथ ही एक दूसरे के साथ फूलों की होली खेली. ऐसा माना गया है कि इस समाज के होली खेलने के बाद नगरवासियों को आशीर्वाद मिलता है. इसलिए किन्नर समाज की ओर से रंगारंग होली का आयोजन किया गया. जिसमें गुलाब की पंखुड़ी, फूल, रंग गुलाल से होली खेली गई. हालांकि, होली खेलने से पूर्व भगवान के चरणों में फूल और रंग गुलाल चढ़ाए गए. इसके बाद फूलों की टोकरी को सिर पर रखने के बाद ही किन्नरों ने होली खेलना शुरू किया.

किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य और किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी ने कहा कि किन्नर आश्रम में सभी किन्नरों ने बड़ी धूमधाम से होली का त्योहार मनाया. सबसे पहले किन्नर समाज के इष्ट देवी भौचर मां के चरणों में अबीर गुलाल और फूल चढ़ने के बाद भगवान भोलेनाथ के चरणों में पुष्प अर्पित करने के बाद होली मनाई गई. होली में सात रंग होते हैं. सभी रंगों का अपना महत्व होता है. हम एक समाज में रहते हैं, बाकी लोगों की तरह किन्नर का भी एक समाज है. इन सात रंगों में से किन्नर का भी एक रंग है. उन्होंने कहा कि होली का त्योहार इसलिए मनाया जाता है कि होली से पहले सभी गिले शिकवा को भूलकर रंग लगाकर एक दूसरे को गले लगाकर प्यार का सौहार्द बनाएं. साथ ही इनके समाज के साथ देश में भाईचारा बना रहे इसके लिए भगवान से आज के दिन कामना करते हैं और लोगों से अपील भी. सभी धर्म के लोग एक दूसरे के साथ मिलकर होली मनाएं.

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