खूंटी : भाजपा के कद्दावर नेता और खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने विश्व आदिवासी दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों को ध्यान में रखते हुए सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन नहीं किया जाना चाहिए. झारखंड के कुछ आदिवासी समूह इसमें संशोधन की मांग करते रहे हैं. सच्चाई यह है कि अगर इसमें संशोधन किया गया तो आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा संभव नहीं होगी.
पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह खूंटी विधायक ने कहा कि झारखंड में कई आदिवासी क्रांतिकारी नायक शहीद हुए. भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू, चांद भैरव समेत कई क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों से लड़ते हुए जल, जंगल और जमीन की रक्षा की. आदिवासी वीर शहीदों ने न सिर्फ झारखंड राज्य की लड़ाई में बल्कि देश की आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई. इन सभी नायकों का सम्मान होना चाहिए और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों को ध्यान में रखते हुए सीएनटी, एसपीटी एक्ट में संशोधन नहीं किया जाना चाहिए. जल, जंगल और जमीन की रक्षा होनी चाहिए. जंगल और जमीन की रक्षा होगी तभी आदिवासी सुरक्षित रहेंगे. आदिवासियों को उनका अधिकार मिलना चाहिए और उनका विकास होना चाहिए. विश्व आदिवासी दिवस पूरे विश्व में रहने वाले आदिवासियों की रक्षा और सुरक्षा का संदेश देता है.
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड वीरों की धरती रही है. विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हम सभी वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं और आम लोगों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं देते हैं. आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और विकास ही आदिवासियों को आगे ले जाएगा. सरकार को भी आदिवासियों के अधिकारों के अनुसार काम करना चाहिए, तभी आदिवासियों का विकास होगा.
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